फ्रांस के बहाने देशविरोधी बयान देने वाले अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (AMU) के छात्र नेता फरहान जुबैरी की तत्काल गिरफ़्तारी का आदेश जारी किया गया है। उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने उन लोगों पर नकेल कसना शुरू किया है, जो फ्रांस के खिलाफ विरोध प्रदर्शन की आड़ में देशविरोधी गतिविधियाँ कर रहे हैं। फरहान जुबैरी पर कई गंभीर धाराओं के अंतर्गत मुकदमा दर्ज किया गया है।
इस्लामी कट्टरवाद पर एक के बाद एक कार्रवाई कर रहे फ्रांस के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान AMU के छात्र नेता फरहान जुबैरी ने ईसाईयों के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। पुलिस ने जानकारी दी है कि अब फरहान जुबैरी फरार हो गया है।
उत्तर प्रदेश पुलिस उसकी गिरफ़्तारी के लिए ताबड़तोड़ छापेमारी कर रही है। FIR के अनुसार, गुरुवार (अक्टूबर 29, 2020) को शाम 4 बजे AMU के छात्र नेता फरहान जुबैरी द्वारा डक प्वाइंट से बाब-ए सैय्यद गेट तक विरोध मार्च निकाला गया।
साथ ही फ्रांस की ‘शार्ली हेब्दो’ पत्रिका में छपे पैगम्बर मुहम्मद के कार्टून्स के लिए ईसाईयों को दोषी बताया गया और उनके जान-माल की क्षति की धमकी दी। FIR में जिक्र किया गया है कि इस आपत्तिजनक टिप्पणी से जनमानस में भय और असुरक्षा की भावना जन्म ले सकती है। इसलिए, पुलिस ने समुचित धाराओं में मुकदमा दर्ज कर के वैधानिक कार्रवाई की बात कही है। अब उसके खिलाफ कार्रवाई शुरू हो गई है।
सोशल मीडिया पर भी उसका बयान खूब शेयर हुआ था, जिसमें वो ईसाईयों के कत्लेआम को जायज ठहरा रहा था। उसने कहा था कि पैगम्बर मुहम्मद के साथ बदसलूकी करने वाले का सिर कलम कर दिया जाएगा। कानपुर के विधनू के रहने वाला जुबैरी AMU छात्र संघ का पदाधिकारी रह चुका है और ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन से जुड़ा हुआ है। CAA विरोधी उपद्रवों में उसकी सक्रिय भूमिका रही थी।
This is Farhan Zuberi, a student of Aligarh Muslim University. He says that if anyone insults Prophet Mohammad, we will behead him. The crowd supports him vociferously.
— Major Gaurav Arya (Retd) (@majorgauravarya) October 31, 2020
No courts. No lawyers. No judge. No Constitution. Just kill everyone.
What is the point of education, then? pic.twitter.com/zz0YPZdyCA
अलीगढ़ के सिविल लाइन थाने में उसके खिलाफ केस दर्ज किया गया है। जुबैरी पर शिकंजा कसने के लिए कई पुलिस टीमों को लगाया गया है। उसने भड़काऊ बयान देते हुए कहा था कि हम जिसकी उम्मत में हैं, जिसकी खातिर ज़िंदगी में हैं, अगर उनके लिए कोई गलत बात करेगा तो बिल्कुल बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। भारत के अन्य हिस्सों में भी मुस्लिम समुदाय के नेताओं और लोगों ने फ्रांस के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया है।
मई 2020 में भी अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (AMU) के छात्र और पूर्व कैबिनेट सदस्य फरहान जुबैरी को पुलिस ने गिरफ्तार किया था। AMU में नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के विरोध के नाम पर हुए बवाल में वह शामिल था। उस पर कुल 11 मुकदमे दर्ज किए गए थे। एसपी सिटी की गाड़ी पर पथराव, पुलिस पर हमले सहित सात मुकदमों में वह वांछित चल रहा था। वो कुछ दिन जेल में भी रहा था।