दिल्ली की जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी (JNU) में बीबीसी की प्रोपेगेंडा डॉक्यूमेंट्री (BBC Documentary) की स्क्रीनिंग को लेकर बवाल बढ़ता जा रहा है। पहले मंगलवार (24 जनवरी 2023) की देर शाम बिजली कटने से डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग नहीं होने और वामपंथी छात्रों की नारेबाजी की खबर आई। उसके बाद देर रात कैंपस के कुछ वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हो गए। इसमें कुछ छात्र हंगामा करते नजर आए। पत्थरबाजी का भी दावा किया जा रहा है।
पत्थरबाजी को लेकर अलग-अलग तरह के दावे किए जा रहे हैं। जेएनयू छात्र संघ का आरोप है कि अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) के कार्यकर्ताओं ने डॉक्यूमेंट्री देख रहे छात्रों पर पत्थर फेंके। जेयूएनएसयू की अध्यक्ष आइसी घोष ने एबीवीपी पर पत्थरबाजी का आरोप लगाया है। वहीं एबीवीपी ने इसे नकार दिया है। कुछ रिपोर्टों में देर रात कैंपस में बिजली सप्लाई बहाल कर देने की बात कही गई है।
Delhi | ABVP pelted stones, no step by admin yet. We almost completed the film’s screening. Our priority is that electricity should be restored. We’ll file FIR: JUNSU President Aishe Gosh pic.twitter.com/pcUBTQdnLU
— ANI (@ANI) January 24, 2023
लेकिन पत्रकार प्रदीप भंडारी ने एक वीडियो ट्वीट कर कहा है, “लाइट कटने के बाद JNU में पत्थरबाजी शुरू हो गई। कई जगह हिंसा की खबर भी आ रही है। आश्चर्य की बात यह है कि एक तरफ वामपंथी डाक्यूमेंट्री देखकर विक्टिम कार्ड खेलना चाहते थे और दूसरी तरफ जबर्दस्त पत्थरबाजी कर रहे हैं।”
STRONG LANGUAGE!!
— Pradeep Bhandari(प्रदीप भंडारी)🇮🇳 (@pradip103) January 24, 2023
लाइट कटने के बाद JNU में पत्थरबाज़ी शुरू हो गई। कई जगह हिंसा की खबर भी आ रही है। आश्चर्य की बात यह है कि एक तरफ़ वामपंथी वो डाक्यूमेंट्री देखकर विक्टिम खेलना चाहते थे और दूसरी तरफ़ ज़बर्दस्त पत्थरबाज़ी कर रहे हैं। 🤦🏽♂️ #JNU pic.twitter.com/YD4Ls9H9PP
पत्रकार सचिन गुप्ता ने ट्वीट कर कहा है कि बिजली गुल होने के बाद मोबाइल, लैपटॉप पर अलग-अलग समूह में कुछ छात्र विवादित डॉक्यूमेंट्री देख रहे थे। इस बीच कुछ पत्थर फेंके गए। डॉक्यूमेंट्री देख रहे छात्रों का आरोप है कि पत्थर बीजेपी और आरएसएस के लोगों ने फेंके।
JNU : डॉक्यूमेंट्री देख रहे छात्रों का आरोप है कि RSS और ABVP के लोगों ने पत्थर बरसाए हैं। pic.twitter.com/eX9uP9xtai
— Sachin Gupta (@sachingupta787) January 24, 2023
गौरतलब है कि बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री ‘इंडिया: द मोदी क्वेश्चन’ को प्रतिबंधित किए जाने के बावजूद कुछ छात्र संगठन और राजनीतिक समूह इसकी स्क्रीनिंग पर अमादा हैं। जेएनयू में छात्र संघ की अध्यक्ष आइशी घोष ने गुजरात दंगों पर विवादित डॉक्यूमेंट्री का पोस्टर शेयर करते हुए छात्रों से स्क्रीनिंग में शामिल होने की अपील की थी। जेएनयू प्रशासन ने एक एडवाइजरी जारी कर ऐसा नहीं करने को कहा था। इससे विश्वविद्यालय में शांति और सद्भाव भंग होने की आशंका जताते हुए बताया था कि विश्वविद्यालय प्रशासन से इसकी अनुमति नहीं ली गई है।
इससे पहले हैदराबाद यूनिवर्सिटी में स्टूडेंट इस्लामिक ऑर्गनाइजेशन और मुस्लिम स्टूडेंट फेडरेशन ने इस प्रोपेगेंडा डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग की थी। इस स्क्रीनिंग में दोनों इस्लामी छात्र संगठनों के 50 से अधिक छात्र मौजूद थे। एबीवीपी ने विश्वविद्यालय प्रबंधन से इसकी शिकायत करते हुए आयोजन करने वाले लोगों पर कार्रवाई की माँग की थी। एबीवीपी के अनुसार बिना अनुमति के यूनिवर्सिटी कैंपस के अंदर स्क्रीनिंग की गई थी।
दरअसल, इस डॉक्यूमेंट्री में BBC ने दंगों का दोष वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर डालने की कोशिश की है। यही नहीं, उनकी छवि इस्लाम विरोधी भी दिखाने की कोशिश की है। दो पार्ट में बनाई गई BBC की इस सीरीज में प्रधानमंत्री मोदी और भारत के मुस्लिमों के बीच तनाव की बात कही गई है। बीबीसी ने मोदी सरकार के देश के मुस्लिमों के प्रति रवैए, कथित विवादित नीतियाँ, कश्मीर के विशेष दर्जे को खत्म करने और नागरिकता कानून को लेकर भी सवाल उठाए गए हैं।
BBC की डॉक्यूमेंट्री पर सरकार ने सख्त रुख अपनाया है। सरकार के आदेश के बाद ट्विटर और यूट्यूब से डॉक्यूमेंट्री से संबंधित लिंक हटाए जा रहे हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक, यूट्यूब वीडियो के लिंक वाले 50 से ज्यादा ट्वीट्स को ब्लॉक किया गया है। आईटी नियम, 2021 के तहत इमरजेंसी शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए सरकार ने यह कार्रवाई की है।