श्रद्धा की आफताब अमीन पूनावाला से मुंबई में जान-पहचान हुई। फिर एक दिन आफताब ने दिल्ली में श्रद्धा को गला दबाकर मार डाला। उसके शव के 35 टुकड़े किए। 18 दिन तक रात के करीब 2 बजे वह घर से निकल श्रद्धा के बॉडी पार्ट्स दिल्ली में इधर-उधर फेंकता रहा। श्रद्धा की हत्या के करीब छह महीने बाद यह खुलासा हुआ है। 12 नवंबर 2022 को आफताब की गिरफ्तार हुई।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक श्रद्धा मूल रूप से महाराष्ट्र के पालघर की रहने वाली थी। आफताब से उसकी मुलाकात मुंबई में हुई थी। दोनों मलाड के एक कॉल सेंटर में साथ काम करते थे। जान-पहचान कुछ समय बाद प्यार में बदल गई। दोनों लिव इन रिलेशनशिप में रहने लगे। जब श्रद्धा ने शादी का दबाव बनाया तो शुरुआत में आफताब ने टालमटोल की। आखिर में उसे जान से ही मार डाला।
बताया जा रहा है कि शादी का दबाव बढ़ने पर आफताब दिल्ली आया। फिर बहाने से श्रद्धा को बुलाया। यहाँ पर भी दोनों साथ रहने लगे। पुलिस पूछताछ में आफ़ताब ने बताया कि 18 मई 2022 को उसका शादी को लेकर श्रद्धा से काफी झगड़ा हुआ था। इसी दौरान उसने गुस्से में श्रद्धा को गला दबाकर मार डाला। बाद में सबूत छिपाने के लिए उसके शव के 35 टुकड़े किए और उसे दिल्ली के अलग-अलग हिस्सों में फेंक दिया।
Mehrauli Police solved a 6-month-old case&arrested one Aftab for killing one Shraddha,chopping her into pieces&disposing them of.They fell in love while working in Mumbai&came here after families’ opposition.He murdered her when she started forcing him for marriage: Delhi Police
— ANI (@ANI) November 14, 2022
इस बीच महाराष्ट्र में मौजूद श्रद्धा के 59 वर्षीय पिता मदान वाकर ने लंबे समय से बेटी से सम्पर्क न होने पर उसकी खोजबीन शुरू की। वे बेटी बताए गए फ्लैट के पते पर पहुँचे तो वहाँ ताला लगा मिला। आखिरकार 8 नवम्बर 2022 को उन्होंने बेटी की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करवाई। पुलिस ने अपनी जाँच के केंद्र में आफ़ताब को रखकर खोजबीन शुरू की। आरोपित का नंबर सर्विलांस पर लगा कर शनिवार को उसे खोज निकाला।
पुलिस पूछताछ में आफताब ने अपना गुनाह कबूल किया। अब पुलिस आफताब से हुई पूछताछ के आधार पर मृतका श्रद्धा के शव के हिस्से तलाशने में जुटी हुई है। बताया जा रहा है कि अभी तक पुलिस कुछ हड्डियों को बरामद कर पाई है। रिपोर्ट के अनुसार हत्या के बाद 18 दिनों तक आफताब रोज रात के करीब 2 बजे घर से निकलता था। श्रद्धा के शव के टुकड़ों को जंगलों के फेंक आता था ताकि जानवर उसे खा लें।