Sunday, November 17, 2024
Homeदेश-समाजJNU से निकलकर जामिया पहुँच गया BBC का जिन्न: प्रोपेगेंडा डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग का...

JNU से निकलकर जामिया पहुँच गया BBC का जिन्न: प्रोपेगेंडा डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग का ऐलान, हंगामे के बाद CRPF-RAF की तैनाती

जामिया यूनिवर्सिटी के बाहर सुरक्षा बढ़ा दी गई है। सीआरपीएफ, रेपिड एक्शन फोर्स और दिल्ली पुलिस के जवानों को तैनात किया गया है। जामिया में BBC डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग से पहले लेफ्ट के नेता को हिरासत में लिया गया है। दिल्ली पुलिस ने यूनिवर्सिटी के बाहर से 4 छात्रों को हिरासत में लिया है।

दिल्ली की जामिया मिलिया इस्लामिया में बीबीसी की प्रोपेगेंडा डॉक्यूमेंट्री पर हंगामे के बाद चार छात्रों को हिरासत में लिए जाने की खबर है। हंगामे की शुरुआत आज (25 जनवरी 2023) शाम 6 बजे एमसीआरसी लॉन में डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग के ऐलान के बाद हुआ। बताया जा रहा है कि इस बीच लेफ्ट, एनएसयूआई और ABVP के गुटों के बीच पथराव भी हुआ।

इससे पहले जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी (JNU) में मंगलवार 24 जनवरी 2023 की शाम से लेकर देर रात इस डॉक्यूमेंट्री को लेकर हंगामा देखने को मिला था। हैदराबाद यूनिवर्सिटी में भी इस्लामी छात्र संगठन बिना अनुमित इसकी स्क्रीनिंग कर चुके हैं।

रिपोर्ट्स के मुताबिक, जामिया यूनिवर्सिटी के बाहर सुरक्षा बढ़ा दी गई है। सीआरपीएफ, रेपिड एक्शन फोर्स (RAF) और दिल्ली पुलिस (Delhi Police) के जवानों को तैनात किया गया है। जामिया में BBC डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग से पहले लेफ्ट के नेता को हिरासत में लिया गया है। दिल्ली पुलिस ने यूनिवर्सिटी के बाहर से 4 छात्रों को हिरासत में लिया है। साथ ही यूनिवर्सिटी के बाहर किसी के रुकने और खड़े होने पर रोक लगा दी है।

वहीं, केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने बीबीसी की विवादित डॉक्यूमेंट्री ‘इडिया: द मोदी क्वेश्चन’ को ऐसे समय में रिलीज किए जाने पर बुधवार (25 जनवरी 2023) को सवाल उठाया। उन्होंने पूछा है कि ‘इडिया: द मोदी क्वेश्चन’ को ऐसे समय में क्यों रिलीज किया गया, जब भारत ने जी20 की अध्यक्षता सँभाली है।

खान ने मीडियाकर्मियों से कहा कि वह इस बात पर हैरान है कि लोग एक विदेशी डॉक्यूमेंट्री निर्माता, हमारे औपनिवेशिक शासकों की राय को देश की शीर्ष अदालत के फैसले से अधिक महत्व दे रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा, “इतने सारे न्यायिक फैसले, जिनमें इसको लेकर सुप्रीम कोर्ट का फैसला भी शामिल है, डॉक्यूमेंट्री बनाते समय इन सभी चीजों को ध्यान में रखा जाना चाहिए।”

इससे पहले जेएनयू में BBC की विवादित डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग को लेकर मंगलवार की रात जमकर बवाल हुआ। देर रात तक छात्रों ने विरोध प्रदर्शन किया। कैंपस में दो छात्र गुटों के बीच पत्थरबाजी की खबर भी सामने आई। जेएनयू छात्र संघ ने आरोप लगाया कि अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) के कार्यकर्ताओं ने डॉक्यूमेंट्री देख रहे छात्रों पर पथराव किया। वहीं एबीवीपी ने इसे नकार दिया। दरअसल, जेएनयू में छात्र संघ की अध्यक्ष आइशी घोष ने गुजरात दंगों पर विवादित डॉक्यूमेंट्री का पोस्टर शेयर करते हुए छात्रों से स्क्रीनिंग में शामिल होने की अपील की थी, जबकि जेएनयू प्रशासन ने एक एडवाइजरी जारी कर ऐसा नहीं करने को कहा था।

केरल में भी कॉन्ग्रेस और वामपंथी दलों ने स्क्रीनिंग करने का ऐलान कर रखा है। केरल प्रदेश कॉन्ग्रेस कमेटी (KPCC) के अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ ने कहा है कि गणतंत्र दिवस पर राज्य के सभी जिला मुख्यालयों में बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री दिखाई जाएगी। इसको लेकर केपीसीसी के प्रवक्ता शिहाबुद्दीन ने कहा है, “डॉक्यूमेंट्री पर प्रतिबंध लगाना संविधान के खिलाफ है। मोदी सरकार इस पर कैसे प्रतिबंध लगा सकती है? यह केंद्र के खिलाफ हमारा विरोध है।”

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

महाराष्ट्र में महायुति सरकार लाने की होड़, मुख्यमंत्री बनने की रेस नहीं: एकनाथ शिंदे, बाला साहेब को ‘हिंदू हृदय सम्राट’ कहने का राहुल गाँधी...

मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने साफ कहा, "हमारी कोई लड़ाई, कोई रेस नहीं है। ये रेस एमवीए में है। हमारे यहाँ पूरी टीम काम कर रही महायुति की सरकार लाने के लिए।"

महाराष्ट्र में चुनाव देख PM मोदी की चुनौती से डरा ‘बच्चा’, पुण्यतिथि पर बाला साहेब ठाकरे को किया याद; लेकिन तारीफ के दो शब्द...

पीएम की चुनौती के बाद ही राहुल गाँधी का बाला साहेब को श्रद्धांजलि देने का ट्वीट आया। हालाँकि देखने वाली बात ये है इतनी बड़ी शख्सियत के लिए राहुल गाँधी अपने ट्वीट में कहीं भी दो लाइन प्रशंसा की नहीं लिख पाए।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -