अपडेट: उत्तर प्रदेश के आगरा में जिलाधिकारी के आदेश पर मरीजों की ऑक्सीजन सप्लाई रोकने के वायरल आरोप में पारस हॉस्पिटल पर कार्रवाई की गई है। पारस हॉस्पिटल के मालिक का एक वीडियो वायरल होने के बाद अस्पताल को सील कर दिया गया है। इसके साथ ही अस्पताल के संचालक पर महामारी ऐक्ट के तहत मामला दर्ज करने के भी निर्देश दिए गए हैं। शुरूआती जाँच तहत प्रमुख सचिव (गृह) ने पारस अस्पताल के मालिक के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया है।
हालाँकि, कार्रवाई के बाद एक विस्तृत वीडियो पारस हॉस्पिटल के मालिक डॉ अरिंजय जैन का आया है। जिसमें उन्होंने मीडिया में वायरल मॉक ड्रिल वीडियो के आधार पर 22 कोविड मरीजों के मरने के दावे को ख़ारिज किया है। एवं आगे की जाँच में भी पूरा सहयोग करने को कहा है।
Oxygen was available at the hospital on Apirl 28 (when video was shot). Agra is a small city. There would an outcry if 22 patients die at a hospital. No patients died due to oxygen shortage that day: Agra DM Prabhu N Singh on Paras hospital matter pic.twitter.com/eJfkkw7To0
— ANI UP (@ANINewsUP) June 8, 2021
वहीं आगरा के जिलाधिकारी प्रभु एन सिंह ने भी ऑक्सीजन से मरीजों के मरने के दावे को ख़ारिज करते हुए कहा है यदि ऐसी कोई बात होती तो आगरा जैसी छोटी शहर होने के कारण हाय-तौबा मच जाती। उन्होंने ऑक्सीजन सप्लाई को लेकर आँकड़े भी जारी किए हैं। जिसमें किल्लत की कोई बात नहीं है।
#Agra पारस अस्पताल में 26,27,28 अप्रैल को क्रमशः121,117,135 ऑक्सीजन सिलिंडर आपुर्ति की गई थी।दि026 को 4/27 को 3 #Covid19 मरीजों की मृत्यु हुई थी।O2 की कमी से कोई मृत्यु नही हुई।28 अप्रैल 21 की व्यक्तिगत/O2 के विवेकसम्मत उपयोग की वार्ता को अब वायरल किया गया।प्राथमिक जांच की बाइट:- pic.twitter.com/roJtQYWxpv
— District Magistrate Agra (@OfficeOfDMAgra) June 7, 2021
सरकारी रिकॉर्ड की बात करें तो 26 अप्रैल को पारस हॉस्पिटल में चार कोरोना मरीजों की मौत दर्ज है। डीएम प्रभु नारायण सिंह ने कहा था कि 26 और 27 अप्रैल को ऑक्सीजन की कमी हुई थी, लेकिन प्रशासन अस्पतालों को ऑक्सीजन लगातार पहुँचाती रही। उन्होंने कहा था कि 26 अप्रैल को पारस हॉस्पिटल में कोरोना के 97 मरीज भर्ती थे, जिनमें से चार की मौत हो गई थी। वहीं मामले में योगी सरकार के प्रवक्ता और कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने इस मामले को जघन्य अपराध बताते हुए कार्रवाई की बात कही थी।
दरअसल, आगरा में एक पारस नाम के निजी अस्पताल के मालिक द्वारा अस्पताल के कोविड और गैर-कोविड वार्ड में भर्ती गंभीर रोगियों को ऑक्सीजन की आपूर्ति बंद करने की बात कही थी, जिसका वीडियो वायरल हो गया था। वीडियो वायरल होने के बाद जिला चिकित्सा पदाधिकारी डॉ आर सी पांडे ने एक समिति गठित कर मामले की शुरूआती जाँच शुरू की थी। घटना 26 अप्रैल की बताई जा रही है और यह वीडियो 7 मई को सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था।
वायरल वीडियो में ऑक्सीजन संकट के मॉक ड्रिल के कारण 5 मिनट में 22 गंभीर मरीजों के मौत की बात कही जा रही है। वीडियो में हॉस्पिटल का संचालक एक शख्स से कहता है कि इससे 22 लोग मर गए थे। यह पूरी बातचीत 26/27 अप्रैल को सामने आए ऑक्सीजन संकट को लेकर बताई जा रही है। लेकिन अब इसमें डॉ ने सफाई दी है कि कोई मौत ऑक्सीजन की कमी से नहीं हुई थी। वीडियो का सन्दर्भ भी अधूरा है।