उत्तर प्रदेश के हापुड़ जिले में शुक्रवार (25 नवंबर, 2022) को लोहा गलाने वाली एक फैक्ट्री की भट्ठी में गिर कर अनुराग त्यागी नाम के व्यक्ति की मौत हो गई थी। मृतक के परिजनों ने इस घटना को हत्या बताते हुए फैक्ट्री मालिक सहित 3 लोगो पर नामजद FIR दर्ज करवाई है। अनुराग त्यागी की 7 वर्षीया बेटी और 5 वर्षीय बेटे के लिए 1 करोड़ रुपए मुआवजा की माँग उठी है। वहीं आरिफ की ‘खेकड़ा कॉस्टिंग प्राइवेट लिमिटेड’ पर बुलडोजर चलाने और मामले की की CBI जाँच की माँग को ले कर डीएम के माध्यम से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को ज्ञापन भी भेजा गया है।
आरिफ के साथ रिहान भी नामजद
घटना की FIR में आरिफ, मोहम्मद रिहान के अलावा एक केमिस्ट को भी नामजद किया गया है। रिहान फैक्ट्री का फोरमैन है। FIR में बताया गया है कि मृतक का कुछ दिनों पहले मालिक आरिफ, फोरमैन रिहान और केमिस्ट से विवाद भी हुआ था। पुलिस ने मामले में IPC की धारा 302 (हत्या) और 201 (सबूत मिटाने) के तहत कार्रवाई की है। ऑपइंडिया के पास FIR कॉपी मौजूद है। एडिशनल SP के मुताबिक मामले में जाँच की जा रही है।
— HAPUR POLICE (@hapurpolice) November 27, 2022
ऑपइंडिया से बातचीत के दौरान पिलखुआ DSP वरुण मिश्रा ने बताया कि साक्ष्य संकलन के साथ पूछताछ चल रही है। सामने आए तथ्यों के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। मामले में फ़िलहाल अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है।
ऑपइंडिया ने मृतक के भाई अरुण त्यागी से बात की। अरुण ने हमें बताया कि उन्हें किसी भी कार्रवाई की सही जानकारी प्रशासन द्वारा नहीं दी जा रही है। उन्होंने कहा कि उनके भाई को प्रतिमाह 35 हजार रुपए की सैलरी पर रखा गया था, जिसमें 21 हजार रुपए रजिस्टर पर दर्ज होते थे और बाकी पैसे कैश में बिना लिखा-पढ़ी के दे दिए जाते थे। अरुण का दावा है कि उनके भाई ने कुछ समय पहले उन्हें बातचीत में अपनी फैक्ट्री में 2 नंबर का काम होने की आशंका जताई थी जिस पर उन्हें परिवार से दूसरा काम खोजने की सलाह भी मिली थी।
गवाह मिटाने के लिए हत्या
अरुण ने हमसे बातचीत के दौरान यह भी दावा किया कि उनके भाई की हत्या फैक्ट्री में हो रहे अवैध कामों के सबूत मिटाने के लिए की गई है। उनका कहना था कि फैक्ट्री मालिक को शक था कि उनका भाई वहाँ हो रहे काले कारनामों की पोल खोल सकता है, इसीलिए उसे रास्ते से हटा दिया गया। अरुण का दावा है कि फैक्ट्री में काम करने वाले किसी भी मजदूर की विस्तृत जानकारी दर्ज नहीं करवाई जाती।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, आरोपितों पर कड़ी कार्रवाई न होने पर ‘त्यागी ब्राह्मण भूमिहार समाज समिति’ ने आंदोलन की चेतावनी दी है। ऑपइंडिया से बात करते हुए संगठन के पदाधिकारी माँगेराम त्यागी ने कहा कि हैरानी की बात ये है कि फैक्ट्री में 6 माह से बिना CCTV के काम चल रहा है और अधिकारियों को इसकी कोई जानकारी ही नहीं है। माँगेराम ने हमें यह भी बताया कि जब उन्होंने उस फैक्ट्री में काम करने वाले मजदूरों से बात की थी तब उन्होंने अधिकारियों की मिलीभगत की तरफ भी इशारा किया था।
माँगेराम का ये भी कहना था कि बिना CCTV के उस फैक्ट्री में चोरी की गाड़ियाँ गलाई जा रहीं हैं या कोई अन्य गैरकानूनी काम हो रहा इसका पता कैसे चले। उन्होंने हमें यह भी बताया कि शिकायत के बाद SDM ने मामले को अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर बताया था।
UPSIDA प्रबंधक ने नहीं उठाया फोन
फैक्ट्री के कागजातों की वैधता के मामले और CCTV आदि न होने के आरोपों पर ऑपइंडिया ने UPSIDA (उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास अथॉरिटी) के क्षत्रीय प्रबंधक गाजियाबाद राकेश झा को संपर्क किया तो उन्होंने फोन नहीं उठाया। राकेश झा का बयान आने के बाद उसे खबर में अपडेट किया जाएगा।