अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (AMU) फिर से विवादों में है। छात्र दानिश रहीम ने आरोप लगाया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ करने के कारण उसे प्रताड़ित किया जा रहा है। उससे डिग्री वापस माँगी जा रही है। उसने प्रधानमंत्री से हस्तक्षेप की गुहार लगाई है। हालाँकि यूनिवर्सिटी प्रशासन ने छात्र के आरोपों को नकार दिया है।
रिपोर्ट के मुताबिक PhD स्कॉलर दानिश रहीम ने इस मामले में हाई कोर्ट में भी याचिका दायर की है। उसका कहना है कि AMU ने नोटिस भेजकर लिंग्विस्टिक की डिग्री लौटाने और इसके बदले LAM में डिग्री लेने को कहा। उसका कहना ऐसा इसलिए हो रहा है क्योंकि उसने पीएम मोदी की तारीफ की थी।
Aligarh: AMU PhD scholar writes to PM seeking his intervention into a matter wherein the varsity asked him to ‘return PhD degree for praising’ PM in media
— ANI UP (@ANINewsUP) November 30, 2021
AMU asked to return degree in linguistic & get one in LAM instead. It’s happening to me because I praised PM: Danish Rahim pic.twitter.com/BkIz9WaLVd
दानिश का कहना है कि अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी की स्थापना के 100 साल पूरे होने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले साल 22 दिसंबर 2020 को संबोधित किया था। इसके बाद मीडिया से बात करने हुए उसने PM मोदी की तारीफ की थी। इसी को लेकर अब लिंग्विस्टिक विभाग के अध्यक्ष प्रोफेसर मोहम्मद जहाँगीर उसे प्रताड़ित कर रहे हैं।
दानिश ने कहा है कि उसने एएमयू से भाषा विज्ञान में PHD की है। 9 मार्च 2021 को उसे डिग्री दी गई थी। उसकी सीनियर डॉ. मारिया नईम को पिछले साल नवंबर में PhD की डिग्री मिली थी। लेकिन, अब करीब 6 महीने के बाद डिग्री लौटाने को कहा जा रहा है। उसका आरोप है कि इसी साल 8 फरवरी के आसपास प्रोफेसर मोहम्मद जहाँगीर ने उसे बुलाकर कहा था कि आप एक स्टूडेंट हैं और आपको किसी पार्टी के पक्ष में बात नहीं करनी चाहिए। आपकी भाषा और इंटरव्यू से आप किसी पार्टी के आदमी लगते हो।
यूनिवर्सिटी का जवाब
दानिश रहीम के मामले में अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के प्रवक्ता सैफी किदवई ने आरोपों को पूरी तरह से निराधार करार दिया है। प्रवक्ता ने कहा कि उन्होंने (दानिश) भाषा विज्ञान विभाग के एलएएम (विज्ञापन और मार्केटिंग की भाषा) पाठ्यक्रम में एमए और PhD किया है, जो भाषा विज्ञान में PhD की डिग्री भी प्रदान करता है। चूँकि उन्होंने LAM में MA किया है, इसलिए उन्हें LAM में PhD की डिग्री प्राप्त करनी चाहिए।
By mistake, he was given the PhD degree in Linguistics. The mistake will be rectified… This incident has nothing to do with politics: AMU Spokesperson Prof Shafey Kidway (2/2) (30.11.2021) pic.twitter.com/LCJiu8sKvR
— ANI UP (@ANINewsUP) November 30, 2021
प्रवक्ता का कहना है कि दानिश को गलती से भाषा विज्ञान में PhD की डिग्री दे दी गई है। अब गलती को सुधारा जाएगा। इस घटना का राजनीति से कोई लेना-देना नहीं है।