कोलकाता के RG Kar मेडिकल कॉलेज की घटना पर रार अभी भी जारी है। अब इस मामले में पश्चिम बंगाल डॉक्टर्स फोरम के एडवाइजर कौशिक लाहिरी का बयान आया है। उन्होंने दावा किया है कि जिस पीड़िता की रेप के बाद हत्या कर दी गई वो बहुत कुछ जानती थी। कौशिक लाहिरी के अनुसार जीवित रहने के दौरान पीड़िता ने कुछ लोगों से अपना दर्द साझा करने का प्रयास किया था लेकिन इसमें वो सफल नहीं रही।
हिंदुस्तान टाइम्स ने रविवार (1 सितंबर 2024) को पश्चिम बंगाल डॉक्टर्स फोरम के एडवाइजर कौशिक लाहिरी से एक्सक्लूसिव बातचीत की है। उन्होंने बताया कि पीड़िता जीवित रहने के दौरान पीड़िता काफी कुछ दिक्क्तें झेल रही थी। बकौल कौशिक लाहिरी ये समस्याएँ झेल रही पीड़िता अकेली नहीं है बल्कि कई अन्य युवा डॉक्टर भी इसी प्रकार की प्रताड़ना झेल रहीं रहीं। हालाँकि अन्य पीड़िताएँ किसी डर से खामोश हैं लेकिन पीड़िता ने मुँह खोलने की कोशिश की और बदले में उनकी हत्या कर दी गई।
कौशिक लाहिरी ने अपने इंटरव्यू में 9 अगस्त, 2024 को हुई घटना को दर्दनाक और शर्मनाक बताया। उन्होंने बताया कि जो कुछ भी हुआ वो अप्रत्याशित है। उनका दावा है कि पीड़िता के साथ हुए जघन्य वारदात को पहले रेप और हत्या साबित करने की कोशिश की गई। इसके बाद पीड़िता के शव को लावारिश जैसे रखा गया। बकौल कौशिक लाहिरी, केस दर्ज करने में हुई देरी पर सुप्रीम कोर्ट तक ने सवाल उठाए हैं जो कुछ लोगों की मंशा को प्रदर्शित करता है।
डॉक्टर लाहिरी का दावा है कि पीड़िता के परिजनों को भी अस्पताल में 3 घंटे तक बेवजह बिठा कर रखा गया था। इसके बाद लाश का पोस्टमार्टम करवाया गया। लाश का पोस्टमार्टम सूर्यास्त के बाद होने पर भी डॉक्टर लाहिरी ने हैरानी जताई है। उनका दावा है कि भले ही ये पश्चिम बंगाल सरकार के मुताबिक नियमानुसार हो पर कई कानूनविदों और डॉक्टरों की नजर में यह गैरकानूनी माना जाएगा। डॉक्टर कौशिक लाहिरी ने आगे बताया कि बाद में पता चला कि दाह संस्कार के दौरान तमाम दस्तखत पीड़िता के परिजनों के बजाय कुछ स्थानीय राजनैतिक लोगों के लिए गए।
इस से भी गंभीर विषय यह है कि केस में FIR पोस्टमार्टम के बाद दर्ज की गई थी। कौशिक लाहिरी ने घटना के बाद इस्तीफा देने वाले डॉक्टर संदीप घोष का भी जिक्र अपने इंटरवियु में किया। उन्होंने आगे कहा कि आरोपित को बचाने के लिए तमाम तरह के प्रयास भी किए गए लेकिन अंत में उसका चेहरा सबके सामने आ ही गया।