अफगानिस्तान में जारी भारी अस्थिरता के बीच अफगानिस्तान में रह रहे दुनिया भर नागरिकों (के साथ-साथ भारत के नागरिकों को भी कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ा है। ऐसे में वहाँ रहने वाले हिंदू, सिख और बौद्ध जैसे धार्मिक अल्पसंख्यकों की हालात और भी दयनीय नजर आ रही है। ऐसी स्थिति को देखते हुए केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) की वकालत की है।
केंद्रीय पेट्रोलियम और आवास मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने अफगानिस्तान से 168 नागरिकों को भारत लाए जाने से सम्बंधित मीडिया रिपोर्ट को ट्विटर पर शेयर करते हुए लिखा कि हमारे अस्थिर पड़ोस में घट रही घटनाओं और हिन्दू एवं सिख जिस बुरे दौर से गुजर रहे हैं, उसे देखते हुए यह सामने आता है कि नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) कितना जरूरी था। इस रिपोर्ट में बताया गया था कि भारतीय वायु सेना का विमान 168 यात्रियों को लेकर रविवार (22 अगस्त 2021) को हिंडन एयरबेस पर पहुँचा। इन 168 यात्रियों में 107 भारतीय और 23 अफगानी सिख भी शामिल थे। साथ ही इन यात्रियों में अफगानिस्तान के दो अल्पसंख्यक सांसद नरेंदर सिंह खालसा और अनारकली कौर होनारयार भी शामिल थे।
Recent developments in our volatile neighbourhood & the way Sikhs & Hindus are going through a harrowing time are precisely why it was necessary to enact the Citizenship Amendment Act.#CAA#Sikhs
— Hardeep Singh Puri (@HardeepSPuri) August 22, 2021
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सिखों को बचा कर लाए जाने पर अफगान सांसद खालसा ने पीएम मोदी को धन्यवाद दिया। उन्होंने अफगानिस्तान से उन्हें व सिख समुदाय के अन्य लोगों को बचा कर भारत लाए जाने पर भारतीय वायुसेना और केंद्र सरकार को भी धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान से अल्पसंख्यकों को इस बुरे समय में निकाला जाना आवश्यक था। उन्होंने बुरे समय में साथ खड़े रहने के लिए भारत सरकार का धन्यवाद दिया।
तालिबान द्वारा अफगानिस्तान में शासन स्थापित किए जाने के बाद काबुल एयरपोर्ट पर लोगों की भीड़ देश छोड़कर जाने के लिए कई दिनों से जुटी हुई है। अफगानिस्तान में रह रहे हिन्दू और सिख भी तालिबान के बढ़ते प्रभाव के चलते देश छोड़ना चाहते हैं। कई सिखों ने काबुल के निकट गुरुद्वारे में शरण ले रखी है। ऐसे में कुछ दिनों पहले ही केंद्रीय मंत्री पुरी ने कहा था भारतीय अधिकारी सिख नेताओं और अफगानिस्तान में फँसे हुए सिखों के संपर्क में हैं और इन सभी को शीघ्रता से भारत लाया जाएगा।
ज्ञात हो कि पिछले कुछ समय में अफगानिस्तान में बदले हालातों के मद्देनजर एक बार फिर CAA चर्चा में आया है, क्योंकि तालिबान अपने इस्लामी कट्टरपंथ के कारण जाना जाता है। यही कारण है कि अफगानिस्तान के अल्पसंख्यकों के मन में तालिबान के शासन के बाद डर पैदा हो गया है और इन अल्पसंख्यकों को यहाँ अपना भविष्य धुँधला दिखाई दे रहा है। ऐसे में अफगानी अल्पसंख्यक, खासकर हिन्दू और सिख प्रमुख रूप से भारत पर ही निर्भर हैं और CAA हिन्दू एवं सिख अल्पसंख्यकों की सहायता कर सकता है।
हालाँकि, CAA कानून को लेकर केंद्र की मोदी सरकार को लगातार निशाने पर लिया गया। नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) के दिसंबर 2019 में संसद से पास होने के साथ ही देश में उसके खिलाफ माहौल बनाया जाने लगा और उसके विरोध के नाम पर देश की राजधानी दिल्ली में दंगे तक प्रायोजित कराए गए। बता दें कि CAA के द्वारा भारत में पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आए हिन्दू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई धर्म के प्रवासियों के लिए नागरिकता की शर्तों को आसान बनाया गया है।