लेखिका अरुंधति रॉय ने 2011 में भारतीय सेना को लेकर विवादित टिप्पणी की थी। भारतीय सेना को बर्बर और अत्याचारी साबित करते-करते उन्होंने कहा था कि पाकिस्तान की फौज ऐसा कभी नहीं करती। इस बयान के लिए उनको न केवल भारतीयों, बल्कि बलूचिस्तानियों और बांग्लादेशियों ने भी जमकर लताड़ लगाई।
अब खबर आ रही है कि आठ साल पुराने इस बयान के लिए अरुंधति रॉय ने माफी मॉंग ली है। लेकिन, रॉय के माफीनामे से साफ है कि भारतीय सेना के लिए की गई टिप्पणियों पर वह अब भी चुप हैं। अपने बयान के जिस हिस्से को लेकर उन्हें खेद है वह पाकिस्तानी सेना के गुणगान से जुड़ा है। माफी मॉंगते हुए उन्होंने अपने इस बयान को मूर्खतापूर्ण करार दिया है।
बता दें कि 2011 में रॉय ने कहा था कि भारतीय सेना कश्मीर, मणिपुर, नागालैंड, तेलंगाना, पंजाब और गोवा में अपने ही लोगों के ख़िलाफ़ युद्ध लड़ रही है। साथ यह भी कहा था कि पाकिस्तान की फौज ऐसा कभी नहीं करती। अभी हाल ही में जम्मू कश्मीर को लेकर भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ने के बाद रॉय का वह क्लिप सोशल मीडिया पर फिर से सर्कुलेट होने लगा। नाराज़ बलूच नेताओं ने रॉय को याद दिलाया कि कैसे पाक फौज बलूचिस्तान की जनता पर अत्याचार कर रही है।
इसके बाद बंगलादेशी मीडिया ने भी अरुंधती रॉय की आलोचना की। बांग्लादेश लिबरेशन युद्ध के दौरान और उससे पहले पाक फौज ने बांग्लादेशियों पर ख़ूब अत्याचार किए थे। महिलाओं का बलात्कार और बच्चों-बूढों तक को भी मार डालना पाकिस्तानी फौज का पेशा बन गया था। बलूचिस्तान और बांग्लादेश से आने वाली आलोचना के बाद अरुंधति रॉय ने अपने 8 वर्ष पुराने बयान को मूर्खतापूर्ण करार दिया है। उन्होंने कहा कि सभी लोग अपने जीवन में कभी न कभी कुछ ‘मूर्खतापूर्ण और बेहूदगी भरा’ कह जाते हैं।
‘द प्रिंट’ को दिए गए बयान में रॉय ने कहा कि उस विडियो क्लिप में वह जो भी कहती दिख रही हैं, वो उनकी सोच, विचारों और रचनाओं का प्रतिनिधित्व नहीं करता। वे लोगों से किसी बातचीत के दौरान कही अपनी बातों बजाय अपने लिखे पर विश्वास करने की सलाह देती है। वह कहती हैं अगर इस विडियो क्लिप से कोई भी कन्फ्यूजन पैदा हुआ है तो वह माफ़ी माँगती हैं। अरुंधति रॉय ने कहा:
“पाक फौज बलूचिस्तान में जो कुछ भी कर रही है या बांग्लादेश में उसने जो नरसंहार किया- इस बारे में मेरी राय कभी भी अस्पष्ट नहीं रही है। मैंने इस बारे में काफ़ी कुछ लिखा है। हिन्दू राष्ट्रवादी मेरे पुराने विडियो क्लिप को निकाल कर हंगामा मचा रहे हैं। जिसनें भी मुझे पढ़ा है वो इन बातों पर एक सेकंड के लिए भी विश्वास नहीं करेगा। नैतिक रूप से पाकिस्तान, बांग्लादेश और भारत में से कोई भी एक-दूसरे से बढ़ कर नहीं है। भारत में अभी फासिज्म का वातावरण तैयार हो रहा है। जो इसके ख़िलाफ़ आवाज़ उठाता है, उसे बदनाम होने, ट्रोल किए जाने, जेल में भेजे जाने और पिटाई किए जाने का डर है।”
#ArundhatiRoy‘s “apology” compounds her lies in the service of Pakistan’s #ISI. Her “apology” claims that the Islamic State of Pakistan and its murderous army “morally equivalent” to India’s, just a step down from it being “better.”
— Sankrant Sanu सानु (@sankrant) August 28, 2019
Professional liar.https://t.co/Df2Z0eQBMl
बांग्लादेश और बलूचिस्तान के सम्बन्ध में कही गई अपनी बातों को ग़लत साबित करने के लिए रॉय ने अपने उपन्यास का उदाहरण दिया। उनके उपन्यास ‘मिनिस्ट्री ऑफ अटमोस्ट हैप्पीनेस’ में एक भारतीय ख़ुफ़िया अधिकारी कहता है कि कश्मीर में भारत ने कई भयावह चीजें की हैं, लेकिन पूर्वी पाकिस्तान में जो पाक फौज ने किया वह नरसंहार है।