Sunday, December 22, 2024
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1.47 लाख करोड़ रुपए आज रात 11:59 तक चुकाओ – SC ने टेलीकॉम कंपनियों पर चलाया चाबुक

सभी 15 इकाइयों पर लाइसेंस शुल्क के रूप में 92,642 करोड़ रुपए और स्पेक्ट्रम उपयोग शुल्क के रूप में 55,054 करोड़ रुपए बकाया है। यानी, इन टेलीकॉम कंपनियों के ऊपर सरकार के 1.47 लाख करोड़ रुपए बकाया हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने आज AGR मामले में अपना फैसला सुनाते हुए टेलीकॉम कंपनियों को तगड़ा झटका दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने भारती एयरटेल और वोडाफोन जैसी कंपनियों को आज शुक्रवार रात 11.59 PM (फरवरी 14, 2020) तक पूरा बकाया चुकाने के सख्त निर्देश दिए हैं।

इसके बाद भारती एयरटेल ने शुक्रवार को दूरसंचार विभाग को 10,000 करोड़ रुपए का बकाया फरवरी 20, 2020 तक देने, और सुप्रीम कोर्ट में AGR मामले की अगली सुनवाई से पहले बाकी बकाया चुकाने की पेशकश की है। सभी 15 इकाइयों पर लाइसेंस शुल्क के रूप में 92,642 करोड़ रुपए और स्पेक्ट्रम उपयोग शुल्क के रूप में 55,054 करोड़ रुपए बकाया है। यानी, इन टेलीकॉम कंपनियों के ऊपर सरकार के 1.47 लाख करोड़ रुपए बकाया हैं। ये आदेश सर्किल के संचार लेखा नियंत्रक ने जारी किए हैं।

एयरटेल ने दूरसंचार विभाग के सदस्य को भेजे पत्र में कहा है- “माननीय उच्चतम न्यायालय के फैसले और उनके निर्देश के अनुपालन में हम फरवरी 20, 2020 तक भारती समूह की कंपनियों की ओर से 10,000 करोड़ रुपए जमा कर देंगे।” एयरटेल पर सरकार का करीब 35,586 करोड़ रुपए बकाया है, जिसमें लाइसेंस शुल्क और स्पेक्ट्रम उपयोग शुल्क शामिल हैं।

दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने अक्टूबर माह में टेलीकॉम ऑपरेटर्स को 1.33 लाख करोड़ रुपए का बकाया चुकाने के लिए जनवरी 23, 2020 तक का समय दिया था, जो कि कब का गुजर चुका है।

टेलिकॉम कंपनियों की ओर से बरती गई लापरवाही पर केस की सुनवाई कर रहे जस्टिस अरुण मिश्रा ने गुस्से में कहा कि अगर कोर्ट के आदेश की अवमानना एक डेस्क ऑफिसर तक कर रहा है, तो फिर सुप्रीम कोर्ट को बंद कर दीजिए। कोर्ट ने अपने आदेशों की अवमानना पर हैरानी जताते हुए कहा- “आखिर क्या हो रहा है देश में? कोर्ट के आदेशों का पालन क्यों नहीं हो रहा?”

ज्ञात हो कि भारत के टेलीकॉम मार्केट में वोडाफोन, आइडिया, एयरटेल और रिलायंस जियो की 90% हिस्सेदारी है। एयरटेल और वोडाफोन ने अदालत के आदेश को लेकर चिंता जताते हुए कहा था कि इससे उनके सामने संकट पैदा हो जाएगा। कोर्ट के इस फैसले के चलते अब वोडाफोन, आइडिया के लिए अस्तित्व का संकट पैदा हो सकता है। पहले ही वोडाफोन और आइडिया पर 3.9 अरब रुपये का कर्ज है।

रिपोर्ट्स के अनुसार, उच्चतम न्यायलय ने शुक्रवार (फरवरी 14, 2020) को केस की सुनवाई करते हुए वोडाफोन, आइडिया और भारती एयरटेल को चेतावनी देते हुए कहा कि यदि वो 17 मार्च तक यह राशि नहीं चुकाते हैं तो यह अदालत की अवमानना होगी।

इससे पहले अदालत ने वोडोफोन, आइडिया और एयरटेल समेत टेलीकॉम कंपनियों को सरकार के 920 अरब रुपए चुकाने का आदेश दिया था। कोर्ट ने कंपनियों को नोटिस जारी कर पूछा कि एजीआर बकाए के भुगतान के फैसले को न मानने पर अवमानना की कार्रवाई क्यों न की जाए?

सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद वोडाफोन, आइडिया के शेयरों में 19% की बड़ी गिरावट देखने को मिली है। इस साल गत बृहस्पतिवार तक कंपनी की वैल्यूएशन में 27% की कमी आ चुकी है। वहीं, प्रतिस्पर्धी टेलीकॉम कंपनी रिलायंस जियो ने जनवरी 31, 2020 तक एजीआर से जुड़े सभी बकाया भुगतान के लिए दूरसंचार विभाग को 195 करोड़ रुपए दिया था।

टेलीकॉम कंपनियों और दूरसंचार विभाग को कारण बताओ नोटिस

सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में दूरसंचार विभाग की भी खिंचाई की है। बकाया राशि होल्ड पर रखने को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने दूरसंचार विभाग के अधिकारियों को लताड़ लगाई। साथ ही टेलीकॉम कंपनियों और दूरसंचार विभाग को कारण बताओ नोटिस भी जारी किया है।

सुप्रीम कोर्ट ने अपने ऑर्डर में फरवरी 14, 2020 शुक्रवार की रात 11.59 PM से पहले बकाया रकम चुकाने को कहा है। भारती एयरटेल पर 35,586 करोड़ रुपए का बकाया है। वहीं वोडाफोन को 50,000 करोड़ रुपए 23 जनवरी से पहले चुकाना है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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