राजस्थान के अजमेर शरीफ दरगाह के सामने ‘सर तन से जुदा’ के नारे लगाने वाले दरगाह के खादिम मौलवी गौहर चिश्ती सहित छह आरोपितों को कोर्ट ने बरी कर दिया है। भाजपा नेता नूपुर शर्मा के बयान के बाद इस्लामी कट्टरपंथी देश में महौल बिगाड़ रहे थे। इनमें ये लोग भी शामिल थे। इसके बाद उदयपुर में कन्हैया लाल दर्जी का गला रेत दिया गया। देश के कई इलाकों से भी ऐसी घटनाएँ सामने आई थीं।
खादिम सहित सभी छह आरोपितों को एडीजे-4 कोर्ट ने बरी किया है। यह मामला पिछले दो साल से ट्रायल कोर्ट में चल रहा था। मामले की सुनवाई के दौरान कुल 22 गवाह और 32 दस्तावेज पेश किए गए थे। दोनों पक्ष की दलीलों को सुनने के बाद जज रितु मीणा सभी आरोपितों को बरी कर दिया। इस मामले में एक आरोपित अहसानुल्लाह फरार है। उस पर कोर्ट ने कोई फैसला नहीं दिया।
‘सर तन से जुदा’ के नारे लगाने वाले इस मामले में जिन आरोपितों को बरी किया गया है, उनके नाम हैं- दरगाह के खादिम गौहर चिश्ती, अजमेर के रहने वाले 31 साल के ताजिम सिद्दीकी पुत्र नईम खान, 42 साल के फखर जमाली पुत्र सैयद मोहम्मद जुबैर जमाली, 47 साल के रियाज हसन दल पुत्र हसन, 48 साल के मोईन खान पुत्र स्व. शमसुद्दीन खान और 45 साल के नासिर खान।
दरगाह के सामने अपने साथियों सहित ‘सर तन से जुदा’ के भड़काऊ नारे लगाने वाले दरगाह के मौलवी गौहर चिश्ती को साल 2022 में तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद से गिरफ्तार किया गया था। दरअसल, नूपुर शर्मा प्रकरण के दौरान मौलाना का एक वीडियो वायरल हुआ था।। इस वीडियो में ये सभी आपत्तिजनक नारे लगाते हुए दिखे थे। इसके बाद इनके खिलाफ जून 2022 में मुकदमा दर्ज किया गया था।
इस मामले में सरकारी वकील गुलाम नजमी फारूकी ने बताया कि कोर्ट ने पूरा निर्णय अभी आउट नहीं किया है। वर्तमान में सिर्फ इसकी घोषणा की गई है। इसमें सभी छह आरोपितों को सभी धाराओं में बरी करने की बात कही गई है। सरकारी वकील ने बताया कि पूरा जजमेंट देखने के बाद वे इस फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील करेंगे। वहीं, फरार आरोपित अहसानुल्लाह पर कोई फैसला नहीं आया है।
वहीं, आरोपितों की ओर से पेश वकील अजय वर्मा का कहना है कि भड़काऊ नारे वाले जो भी वीडियो सामने आए थे, उनका सत्यापन नहीं हो पाया। पुलिस ने मौके का नक्शा नहीं बनाया और जो पुलिसकर्मी मौके पर मौजूद थे, वे भी अपनी मौजूदगी के दस्तावेज पेश नहीं कर पाए। वकील अजय वर्मा ने कहा कि कोर्ट ने इस संबंध में पर्याप्त साक्ष्य नहीं पाया और सभी आरोपितों को बरी कर दिया।
भास्कर की रिपोर्ट के मुताबिक, सरकारी वकील फारूकी ने बताया कि इस पूरे प्रकरण का एक वीडियो सामने आया था। वीडियो के आधार पर अजमेर के रहने वाले चार आरोपितों- ताजिम सिद्दीकी, फखर जमाली, रियाज हसन दल, मोईन खान, नासिर खान को गिरफ्तार किया गया था। इस दौरान मौलाना गौहर चिश्ती फरार हो गया था। उसे हैदराबाद में अहसानुल्लाह ने शरण दी थी।
इस मामले में पुलिस ने 15 जुलाई 2022 को दरगाह के मौलाना गौहर चिश्ती और अहसानुल्लाह को पकड़ लिया था। बाद में आरोपित अहसानुल्लाह को जमानत पर रिहा किया गया था। इसके बाद वह फरार हो गया। उसकी खोज-खबर नहीं मिली। जाँच अधिकारी दलबीर सिंह की रिपोर्ट के आधार पर कोर्ट ने अहसानुल्लाह को 12 मार्च 2024 को फरार घोषित कर दिया था।
उदयपुर के कन्हैयालाल हत्याकांड में NIA के निशाने पर भी गौहर चिश्ती था। भड़काऊ भाषण और नारेबाजी के बाद खादिम गौहर चिश्ती ने उदयपुर यात्रा की थी। इसके साथ ही गौहर की कुछ पुरानी संदिग्ध फोटो भी सामने आई थी, जिसमें गौहर चिश्ती CRPF परिसर का VIDEO बनाते हुए दिख रहा था। हालाँकि, गौहर चिश्ती से पूछताछ में कुछ भी काम की जानकारी सामने नहीं आई थी।
बता दें कि नूपुर शर्मा द्वारा इस्लाम के पैगंबर पर दिए गए बयान के बाद कट्टरपंथियों ने इसे ईशनिंदा बताकर देश में माहौल खराब करने की घोषणा की थी। इसके बाद 17 जून 2022 को कॉन्स्टेबल जयनारायण जाट ने रिपोर्ट दर्ज करवाई थी। इसमें उन्होंने कहा कि था कि घटना के दिन वह दोपहर करीब 3 बजे निजाम गेट पर ड्यूटी दे रहे थे। उस दौरान मौन जुलूस निकाला जा रहा था।
जाट ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि इस दौरान सुनियोजित तरीके से खादिम गौहर चिश्ती हित कुछ लोगों ने नारे लगाने शुरू कर दिए थे। उसमें रिक्शे पर लाउडस्पीकर लगाकर ‘सिर तन से जुदा’ के नारे लगाए थे। जुलूस में 2500-3000 लोगों की भीड़ दरगाह के सामने जुटी थी। जाट की रिपोर्ट के आधार पर चिश्ती पर हिंसा के लिए भीड़ को उकसाने और हत्या की अपील करने का मामला दर्ज किया गया था।
इस घटना के बाद 28 जून 2022 को उदयपुर में कन्हैयालाल नाम के एक दर्जी की गला काटकर सार्वजनिक रूप से हत्या कर दी गई थी। इस दौरान आरोपित मोहम्मद रियाज़ अंसारी और मोहम्मद गौस ने गला काटने का वीडियो भी बनाया था। बाद में पुलिस ने इन दोनों आरोपितों को पकड़ लिया। ये दोनों अभी जेल में हैं। वहीं, कन्हैया लाल के परिजनों को अभी भी न्याय का इंतजार है।
कन्हैया लाल के बेटे घोषणा की है कि जब तक उनके पिता को न्याय नहीं मिल जाता, तब वे जूता-चप्पल नहीं पहनेंगे और नंगे पैर रहेंगे। इतना ही नहीं, मृतक कन्हैया लाल की अस्थियाँ भी विसर्जन की बाट खोज रही हैं। मामला कोर्ट में विचाराधीन है। दूसरी तरफ, आपत्तिजनक नारे लगाकर लोगों को उकसाने वाले खादिम सहित अन्य आरोपितों के मामले में तेजी से सुनवाई होते हुए उन्हें बरी भी कर दिया गया।