इज़रायल ने फिलिस्तीन के इस्लामी आतंकी संगठन हमास पर हमले तेज कर दिए हैं। इस बीच दुनिया का हर देश वहाँ फँसे अपने लोगों को निकालने का रास्ता खोज रहा है। भारत ने बुधवार (11 अक्टूबर 2022) को ऐलान किया है कि वह गुरुवार (12 अक्टूबर 2023) से इज़रायल और फिलिस्तीन में फँसे अपने नागरिकों को लाने के लिए ऑपरेशन ‘अजय’ शुरू कर रहा है।
भारत के विदेश मंत्री डॉक्टर सुब्रह्मण्यम जयशंकर ने अपने एक्स (पूर्व में ट्विटर) हैंडल पर इस संबंध में जानकारी पोस्ट की है। ऑपरेशन अजय के तहत भारत सरकार विशेष चार्टर्ड उड़ानों के जरिए भारतीय नागरिकों को वापस लाएगी। यही नहीं, जरूरत पड़ने पर भारतीय नौसेना के जहाजों को भी सेवा में लगाया जाएगा।
एक्स हैंडल की पोस्ट में विदेश मंत्री जयशंकर ने लिखा, “हमारे जो नागरिक इजरायल से वापस आना चाहते हैं, उनकी वापसी की सुविधा के लिए ऑपरेशन अजय लॉन्च कर रहा हूँ। विशेष चार्टर उड़ानें और अन्य व्यवस्थाएँ की जा रही हैं। हम विदेश में अपने नागरिकों की सुरक्षा और भलाई के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं।”
Launching #OperationAjay to facilitate the return from Israel of our citizens who wish to return.
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) October 11, 2023
Special charter flights and other arrangements being put in place.
Fully committed to the safety and well-being of our nationals abroad.
इजरायल की राजधानी तेल अवीव में भारतीय दूतावास ने कहा कि उसने गुरुवार को खास उड़ान से भारत लौटने वाले रजिस्टर्ड भारतीय नागरिकों के पहले बैच को ईमेल कर दिया गया है। वहीं, अन्य रजिस्टर्ड लोगों के लिए आगे की उड़ानों से उन्हें वापस लाने के लिए मैसेज भेजा जाएगा।
वहीं, विदेश मंत्री जयशंकर ने बुधवार की शाम को संयुक्त अरब अमीरात (UAE) के विदेश मंत्री शेख अब्दुल्ला बिन जायद से भी बात की। उन्होंने एक्स पोस्ट में कहा, “हमने पश्चिम एशिया में चल रहे संकट पर चर्चा की और संपर्क में बने रहने पर सहमति जताई।” दरअसल, इजरायल में 18 हजार भारतीय रहते हैं। इनमें नौकरी करने वालों से सलेकर छात्र और व्यापारी भी शामिल हैं।
गौरतलब है कि 7 अक्टूबर 2023 को हमास द्वारा इज़रायल पर हमला कर नागरिकों की हत्याएँ करने के बाद अरब देश के किसी विदेश मंत्री के साथ भारत के विदेश मंत्री की ये पहली बातचीत थी। दरअसल यूएई और बहरीन ने इजरायल पर हमलों के लिए हमास की आलोचना की है।
रिपोर्ट के मुताबिक, अधिकारियों ने बताया कि भारत ने गाजा सहित इज़रायल और फिलिस्तीन में फँसे अपने नागरिकों को निकालने के लिए आकस्मिक तौर पर योजनाएँ शुरू की हैं। वहीं, वहाँ फँसे भारतीय नागरिकों के लिए 24 घंटे मदद के लिए कंट्रोल रूम स्थापित किया गया है। इसका मकसद मौजूदा हालात की निगरानी, जानकारी और मदद देना है।
In view of the ongoing developments in Israel and Palestine, a 24-hour Control Room has been set up at @MEAIndia to monitor the situation and provide information and assistance.
— Arindam Bagchi (@MEAIndia) October 11, 2023
In addition, 24-hour emergency helplines have been set up at @indemtel & @ROIRamallah.
Press… pic.twitter.com/FpZqflngOh
विदेश मंत्रालय के मुताबिक, नई दिल्ली में कंट्रोल रूम से संपर्क करने के लिए 1800118797 (टोल-फ्री), +91-11 23012113, +91-11-23014104, +91-11-23017905, +919968291988 पर कॉल किया जा सकता है। इसके साथ ही [email protected] पर भी संपर्क किया जा सकता है।
इसके अलावा, तेल अवीव में भारतीय दूतावास ने 24 घंटे की आपातकालीन हेल्पलाइन स्थापित की है, जिस तक 972-35226748, 972-543278392, [email protected] के जरिए पहुँचा जा सकता है। इसके अलावा, रामल्ला में भारत के प्रतिनिधि कार्यालय ने 24 घंटे की आपातकालीन हेल्पलाइन भी स्थापित की है। इस पर +970-592916418 (व्हाट्सएप भी) [email protected] के जरिए संपर्क किया जा सकता है।
बता दें कि इससे पहले सूडान संघर्ष के दौरान भारतीय नागरिकों की सुरक्षित वापसी के लिए भारत ने अप्रैल 2023 में ऑपरेशन कावेरी चलाया था। इसमें देश के जांबाजों ने केवल भारतीय नागरिकों को ही नहीं, बल्कि दूसरे देश के नागरिकों को भी वहाँ से निकाला था। दुनिया भर में इस ऑपरेशन की सराहना हुई थी।
इजरायल ने अपने लोगों की हत्याओं का जवाब हमास के शासन वाली गाजा पट्टी पर बड़े पैमाने पर बमबारी से दिया। उसने फ़िलिस्तीनी तटीय क्षेत्र के आसपास अपने सैन्य बलों को इकट्ठा भी किया है। इज़रायल ने कहा है कि हमास ने लगभग 150 लोगों को बंधक बनाया है। इनमें कम से कम 14 थाई, दो मैक्सिकन और अज्ञात संख्या में अमेरिकी और जर्मन शामिल हैं।
उधर, लेबनान के साथ उत्तरी सीमा पर ईरान समर्थित शिया आतंकवादी समूह हिजबुल्लाह के साथ कई दिनों तक लगातार गोलाबारी के बाद इज़राजल को कई मोर्चे युद्ध लड़ना पड़ रहा है। हिजबुल्लाह ने कहा कि उसने बुधवार को इज़राइल पर मिसाइलें दागीं। वहीं, इज़राइली सेना ने कहा कि उसने दक्षिणी लेबनान में आतंकी संगठन की सैन्य निगरानी चौकियों पर हमला किया।