केरल के एक कोर्ट ने अशफाक आलम नाम के एक व्यक्ति को एक पाँच साल की बच्ची का अपहरण करके उसके बलात्कार और हत्या करने के दोष में फाँसी की सजा सुनाई है। 28 वर्षीय अशफाक ने 28 जुलाई, 2023 को एर्नाकुलम के अलुवा से एक बच्ची का अपहरण किया था और उसका बलात्कार करने के बाद उसकी हत्या कर दी थी।
अशफाक ने बच्ची की टीशर्ट से ही उसका गला कस दिया था और उसकी लाश को फेंक दिया था। बच्ची के शरीर पर चोट के गंभीर निशान मिले थे। अब इस मामले में कोर्ट ने अशफाक को दोषी ठहराते हुए फाँसी की सजा सुनाई है और ₹7.7 लाख का जुर्माना भी लगाया है।
अशफाक पर हत्या, अपहरण समेत POCSO के अंतर्गत मामले दर्ज किए गए थे। कोर्ट का यह निर्णय POCSO लागू होने के 11 वर्ष पूरे होने की तिथि पर आया है। इस मामले को केरल की पुलिस ने प्राथमिकता पर रखते हुए जल्द ही ट्रायल चालू करवाया था और आज इसका निर्णय भी आ गया।
बता दें कि बच्ची के बलात्कार और हत्या का दोषी अशफाक आलम बिहार का रहने वाला है। उसने जिस बच्ची की हत्या की उसके माता-पिता भी बिहार से ही केरल काम करने के लिए गए हुए थे। बच्ची के पिता यहाँ जिप्सम बोर्ड लगाने का काम करते हैं।
28 जुलाई की शाम को अशफाक आलम बच्ची को अपने साथ ले गया और उसका बलात्कार करने के बाद उसकी हत्या कर दी। अशफाक आलम ने बच्ची के शव पर पत्त्थर रख कर उसे एक नाले में डाल दिया। पुलिस ने जब अशफाक को पकड़ा तो वह उन्हें गुमराह करने लगा। हालाँकि, पुलिस ने इस मामले में जल्द से जल्द सबूत इकट्ठा करके अशफाक को सजा दिलवा दी।
यह निर्णय अपराध के 110 दिनों के भीतर आया है। हालाँकि, अशफाक की दोषसिद्धि 100वें दिन ही हो गई थी। मामले का निर्णय सुनाए जाने के समय अशफाक आलम के अब्बा और अम्मी मौके पर मौजूद थे। उन्होंने कहा कि उनके बेटे के कृत्य के लिए फाँसी से कम कुछ भी नहीं होना चाहिए।
केरल के एडीजीपी एम अजीतकुमार ने कहा कि पुलिस का इस मामले को गंभीरतम सिद्ध करना अशफाक को फाँसी दिलाने में सहायक रहा। उन्होंने इस मामले की जाँच को 30 दिनों में पूरा करने वाले पुलिसकर्मियों की भी प्रशंसा की।
अजीत कुमार ने यह भी बताया कि अशफाक का यह कोई पहला ऐसा अपराध नहीं था बल्कि वह दिल्ली और बिहार में ऐसा ही कर चुका था। हालाँकि, यहाँ वह बचा रहा था लेकिन केरल में उसे गिरफ्तार करके सजा दिलवाई गई है। अलुवा बाजार में काम करने वाले एक व्यक्ति ने जो इस मामले का गवाह भी था, अशफाक को फाँसी मिलने पर मिठाई बाँटी।
वहीं राज्य के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने कहा है कि ऐसे मामलों में फाँसी की सजा इस तरह के अपराध करने वालों के लिए चेतावनी का काम करेंगी। विजयन ने कहा है कि बच्ची के माता पिता के दुख को कम नहीं किया जा सकता लेकिन राज्य सरकार उनकी पूरी तरीके से सहायता करेगी।