हाथरस गैंगरेप पीड़िता का अंतिम संस्कार बुधवार (30 सितंबर, 2020) तड़के सुबह पुलिस और प्रशासन की मौजूदगी में उसके पिता द्वारा कर दिया गया। परिवार का आरोप है कि पुलिस ने उनकी इच्छा के खिलाफ शव का दाह संस्कार किया। परिजन पीड़िता का दाह संस्कार सुबह करना चाहते थे। हालाँकि, पुलिस का कहना है कि पीड़िता की मृत्यु के 24 घंटे बीत जाने की वजह से शव का सड़ना शुरू हो गया था, जिस वजह से बिना देर किए अंतिम संस्कार करना पड़ा।
उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से पीड़िता के परिवार को 10 लाख रुपए का मुआवजा देने की घोषणा की गई है। वहीं इस मामले पर संज्ञान लेते हुए पीएम मोदी ने भी यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ से मामले में जानकारी ली। सीएम ने टेलीफोन पर बातचीत में बताया कि इस घटना की जाँच के लिए एक विशेष टीम बनाई गई है। टीम अगले सात दिनों में रिपोर्ट सौंपेगी।
गौरतलब है कि घटना के कुछ दिन बीत जाने के बाद अलीगढ़ से इलाज के लिए लाई गई 19 वर्षीय पीड़िता ने एक दिन बाद 29 सितंबर, 2020 को दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में दम तोड़ दिया था। जिसके कुछ घंटों बाद 19 वर्षीय हाथरस सामूहिक बलात्कार पीड़िता के खिलाफ की गई क्रूरता की रिपोर्ट सोशल मीडिया पर आनी शुरू हो गई। कुछ लोगों ने पीड़िता को लेकर दावा किया कि आरोपितों ने क्रूर बलात्कार के दौरान उसकी रीढ़ की हड्डी तोड़ दी, उसकी ऑंखें फोड़ दी और उसकी जीभ को भी काट डाला। हालाँकि, पुलिस ने मामले की जानकारी देते हुए कि मेडिकल रिपोर्ट में कहा गया है कि अपराधियों द्वारा गला घोटते वक्त उसको चोटें आई थीं। पुलिस ने कहा कि शुरुआती मेडिकल रिपोर्ट में बलात्कार के कोई संकेत नहीं हैं।
घटना की पूरी जानकारी देते हुए पुलिस ने बताया, “घटना 14 सितंबर की है, पीड़िता के भाई ने थाने में तहरीर दी थी कि उसकी माँ और पीड़िता खेत में चारा काटने गई थी तो किसी ने उसे मारने के लिए गला दबा कर उस पर हमला किया। जिसके बाद 14 तारीख को ही आईपीसी धारा 307 और एस सी एस ती एक्ट के तहत मुकदमा पंजीकृत किया गया। अधिकारियों ने आगे बताया कि मामले में पीड़िता के भाई सतेंद्र ने एक ही अभियुक्त (संदीप) की जानकारी दी थी।”
थाना चंदपा क्षेत्रान्तर्गत दिनांक 14.09.2020 को घटित घटना के संबंध में जिलाधिकारी हाथरस व पुलिस अधीक्षक हाथरस द्वारा दी गई बाइट @dgpup @Uppolice @adgzoneagra @vikrant_ips @ANINewsUP @News18UP @bstvlive @ANINewsUP pic.twitter.com/7Xmj7c6X3p
— HATHRAS POLICE (@hathraspolice) September 29, 2020
पुलिस ने आगे बताया, लड़की गंभीर रूप से घायल थी इसलिए उसे अलीगढ़ के जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया, जहाँ उसका इलाज शुरू हुआ। इस बीच, पुलिस ने मामले की जाँच शुरू कर दी और 19 सितंबर को संदीप को गिरफ्तार कर लिया गया था। जब पीड़िता को अस्पताल में भर्ती कराया गया था, तब वह अपना बयान देने की हालत में नहीं थी। जिसके बाद 22 सितंबर को एक महिला अधिकारी को पीड़िता का बयान दर्ज कराने के लिए भेजा गया।
फास्ट ट्रैक कोर्ट
हाथरस के पुलिस अधिकारी ने पुष्टि की कि पीड़िता ने अपने बयान में तीन अन्य आरोपितों के नाम लेते हुए बताया कि उनके द्वारा उसका बलात्कार किया गया था। जिसके आधार पर आईपीसी की धारा 376 D (सामूहिक बलात्कार का आरोप) को भी एफआईआर में शामिल किया गया।
पीड़िता द्वारा दर्ज कराए गए बयान के आधार पर पुलिस ने 23 सितंबर को दूसरे आरोपित लवकुश को गिरफ्तार किया। तीसरे आरोपित रवि को 25 सितंबर को और चौथा आरोपित रामू 26 सितंबर को गिरफ्तार किया गया। सभी चार आरोपितों को जेल भेज दिया गया है। अधिकारी ने कहा कि इस मामले की सुनवाई फास्ट-ट्रैक अदालत द्वारा की जाएगी।
सोशल मीडिया पर चल रही भ्रामक खबरों को पुलिस ने किया खारिज
पुलिस ने बताया, पीड़िता को 28 सितंबर सफदरजंग अस्पताल दिल्ली में भर्ती कराया गया था। गंभीर चोटों के कारण 29 सितंबर को उसकी मृत्यु हो गई। जिसके बाद आईपीसी की धारा 302 (हत्या की सजा) भी लागू कर दी गई है। साथ ही एससी / एसटी अधिनियम के तहत, पीड़ित परिवार को 10 लाख रुपए का मुआवजा दिया गया है।
वहीं पुलिस ने सोशल मीडिया पर वायरल हो रही खबरों को खारिज करते हुए कहा कि अपराधियों द्वारा लड़की की जीभ नहीं काटी गई थी। जब उसका गला घोंटा गया तो उसकी जीभ उसके दांतों के बीच आ गई, जिसकी वजह से उसमें चोट लग गई।
इस मामले पर एक अन्य बाईट देते हुए आईजी पीयूष मोर्डिया ने मीडिया से कहा कि पीड़िता के मेडिकल परीक्षण के दौरान बलात्कार के कोई संकेत नहीं थे। उन्होंने आगे कहा कि डॉक्टरों द्वारा दिए गए सुझाव के अनुसार, आगे के मेडिकल परीक्षण के लिए आगरा में फोरेंसिक विज्ञान लैब में पीड़िता के रिपोर्ट्स को भेजा गया है। जल्द ही मामले की पुष्टि की जाएगी।
क्या है पूरा मामला
गौरतलब 14 सितंबर को पीड़िता चारा इकट्ठा करने के लिए खेत में गई थी, जब युवकों के एक समूह ने उस पर पीछे से हमला किया था। किशोरी को उसके गले में दुपट्टे से बाँधकर घसीट कर खेत में ले जाया गया, जहाँ कथित तौर पर उसके साथ बलात्कार किया गया। शायद घसीटने की वजह से ही उसकी रीढ़ की हड्डी में चोट आई थी। दुष्कर्म का विरोध करने पर आरोपितों ने पीड़िता की गला दबा कर हत्या करने की कोशिश की। पुलिस ने कहा कि इसी दौरान पीड़िता की जीभ दाँत के बीच में आ गई और कट गई।
उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले के चन्दपा पुलिस स्टेशन के स्टेशन हाउस ऑफिसर (SHO) को मामले में ‘तुरंत कार्रवाई करने में उनकी विफलता’ के कारण जिला पुलिस लाइनों में ट्रांसफर कर दिया गया है। हाथरस एएसपी प्रकाश कुमार ने पुष्टि की है कि शव का पोस्टमॉर्टम करने के बाद उसे गाँव लाया जाएगा।
पीड़िता के शव को पोस्टमॉर्टम के बाद गाँव लाया गया जहाँ बाद में उसका अंतिम संस्कार कर दिया गया।
नोट: ताजा जानकारी के अनुसार रिपोर्ट को आगे अपडेट किया जाएगा।