उदयपुर में कन्हैया लाल की हत्या के बाद अजमेर की ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती दरगाह के बाहर भड़काऊ नारेबाजी के वीडियो सामने आए थे। इस मामले में दरगाह का खादिम गौहर चिश्ती भी आरोपित है जो फिलहाल पुलिस की गिरफ्त में है। पूछताछ से पता चला है कि उसने अजमेर और उदयपुर में दंगों का प्लान बनाया था।
दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के अनुसार उसकी इस साजिशों के बारे में दरगाह के दूसरे खादिम भी जानते थे। बावजूद उन्होंने इसके बारे में पुलिस को नहीं बताया। रिपोर्ट के अनुसार गौहर ने 16 जून 2022 की शाम खादिमों के साथ मोहल्ले में बैठक की थी। इसके बाद दंगों की तैयारी को लेकर एक वाॅट्सएप ग्रुप बनाया गया। वह लोगों को ‘सर तन से जुदा’ के लिए भी उकसा रहा था। कथित तौर पर उसकी साजिशों का पता चलने के बाद खादिम दो गुट में बँट गए और 17 जून को हुए मौन जुलूस में शामिल नहीं हुए। इसी जुलूस में भड़काऊ नारे लगे थे। इसके बाद गौहर उदयपुर गया था, जहाँ मोहम्मद रियाज और गौस मोहम्मद ने दुकान में घुसकर 28 जून को कन्हैया लाल का गला काट दिया था।
रिपोर्ट की माने तो अभी तक की पूछताछ में कन्हैया लाल के हत्यारों के साथ उसके कनेक्शन सामने नहीं आए हैं। लिहाजा राष्ट्रीय जाँच एजेंसी (NIA) ने इस मामले से दूरी बना रखी है। उल्लेखनीय है कि जब गौहर फरार था तो कुछ रिपोर्टों में बताया गया था कि उदयपुर में वह कन्हैया लाल के हत्यारे से मिला था। निर्मम हत्या को अंजाम देने के बाद हत्यारे उसके पास ही शरण लेने अजमेर आ रहे थे, लेकिन रास्ते में पकड़े गए।
अजमेर पुलिस ने 25 जून को गौहर चिश्ती के खिलाफ भड़काऊ नारे लगाने का केस दर्ज किया था। बाद में वह हैदराबाद से पकड़ा गया था। पत्रिका डॉट कॉम की रिपोर्ट के अनुसार उसके रिश्ते कई इस्लामिक संगठनों से भी मिले हैं। यह भी पता चला है कि गौहर दो मोबाइल फोन का इस्तेमाल कर रहा था। इनमें से एक से वह 15 गूगल अकाउंट चला रहा था। इन गूगल अकाउंट का इस्तेमाल किस काम के लिए हो रहा था यह फिलहाल स्पष्ट नहीं है।
कन्हैया लाल की हत्या नूपुर शर्मा के समर्थन में पोस्ट करने को लेकर की गई थी। पिछले दिनों राजस्थान पुलिस ने अजमेर दरगाह के एक और खादिम सलमान चिश्ती को नूपुर की हत्या के लिए उकसाने के आरोप में गिरफ्तार किया था। सलमान का जो वीडियो वायरल हुआ था, उसमें वह कह रहा था कि नूपुर की गर्दन लाने वाले को वह अपना मकान देगा। इसके बाद अजमेर की दरगाह शरीफ मैनेजमेंट कमिटी के सचिव सैयद सरवर चिश्ती का भी बयान सामने आया था। उन्होंने नुपूर शर्मा को मिल रहे समर्थन पर एतराज जताया था। कहा था कि मुसलमान इसे बर्दश्त नहीं करेंगे।