Tuesday, November 19, 2024
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‘चमगादड़ काटते हैं बिजली’: गोभक्त कमलनाथ के अफसरों ने ढूँढ निकाले बिजली कटौती के मुख्य अभियुक्त

साल 2003 में भी मध्य प्रदेश में कॉन्ग्रेस की सरकार थी और उस समय भी बिजली आपूर्ति एक बड़ा मुद्दा बन गई थी, जिस कारण जनता ने कॉन्ग्रेस सरकार को सत्ता से ऐसे उखाड़ फेंका था कि 15 साल तक कॉन्ग्रेस सत्ता में नहीं आ पाई और अब कॉन्ग्रेस के फिर से सत्ता में आते ही बिजली की समस्या पैदा हो गई है।

मध्य प्रदेश में जनता रोजाना होने वाली बिजली कटौती से परेशान है। ऐसे में कमलनाथ सरकार के अफसरों ने बिजली कटौती को लेकर बेहद अजीबोगरीब बयान दिया है। सरकार का कहना है कि बिजली आपूर्ति की उनकी सारी कोशिशों पर चमगादड़ पानी फेर रहे हैं। कमलनाथ सरकार के अफसरों की मानें तो बिजली की कटौती के लिए चमगादड़ जिम्मेदार हैं।

राज्य में खस्ताहाल बिजली व्यवस्था और अपने निकम्मेपन का दोष चमगादड़ों के सर मढ़कर कमलनाथ सरकार ने अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ने की कोशिश की है। भीषण गर्मी में मध्य प्रदेश के लोगों को बिजली की कटौती से जूझना पड़ रहा है। इसको लेकर कमलनाथ सरकार पर लगातार सवाल भी उठ रहे हैं।

इससे पहले कमलनाथ सरकार ने बिजली की कटौती के लिए शिवराज सरकार में खरीदे गए खराब ट्राँसफॉर्मर्स को जिम्मेदार बताया था। अब कमलनाथ सरकार के अधिकारियों ने अपनी नाकामी को छिपाने के लिए बिजली कटौती के लिए पेड़ों में लटकने वाले चमगादड़ोंं को जिम्मेदार बता रहे हैं।

कमलनाथ सरकार का कहना है कि भोपाल के कमला पार्क के पास तालाब के किनारे बहुत पेड़ हैं, जिन पर सालों से चमगादड़ों का बसेरा है। इन्हीं पेड़ों के नीचे से बिजली की लाइनें निकलती हैं। अक्सर चमगादड़ इन बिजली की लाइनों से टकरा जाते हैं और इस वजह से लाइन में खराबी आ जाती है।

कॉन्ग्रेस सरकार का मानसिक संतुलन बिगड़ गया है- शिवराज सिंह

वहीं, मीडिया से बातचीत में पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है, “पहले कॉन्ग्रेस सरकार बोल रही थी कि शिवराज सिंह चौहान ने घटिया ट्राँसफॉर्मर खरीदे और अब बोल रही है कि चमगादड़ की वजह से बिजली कट रही है। इनका मानसिक संतुलन बिगड़ गया है।”

बिजली संकट से परेशान होकर जब मध्य प्रदेश के ऊर्जा मंत्री प्रियव्रत सिंह ने बिजली विभाग के अधिकारियों की बैठक बुलाई, तो बिजली विभाग के अफसरों ने बताया कि चमगादड़ बिजली के तारों पर उल्टा लटकते हैं, जिसकी वजह से बिजली के तार आपस में चिपक जाते हैं और फॉल्ट हो जाते हैं। लेकिन अधिकारियों की ये बात आम लोगों के गले नहीं उतर रही है और न ही उनके मंत्रालय के मंत्री प्रियव्रत सिंह के।

कमलनाथ सरकार में ही पैदा हुए हैं चमगादड़

कमलनाथ से पहले पिछले 15 साल से मध्य प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की सरकार थी। इस दौरान बिजली की इतनी गंभीर समस्या कभी भी देखने को नहीं मिली थी। ऐसे में कॉन्ग्रेस की कमलनाथ सरकार में अचानक बिजली संकट बढ़ने की वजह से अधिकारी इस समस्या के पीछे की असली वजह का पता नहीं लगा पा रहे हैं और नए-नए तर्क देकर बचने की कोशिश कर रहे हैं।

MP में कॉन्ग्रेस सरकार के दौरान ही होती है बिजली समस्या

मध्य प्रदेश में इस तरह से बिजली कटौती कमलनाथ सरकार के लिए सिरदर्द बन गई है। साल 2003 में भी मध्य प्रदेश में कॉन्ग्रेस की सरकार थी और उस समय भी बिजली आपूर्ति एक बड़ा मुद्दा बन गई थी, जिस कारण जनता ने कॉन्ग्रेस सरकार को सत्ता से ऐसे उखाड़ फेंका था कि 15 साल तक कॉन्ग्रेस सत्ता में नहीं आ पाई और अब कॉन्ग्रेस के फिर से सत्ता में आते ही बिजली की समस्या पैदा हो गई है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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