पिछले दो महीने से भी अधिक समय से जारी किसान आंदोलन अब और उग्र होता जा रहा है। नए कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन को अब किसान पूरे देश में खड़ा करने की तैयारी कर रहे हैं। इसी क्रम में अब 16 फरवरी को किसान मसीहा सर छोटूराम की जयंती पर किसान संगठनों ने देशभर में अपनी एक एकजुटता दिखाने का फैसला किया है। संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने ऐलान किया है कि 18 फरवरी को रेल रोको अभियान चलाएँगे।
बता दें कि राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की सीमा पर पिछले 80 दिनों हजारों किसान कृषि कानूनों के खिलाफ मोर्चा सँभाले हुए हैं। किसान आंदोलन का नेतृत्व कर रहे संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने बुधवार (फरवरी 10, 2021) को राष्ट्रव्यापी रेल रोको अभियान का ऐलान किया। वरिष्ठ किसान नेता और संयुक्त किसान मोर्चा के सदस्य डॉ. दर्शन पाल सिंह ने बताया कि 12 फरवरी को राजस्थान के सभी टोल प्लाजा किसान फ्री कराएँगे, इसके बाद 14 फरवरी को पुलवामा हमले की सालगिरह पर शहीद जवानों और किसानों के लिए कैंडल मार्च निकाला जाएगा और ‘मशाल जुलूस’ एवं अन्य कार्यक्रम आयोजित किए जाएँगे।
On February 16, the farmers will show solidarity throughout the country on the birth anniversary of Sir Chhoturam. Rail roko program will be held on February 18 from 12 to 4 pm across the country: Dr Darshan Pal, Samyukta Kisan Morcha
— ANI (@ANI) February 10, 2021
डॉ. दर्शन पाल सिंह ने कहा, “हम 16 फरवरी को किसान सर छोटूराम की जयंती पर देश भर में एकजुटता दिखाएँगे, इसके लिए किसान सॉलिडैरिटी शो शुरू किया जाएगा। साथ ही 18 फरवरी को दोपहर 12 बजे से शाम 4 बजे तक राष्ट्रव्यापी रेल रोको अभियान चलाया जाएगा।” दर्शन पाल सिंह के मुताबिक हरियाणा में लोगों से बीजेपी और जेजेपी नेताओं पर किसान हित में दबाव बनाने के लिए कहा गया है, अगर वह नहीं मानते तो उन्हें गद्दी छोड़ने के लिए कहें।
बता दें कि किसान हाल ही बनाए गए तीन नए कृषि कानूनों – द प्रोड्यूसर्स ट्रेड एंड कॉमर्स (प्रमोशन एंड फैसिलिटेशन) एक्ट, 2020, द फार्मर्स ( एम्पावरमेंट एंड प्रोटेक्शन) एग्रीमेंट ऑन प्राइस एश्योरेंस एंड फार्म सर्विसेज एक्ट, 2020 और द एसेंशियल कमोडिटीज (एमेंडमेंट) एक्ट, 2020 का विरोध कर रहे हैं।
केन्द्र सरकार इन कानूनों को जहाँ कृषि क्षेत्र में बड़े सुधार के तौर पर पेश कर रही है, वहीं प्रदर्शन कर रहे किसानों नेताओं ने यह भ्रम फैलाया है कि नए कानूनों से एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) और मंडी व्यवस्था खत्म हो जाएगी और वे बड़े कॉरपोरेट पर निर्भर हो जाएँगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीन नए कृषि कानूनों को लेकर कॉन्ग्रेस सहित कुछ विपक्षी दलों पर ‘झूठ एवं अफवाह’ फैलाने का आरोप लगाते हुए बुधवार को कहा कि ये कानून किसी के लिये ‘बंधन नहीं है बल्कि एक विकल्प’ है, ऐसे में विरोध का कोई कारण नहीं है। प्रधानमंत्री ने ऐसे कुछ भ्रम फ़ैलाने वाले हर जगह मौजूद रहने वाले नेताओं को ‘आंदोलनजीवी’ कहा था।