Monday, December 23, 2024
Homeदेश-समाजईशनिंदा पर सिर कलम करने वाले गाने: एप्पल म्यूजिक और Amazon से लेकर Gaana...

ईशनिंदा पर सिर कलम करने वाले गाने: एप्पल म्यूजिक और Amazon से लेकर Gaana और Spotify तक ने दी जगह, विरोध के बाद शुरू किया हटाना

Jio Saavn पर हमें ऐसे पाँच गाने लिस्ट में मिले हैं। यह रिपोर्ट प्रकाशित होने के बाद भी उन्हें अभी तक नहीं हटाया गया है। YouTube Music में इस तरह के आपको कई गाने मिल जाएँगे। Wynk Music ने भी अपने प्लेटफॉर्म पर इस गाने को जगह दी थी, लेकिन जब तक यह रिपोर्ट प्रकाशित हुई, तब तक इसे हटा दिया गया था।

ईशनिंदा पर सिर कलम करने का आह्वान करना कोई नई बात नहीं है। हाल ही में उदयपुर में कन्हैया लाल और अमरावती में उमेश कोल्हे की बेरहमी से हत्या इसका जीता जागता उदाहरण है। दिसंबर 2021 में, ऑपइंडिया ने बताया कि कैसे हिंदुओं, काफिरों के नरसंहार और सिर काटने का आह्वान करने वाले गाने YouTube पर सुने जा रहे थे। ये गाने सालों से म्यूजिक प्लेटफॉर्म पर हैं, लेकिन हाल की घटनाओं को देखते हुए प्लेटफॉर्म पर ऐसे गानों को होस्ट करने वाली म्यूजिक स्ट्रीमिंग वेबसाइटों की ओर ध्यान देना जरूरी है।

‘गुस्ताख-ए-नबी की एक सजा, सर तन से जुदा… सर तन से जुदा’ का शाब्दिक अर्थ है कि पैगंबर के खिलाफ ईशनिंदा करने वाले हर व्यक्ति का सिर कलम कर दिया जाना चाहिए। कई मौलवियों ने ये गाने अलग-अलग प्लेटफॉर्म पर अपलोड किए हैं। अपनी पिछली रिपोर्ट में, हमने बताया था कि YouTube ऐसे गानों की मेजबानी कैसे कर रहा है और रिपोर्ट प्रकाशित होने के छह महीने बाद भी YouTube द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई है।

11 जुलाई को नेटिजन्स ने बताया कि इस तरह के गाने विभिन्न म्यूजिक स्ट्रीमिंग वेबसाइटों जैसे गाना (Gaana) (टाइम्स ग्रुप के स्वामित्व वाले), यूट्यूब म्यूजिक और अन्य पर उपलब्ध हैं। ट्विटर यूजर गुरुसेवक सौम्या ने लिखा, “धार्मिक कट्टरपंथियों द्वारा सिर काटने का महिमामंडन करने वाले नारे और गाने ‘सर तन से जुदा’ को हटाना है। ये गाना जैसे कई प्लेटफॉर्म्स पर उपलब्ध हैं और गैर-मुसलमानों को धमकाने के लिए इन वीडियो की छोटी क्लिप का इस्तेमाल कर रहे हैं। धार्मिक कट्टरता और ‘ईशनिंदा’ पर सिर काटने की वकालत करने वाले गीतों को कुछ सबसे लोकप्रिय म्यूजिक प्लेटफॉर्म पर जगह दी जाती है।”

ट्विटर यूजर अंशुल सक्सेना ने गाना, हंगामा, स्पॉटिफाई और अमेजन म्यूजिक पर ऐसे गानों के मौजूद होने का प्रमाण दिया है। उन्होंने सिलसिलेवार चार ट्वीट्स करते हुए इन प्लेटफॉर्म पर सवाल किया है कि उन्होंने ऐसे गानों अपनी लिस्ट में क्यों रखा है?

नोट: जब यह रिपोर्ट प्रकाशित हुई, उसके बाद कुछ प्लेटफॉर्म्स ने अपने यहाँ से विवादित गानों को हटाना शुरू कर दिया था। हमने इसके बाद अपनी रिपोर्ट को अपडेट किया है।

ऑपइंडिया की जाँच

भारत में 8 मुख्य स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म हैं, जिनके बड़ी संख्या में यूजर्स हैं। ये प्लेटफॉर्म हैं गाना, हंगामा, स्पॉटिफाई, अमेजन म्यूजिक, यूट्यूब म्यूजिक, विंक्स म्यूजिक, जियो सावन और एप्पल म्यूजिक। हमने सभी प्लेटफार्मों की जाँच की और यहाँ हमें वे सभी विवादित गाने मिले। एप्पल म्यूजिक में अल्लामा हाफिज बिलाल कादरी (Allama Hafiz Bilal Qadri) का गाना ‘गुस्ताख ए नबी की एक सजा’ है। जब यह रिपोर्ट प्रकाशित हुई, तब तक गाना इस प्लेटफॉर्म की लिस्ट में था।

साभार: एप्पल म्यूजिक

Wynk Music ने भी अपने प्लेटफॉर्म पर इस गाने को जगह दी थी, लेकिन जब तक यह रिपोर्ट प्रकाशित हुई, तब तक इसे हटा दिया गया था।

साभार:Wync

रिपोर्ट प्रकाशित होने से पहले हंगामा ने भी गाना हटा दिया।

साभार: हंगामा

अल्लामा हाफिज बिलाल कादरी का गाना ‘गुस्ताख-ए-नबी की एक सजा’ स्पॉटिफाई पर अभी भी है। हाफिज मुहम्मद कलीम हसनी का एक अन्य गीत गुस्ताख-ए-रसूल को मुँह तोड़ जवाब भी Spotify पर पाया गया है। हसनी का यह गाना है, “अगर कोई ईशनिंदा करता है, तो उसका विद्रोह करने और भारत पर कब्जा करने की बात करता है।”

साभार: Spotify

हमें गाना पर भी ‘गुस्ताख नबी की एक सजा’ टाइटल से एक और गाना मिला था। यह रौशन आरा ग्रिडीह अपलोड किया गया था और बच्चों ने इसे गाया था। यह रिपोर्ट प्रकाशित होने तक गाने को ​हटा दिया गया था। ऐसा लगता है कि गाना ने इस गाने को हटाने की प्रक्रिया शुरू कर दी थी, लेकिन इस प्रक्रिया को पूरा करने में कुछ समय लग सकता है।

साभार: Gaana

YouTube Music में इस तरह के आपको कई गाने मिल जाएँगे। अलहाज हाफिज मुहम्मद ताहिर कादरी का ‘गुस्ताख-ए-मुहम्मद तेरी अब खैर नहीं’ टाइटल वाला एक गाना ‘गुस्ताख-ए-मुहम्मद को दुनिया से मिटा देंगे, गुस्ताखों की लाशों के अंबर लगा देंगे’ से शुरू होता है। इसका अर्थ है हम उन सभी लोगों को जान से मार देंगे, जो मुहम्मद की निन्दा करते हैं। हम ईशनिंदा करने वालों की लाशों का ढेर लगा देंगे।’

साभार: यूट्यूब

सैयद आफताब अली कादरी चिश्ती का एक और गाना ‘गुस्ताख-ए-मुहम्मद तेरी ईशनिंदा करने वालों का सिर कलम’ करने की बात करता है। ऐसे ढेरों गाने इस मंच पर मौजूद हैं। अमेजन प्राइम म्यूजिक पर हमें तीन गाने मिले हैं, जो अल्लामा हाफिज बिलाल कादरी के गुस्ताख-ए-नबी की एक सजा, मुहम्मद अमीर शेर कादरी का गुस्ताख-ए-रसूल को हम नहीं छोड़गे और हाफिज मुहम्मद कलीम हसनी का ‘मेरे नबी सॉ की शान बड़ी’ थे। इस रिपोर्ट के प्रकाशित होने के बाद भी तीनों गाने इस मंच पर मौजूद हैं।

Jio Saavn पर हमें ऐसे पाँच गाने लिस्ट में मिले हैं। यह रिपोर्ट प्रकाशित होने के बाद भी उन्हें अभी तक नहीं हटाया गया है।

साभार: जिओ सावन

पैगंबर मुहम्मद के खिलाफ ‘ईशनिंदा’ करने वालों का सिर कलम का आह्वान करने वाले खतरनाक गानों को अपने मंच पर जगह देना बेहद चौंकाने वाला है।

गौरतलब है कि प्रोपेगेंडा वेबसाइट ऑल्ट न्यूज (AltNews) के को-फाउंडर मोहम्मद जुबैर (Mohammed Zubair) ने भाजपा की पूर्व प्रवक्ता नूपुर शर्मा के खिलाफ कथित ईशनिंदा को लेकर इस्लामवादियों को भड़काने का काम किया। मुस्लिम कट्टरपंथियों द्वारा नूपुर शर्मा को लगातार हत्या की धमकी दी जा रही है। उनकी हत्या करने वालों को इनाम देने तक की घोषणा की गई है। जुबैर के भड़काने के बाद कट्टरपंथियों ने देश में कई जगहों पर दंगा और आगजनी की । इसके कारण कट्टरपंथियों द्वारा कन्हैया लाल और उमेश ​कोल्हे की हत्या कर दी गई।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

अल्लू अर्जुन के घर पर हमला करने वालों को मिली जमानत, कॉन्ग्रेसी CM रेवंत रेड्डी के साथ तस्वीरें वायरल: तोड़फोड़ के बाद ‘पुष्पा 2’...

बीआरएस नेता ने दावा किया है कि आरोपितों में से एक तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी का आदमी था। वहीं कॉन्ग्रेस नेता ने इन आरोपों पर कोई बयान नहीं दिया है।

इस्लामी लुटेरे अहमद शाह अब्दाली को रोका, मुगल हो या अंग्रेज सबसे लड़े: जूनागढ़ के निजाम ने जहर देकर हिंदू संन्यासियों को मारा, जो...

जूना अखाड़े के संन्यासियों ने इस्लामी लुटेरे अहमद शाह अब्दाली और जूनागढ़ के निजाम को धूल चटाया और अंग्रेजों के खिलाफ विद्रोह किया।
- विज्ञापन -