मध्यप्रदेश के धार में स्थित ऐतिहासिक परमारकालीन भोजशाला में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग ने आज (22 मार्च 2024) से सर्वे शुरू कर दिया है। इस दौरान भोजशाला के बाहर सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए गए हैं। परिसर के आसपास कैमरे और मेटल डिटेक्टर लगाए गए हैं। वहीं सामने आई वीडियो में बड़े अधिकारियों की बाहर खड़ी गाड़ियाँ और पुलिस बल देखा जा सकता है। ये सर्वेक्षण सुबह 6 बजे से शुरू हुआ है।
जानकारी के मुताबिक, आज के दिन शुरू हुआ सर्वे दो चरणों में पूरा होना है। ऐसा इसलिए क्योंकि अब तक भोजशाला में शुक्रवार के दिन मुस्लिमों को नमाज की अनुमति रही है इसलिए शुक्रवार को किया जा रहा एएसआई सर्वे रुक-रुककर होगा। एक नमाज से पहले दूसरा नमाज के बाद। इसके बाद एएसआई अपनी रिपोर्ट बनाएगा और ये रिपोर्ट कोर्ट में दाखिल होगी।
#WATCH | Dhar, Madhya Pradesh: Archaeological Survey of India (ASI) to begin an archaeological survey of the Bhojshala Complex from today pic.twitter.com/yhuiTvxPhG
— ANI (@ANI) March 22, 2024
बता दें कि भोजशाला को माता वाग्देवी का मंदिर बताते हुए हिंदू फ्रंट फॉर जस्टिस ने वहाँ पूजा के अधिकार की माँग की है। इस संबंध में कोर्ट में चार याचिकाएँ चल रही है। मामले की अगली सुनवाई 29 अप्रैल को होनी है। इस केस में संगठन की ओर से कोर्ट में वरिष्ठ वकील हरिशंकर जैन और वकील विष्णु जैन ने अपनी दलील रखी थी।
#WATCH | Dhar, Madhya Pradesh: Archaeological Survey of India (ASI) to begin an archaeological survey of the Bhojshala Complex from today.
— ANI (@ANI) March 22, 2024
Hindu side advocate Shreesh Dubey says, "Four petitions are going on as of now… The survey began today at 6 am. The report will be… pic.twitter.com/XbHXDVw0YP
उनकी मजबूत दलीलों के चलते ही कोर्ट ने भोजशाला में एएसआई सर्वेक्षण के निर्देश दिए थे। टीम को 6 हफ्ते में रिपोर्ट प्रस्तुत करने का आदेश दिया गया था। लेकिन, सर्वे आदेश के 11 दिन बाद होना शुरू हुआ ऐसे में सर्वे के लिए एएसआई पर सिर्फ साढ़ चार हफ्ते बचे हैं।
गौरतलब है कि भोजशाला विवाद बहुत पुराना विवाद है। हिंदू पक्ष का मत है कि ये माता सरस्वती का मंदिर है जहाँ देवी-देवताओं के चित्र और संस्कृत में श्लोक आज भी लिखे हुए हैं। लेकिन, सदियों पहले मुसलमानों ने इसकी पवित्रता भंग करते हुए यहाँ मौलाना कमालुद्दीन की मजार बना दी थी जिसके बाद यहाँ मुस्लिमों का आना जाना शुरू हो गया और अब जगह को नमाज के लिए प्रयोग में लाया जाता है।
भोजशाला के बाहर लगे बोर्ड में सूचना के तौर पर साफ लिका है कि मंगलार सूर्योदय से सूर्यास्त तक हिंदुओं को वहाँ प्रवेश मिलेगा। वहीं शुक्रवार दोपहर 2 बजे से लेकर तक 3 बजे तक नमाजियों के लिए प्रवेश होगा। बाकी बचे दिन कोई भी जगह को देखने के लिहाज से जा सकता है।