Sunday, December 22, 2024
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नमाज, 1.25 लाख रुपए और बहन की शादी… 26/11 हमले के पीछे ‘हिंदू आतंकी’ कसाब की कहानी

लॉकअप में जब कसाब ने पाँचों वक्त की नमाज सुनी, तो हैरान रह गया। जाँच अधिकारी जब कसाब को लेकर एक मस्जिद में गए, जहाँ सैकड़ों की संख्या में लोग सड़क पर नमाज पढ़ रहे थे, तो उसे विश्वास ही नहीं हुआ।

लश्कर-ए-तैयबा के 10 आतंकियों द्वारा 26 नवंबर 2008 को मुंबई पर किए गए आतंकी हमले में मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त राकेश मारिया ने खुलासा किया है कि जीवित पकड़ा गया आतंकी अजमल आमिर कसाब ऐसी योजना बनाकर आया था कि यह हमला एक हिंदू आतंकी साजिश लगे। कलाई पर लाल कलावा बाँधे और फर्जी पहचान पत्रों के जरिए वह मरने के बाद खुद की पहचान बंगलुरू के समीर चौधरी के रूप में करवाने की तैयारी में था। इससे मीडिया में यह प्रचारित किया जाता कि मुंबई पर हिंदू आतंकियों ने हमला किया है। लेकिन वह जीवित पकड़ा गया और उसके आकाओं की यह चाल विफल हो गई।

मुंबई आतंकी हमले को ‘हिंदू आतंकवाद’ के रूप में पेश करने की लश्कर की योजना का ब्यौरा देते हुए मारिया ने लिखा, “यदि सब कुछ योजना के अनुसार होता, तो कसाब चौधरी के रूप में मर जाता और मीडिया हमले के लिए ‘हिंदू आतंकवादियों’ को दोषी ठहराती।” हालाँकि उसकी यह योजना धरी की धरी रह गई।

इसके साथ ही मारिया ने अपनी किताब में खुलासा किया कि मुंबई पर हमला करने के लिए कसाब को मिशन पर भेजे जाने से पहले एक हफ्ते की छुट्टी और 1.25 लाख रुपए (पाकिस्तानी रुपए) दिए गए थे। कसाब ने वह पैसे अपनी बहन की शादी के लिए अपने परिवार को दे दिया था। इतना ही नहीं कसाब को पाकिस्तान में बैठे उसके आकाओं ने इस तरह ब्रेन वॉश किया था उसे भारत मे हर कोई दुश्मन लगे और जिहाद कर मरने के बाद जन्नत नसीब हो।

इसके बाद उसका मानना था कि हिंदुस्तान में मुस्लिम बुरे हालात में हैं। उन्हें नमाज नहीं पढ़ने दी जाती, मस्जिदों में ताले लगे होते हैं। लेकिन, जब उसने लॉकअप में पाँचों वक्त की नमाज सुनी, तो हैरान रह गया। ये उसकी कल्पना के बाहर की चीज थी। एक दिन जाँच अधिकारी कसाब को लेकर मेट्रो जंक्शन के नजदीक वाले मस्जिद में गए, जहाँ सैकड़ों की संख्या में लोग सड़क पर नमाज पढ़ रहे थे। यह देखकर कसाब को विश्वास ही नहीं हुआ।

वहीं इस किताब पर प्रतिक्रिया देते हुए केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा, “पहली बात तो ये कि मारिया ने ये सब बात अभी क्यों बोला। जब वो पुलिस कमिश्नर थे, तब उन्हें ये सब बातें बोलनी चाहिए। वास्तव में सर्विस रूल्स के अनुसार, अगर कोई जानकारी वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के पास है तो उन्हें उसके ऊपर एक्शन लेना चाहिए था। मेरे ख्याल से बहुत गहरी साजिश रची गई थी कॉन्ग्रेस द्वारा, UPA द्वारा। झूठ और फरेब का एक और नमूना उस समय हमने देखा था, जब उन्होंने पूरी तरीके से झूठा हिंदू टेरर… चिदंबरम साहब के कहने पर खड़ा करने की कोशिश की थी।”

उन्होंने आगे कहा, “मैं निंदा करता हूँ कॉन्ग्रेस का और सभी उन लोगों का, जिन्होंने हिंदू टेरर के झूठे आरोपों से उस समय देश को गुमराह करने की कोशिश की थी। उसका खामियाजा उन्हें 2014 में और 2019 में… देश की जनता ने उन्हें पूरी तरह से हराया। मैं समझता हूँ टेरर का कोई धर्म नहीं होता। टेररिस्ट, टेररिस्ट होता है और झूठे आरोपों पर कुछ लोगों को जो फँसाने की कोशिश कॉन्ग्रेस ने की थी, उसकी हमारी सरकार घोर निंदा करती है।”

भाजपा नेता राम माधव ने कहा, “पुस्तक के माध्यम से एक बड़ा खुलासा हुआ है। इसमें बताया गया है पाकिस्तान की आईएसआई द्वारा की गई साजिश सफल नहीं हो सकी, लेकिन कुछ कॉन्ग्रेस नेताओं और अन्य लोगों द्वारा इसे सफल बनाने की कोशिश उस समय किए गए थे। कुछ बुद्धिजीवियों ने मुंबई आतंकवादी हमले को आरएसएस से जोड़ने का प्रयास किया था, उन्हें कॉन्ग्रेस नेताओं का समर्थन प्राप्त था।”

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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