Thursday, November 7, 2024
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‘हाथ छू कर इलाज, 400-500 को जुटा कर ईसाई धर्मांतरण, झारखंड पुलिस सब जान कर भी चुप’: जमशेदपुर में ‘चंगाई सभा’ के नाम पर खेल

"ये देशद्रोह जैसी हरकत है। रवि सिंह ने हमारे सरदारों में से भी कइयों को अपने साथ मिला लिया था। बाद में उन्होंने गुरुद्वारे में आ कर माफ़ी माँगी और अपनी वापसी करवाई। हम सिखों ने भी कुछ समय पहले इनकी शिकायत प्रशासन से की। लेकिन किसी ने ध्यान नहीं दिया।"

झारखंड के जमशेदपुर में धर्मांतरण के आरोप में विवाद की खबर है। आरोप है कि गोलमुरी नामदा बस्ती के नानक नगर में एक घर में प्रार्थना सभा के नाम पर लोगों को धर्म-परिवर्तन के लिए बुलाया गया था। हिन्दू संगठनों ने मौके पर पहुँच कर विरोध किया। मौके पर पुलिस पहुँची और मामले को शांत करवाया। घटना रविवार (27 फरवरी, 2022) की है।

धर्मांतरण का आरोप लगा कर विरोध प्रदर्शन करने वालों में महिलाएँ भी शामिल रहीं। उन्होंने कथित प्रार्थना सभा में लगे बैनरों को उखाड़ फेंका। मौके पर कई पुरुष भी जमा थे। वो ‘धर्मांतरण के खिलाफ होश में आओ’ के नारे लगा रहे थे। पुलिस के साथ अन्य तमाम प्रशासनिक अधिकारी आक्रोशित लोगों को समझते हुए दिखाई दे रहे थे। आक्रोशित लोग जिला प्रशासन पर भी शिकायत के बाद भी कार्रवाई न करने का आरोप लगा थे।

हिंदू संगठनों का आरोप है कि रवि सिंह नाम का व्यक्ति लगभग 3 साल से जमशेदपुर में धर्मांतरण का रैकेट चला रहा है। वो हर रविवार को ‘चंगाई सभा’ के नाम पर भीड़ जुटाता है। साथ ही लोगों को ईसाई बनने के लिए प्रेरित करता है। ऑपइंडिया ने इस घटना की पूरी पड़ताल की। इस पड़ताल में हमने हिन्दू संगठनों, गुरुद्वारा कमेटी, पुलिस और आरोपित पक्ष से जानकारी जुटाई।

इस घटना का विरोध करने वालों में प्रमुख रहे जमशेदपुर के अरुण सिंह से ऑपइंडिया ने की बात

जमशेदपुर के निवासी और हिन्दू पीठ के अध्यक्ष अरुण सिंह ने ऑपइंडिया को बताया, “रवि सिंह और विश्वजीत सिंह नाम के 2 लोग अपने साथियों के साथ मिल कर जमशेदपुर में धर्म परिवर्तन का रैकेट चला रहे हैं। ये ऐसा लगभग 3 साल से कर रहे हैं। ये दोनों पहले सरदार (सिख) थे। बाद में ईसाई हो कर इन्होंने जमशेदपुर में ठिकाना बना लिया। ये लोगों को हाथ से छू कर इलाज करने का दावा करता है। कोरोना काल में भी इसने सैकड़ों लोगों के साथ ऐसा किया। हम पिछले काफी समय से इसके खिलाफ प्रशासन में शिकायत कर रहे हैं। लेकिन, प्रशासन ने कोई भी ठोस एक्शन नहीं लिया। लोगों में अन्धविश्वास के साथ लालच भी इन आरोपितों द्वारा फैलाया जाता है। सभा में सबको ईसाई धर्म की किताब दे दी जाती है।”

घटना के दिन की जानकारी देते हुए अरुण सिंह ने बताया, “रविवार को लगभग 400 से 500 लोग रवि सिंह के छोटे से घर में जमा थे। वहाँ कोविड के नियमों का पालन भी नहीं किया जा रहा था। एक महिला को लालच दिया गया था कि आए लोगों को धर्म परिवर्तन के लिए प्रेरित करो। हर धर्मांतरण के बदले 5000 रुपए देने का वादा किया गया था। महिला ने ऐसा करने से मना कर दिया। साथ ही हम सभी को सूचना दे दी। हम एक साथ जमा हुए और विरोध किया। तब तक पुलिस भी आ गई। पुलिस ने रवि को हिरासत में लिया। हमें पता नहीं कि उसे जेल भेजा गया या नहीं।”

बाँटे गए पर्चे

अरुण सिंह ने आगे बताया, “ये सभी हिन्दू के नाम से ही अपने तमाम सभा और जमावड़े करते हैं। रविवार की भी सभा इन्होंने महाभिषेक की प्रार्थना सभा नाम से जुटाई थी। हमारे साथ सिख समाज के लोग भी थी विरोध प्रदर्शन करने में। सिख समाज पहले ही इन लोगों को अपने समाज से बहिष्कृत कर चुका है। इस इस केस में एक महिला ने आरोपितों के खिलाफ पुलिस में शिकायत दी है। यहाँ धर्मांतरण बड़े पैमाने पर हो रहा है।”

हिन्दू संगठनों द्वारा विरोध प्रदर्शन

एम साई कुमारी ने दी है आरोपित रवि सिंह के खिलाफ पुलिस में शिकायत

इस घटना में आरोपित रवि सिंह के खिलाफ पुलिस में शिकायत एम साईं कुमारी नाम की एक महिला ने दी है। अपने शिकायत में उन्होंने लिखा, “मैं कुछ महिलाओं के साथ रवि सिंह और विश्वजीत सिंह की महाभिषेक सभा में 10 बजे सुबह गई। इस सभा में गरीब तबके और सिख समुदाय के लोग भी मौजूद थे। मुझे लोगों को ईसाई धर्म अपनाने के लिए प्रेरित करने को कहा गया। इसके बदले मुझे 5 हजार रुपए प्रति व्यक्ति देने का वादा किया गया। जब मैंने मना किया तब मुझ पर झूठे केस लगाने की धमकी दी। साथ ही मेरे साथ गई महिलाओं को धक्के मार कर निकाल दिया गया। यहाँ हिन्दुओं का धर्म परिवर्तन करवाने का कुचक्र चल रहा है।”

आरोपित रवि सिंह के खिलाफ थाने में दी गई शिकायत

जमशेदपुर के सरदार शैलेन्द्र सिंह ने आरोपितों को बताया देशद्रोही

ऑपइंडिया ने इस घटना के बारे में झारखंड के गुरुद्वारा प्रबंध कमेटी के प्रमुख सरदार शैलेन्द्र सिंह से बात की। उन्होंने बताया, “धर्मांतरण की ऐसी करतें जमशेदपुर ही नहीं बल्कि पंजाब तक हो रही हैं। रवि सिंह जैसे ये लोग विदेशों से पैसा पा कर हमारे देश में हर धर्म के लोगों को निशाना बनाते हैं। ये देशद्रोह जैसी हरकत है। रवि सिंह ने हमारे सरदारों में से भी कइयों को अपने साथ मिला लिया था। बाद में उन्होंने गुरुद्वारे में आ कर माफ़ी माँगी और अपनी वापसी करवाई। हम सिखों ने भी कुछ समय पहले इनकी शिकायत प्रशासन से की। लेकिन किसी ने ध्यान नहीं दिया। रविवार को अचानक ही बम फट गया। इनकी जाँच होनी चाहिए। हम सिख समाज के लोगों का इन लोगों से कोई मतलब नहीं।”

पुलिस ने अभी तक नहीं की है कोई भी गिरफ्तारी

ऑपइंडिया ने इस घटना की जानकारी जमशेदपुर के एस पी सिटी से ली। उन्होंने बताया, “पूरे मामले की जाँच पुलिस कर रही है। दोनों पक्षों ने पुलिस में शिकायत की है। अभी तक इस मामले में किसी की भी गिरफ्तारी नहीं की गई है। आगे की जानकारी जाँच की प्रगति के आधार पर दी जाएगी।”

पुलिस कस्टडी में आरोपित पास्टर रवि

आरोपित की रवि सिंह की बहन ने अपने भाई को बताया निर्दोष

ऑपइंडिया ने आरोपित रवि सिंह से सम्पर्क किया। फोन रवि सिंह की बहन ने सीता कौर ने उठाया। उन्होंने बताया, “हमारे ऊपर लग रहे आरोप झूठे हैं। हम किसी को धर्म परिवर्तन का दबाव नहीं देते। हम मूल रूप से पंजाब के जालंधर से हैं। किसी से आरोप लगा देने से कुछ नहीं होता। उसे सिद्ध करना होता है। इस केस में भी हमारे खिलाफ अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है क्योंकि हमने कुछ किया ही नहीं है।” अब ऑपइंडिया ने उनसे सवाल किया कि क्या आप सिख थीं और अब ईसाई बन चुकी हैं तो इस पर उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया और बात को टाल दिया।

सोशल मीडिया पर ईसाइयत की पोस्ट शेयर किया करता है रवि सिंह

ऑपइंडिया ने आरोपित रवि सिंह के सोशल मीडिया हैंडल को खंगाला। रवि सिंह के फेसबुक पर चंगाई सभाओं के तमाम फोटो और वीडियो शेयर हुए हैं।

रवि सिंह खुद को पास्टर कहता है। उसके सोशल हैंडलों पर यहोवा अदि के संदेश अक्सर प्रकाशित होते रहते हैं। कथित प्रार्थना सभा के दौरान आने वाले मरीजों के फोटो भी उसने शेयर कर रखे हैं।

पास्टर रवि

पास्टर रवि ने रविवार की घटना को भी अपने फेसबुक पर LIVE किया था।

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राहुल पाण्डेय
राहुल पाण्डेयhttp://www.opindia.com
धर्म और राष्ट्र की रक्षा को जीवन की प्राथमिकता मानते हुए पत्रकारिता के पथ पर अग्रसर एक प्रशिक्षु। सैनिक व किसान परिवार से संबंधित।

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