Monday, December 23, 2024
Homeदेश-समाजAMU के छात्र नेताओं ने जूता दिखाकर प्रोफ़ेसर को कहा- 'दल्ला', VC ने कहा-...

AMU के छात्र नेताओं ने जूता दिखाकर प्रोफ़ेसर को कहा- ‘दल्ला’, VC ने कहा- सरकार हमें 1100 करोड़ देती है…

#AMU के वीसी तारिक मंसूर ने कहा कि कैंपस में जो भी हुआ मुझे अफ़सोस है, मैंने सोचा नहीं था। मैं यहाँ आँसू बहाने नहीं आया। हमदर्दी है, इसलिए आया। रही बात एसएसपी को पत्र लिखने की तो सरकार हमें 1100 करोड़ रुपए हर साल देती है। अग़र कोई बड़ा हादसा हो गया तो....

अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में CAA के ख़िलाफ पिछले 32 दिनों से धरना दे रहे छात्रों का गुस्सा शक्रवार को सातवें आसमान पर पहुँच गया। छात्रों का वीसी के ख़िलाफ गुस्सा कुछ इस कदर फूटा कि उन्होंने प्रॉक्टर प्रोफेसर को पहले तो जूता दिखाया और फिर “दल्ला” कहकर अपने पास बुलाया। इस दौरान छात्रों की प्रॉक्टर टीम के साथ जमकर नोंकझोंक हुई।

एएमयू में 32 दिनों से CAA के ख़िलाफ चल रहा विरोध प्रदर्शन थमने का नाम नहीं ले रहा है और न ही इस विरोध के कम होने के आसार दिखाई दे रहे हैं। यही कारण है कि धरने पर बैठे छात्रों का गुस्सा अब फूट-फूट कर बाहर आने लगा है। शुक्रवार को कुछ ऐसा ही हुआ, कि धरना-प्रदर्शन कर रहे छात्रों की प्रॉक्टर टीम के साथ नोंकझोंक हो गई। बात इतनी बढ़ गई कि गुस्साए आंदोलनकारी छात्र नेताओं ने विश्वविद्यालय के प्रॉक्टर प्रोफेसर को ‘दल्ला’ कह दिया। इसके जवाब में प्रोफेसर अफीफुल्लाह ख़ान ने कहा कि “हाँ मैं दलाल हूँ।”

इस बीच छात्र नेताओं ने वीसी और रजिष्ट्रार को अपने निशाने पर लेते हुए कहा कि कैंपस में पिछले कई महीनों से दो सिपाही अवैध रूप से रह रहे हैं। तो ऐसे में सवाल उठता है कि कैंपस में असामाजिकतत्व छात्र हैं या फिर कि ये दोनों? इतना ही नहीं छात्रों ने एएमयू के कुलपति तारिक मंसूर को जनरल डायर तक कह दिया। छात्रों ने आगे कहा कि इन लोगों का बॉयकॉट होना बहुत ही जरूरी है। क्यों कि हम पुलिसिया कार्रवाई में अपने एक छात्र का हाथ खो चुके हैं।

वहीं महीनों में चल रहे आंदोलनकारी छात्रों के धरने में गुरुवार शाम को अचानक से एएमयू कुलपति प्रोफेसर तारिक मंसूर पहुँच गए। उन्होंने जाते ही छात्रों को सोशल मीडिया पर वायरल हो रही एक पोस्ट से सम्बन्धित कागज को दिखाते हुए नाराजगी जताई, जिसके जवाब में छात्रों ने कहा कि वायरल हो रही खबर के कारण हम 32 हजार छात्रों को कटघरें में खड़ा नहीं कर सकते।

वहीं वीसी तारिक मंसूर ने कहा कि कैंपस में जो भी कुछ हुआ उसके लिए मुझे अफ़सोस है, मैंने कभी सोचा भी नहीं था। मैं यहाँ मगरमच्छी आँसू बहाने नहीं आया। हमदर्दी है, इसलिए आया हूँ। रही बात एसएसपी को पत्र लिखने की तो सरकार हमें 1100 करोड़ रुपए हर साल देती है। अग़र कोई बड़ा हादसा हो गया तो सरकार हमसे पूछेगी। वहीं वीसी ने इसके इतर मीडिया को बयान ज़ारी करते हुए कहा कि पुलिस को केवल शाँति व्यवस्था बनाने की अनुमति दी थी, पुलिस को किसी भी हॉस्टल में प्रवेश नहीं करना चाहिए था।

दैनिक जागरण द्वारा प्रकाशित ख़बर की कटिंग

एएमयू वीसी तारिक मंसूर के अचानक छात्रों के बीच धरने में पहुँचने पर राष्ट्रीय अल्पसंख्यक निगरानी समिति के सदस्य मानवेन्द्र प्रताप सिंह ने कहा कि वीसी का छात्रों के बीच धरने पर जाना उनका दोहरा चरित्र दर्शाता है। एक तरफ़ वह पुलिस से सुरक्षा की गुहार लगाते हैं औऱ दूसरी ओर आंदोलनकारी छात्रों को धरने पर समर्थन देने के लिए पहुँचते हैं। यह धरने को संचालन करने की ही एक नीति है। इस सम्बन्ध में केन्द्रीय मानव विकास मंत्रालय को अवगत कराया जाएगा। साथ ही हम सरकार से माँग करेंगे कि यहाँ सेना के अधिकारी को इनके स्थान पर वीसी नियुक्त किया जाए।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

किसी का पूरा शरीर खाक, किसी की हड्डियों से हुई पहचान: जयपुर LPG टैंकर ब्लास्ट देख चश्मदीदों की रूह काँपी, जली चमड़ी के साथ...

संजेश यादव के अंतिम संस्कार के लिए उनके भाई को पोटली में बँधी कुछ हड्डियाँ मिल पाईं। उनके शरीर की चमड़ी पूरी तरह जलकर खाक हो गई थी।

PM मोदी को मिला कुवैत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘द ऑर्डर ऑफ मुबारक अल कबीर’ : जानें अब तक और कितने देश प्रधानमंत्री को...

'ऑर्डर ऑफ मुबारक अल कबीर' कुवैत का प्रतिष्ठित नाइटहुड पुरस्कार है, जो राष्ट्राध्यक्षों और विदेशी शाही परिवारों के सदस्यों को दिया जाता है।
- विज्ञापन -