असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने सोमवार (25 अप्रैल 2022 ) को बांग्लादेश के आतंकवादी समूह अंसार-उल बांग्ला टीम (ABT) के कई मॉड्यूल पर नकेल कसने के लिए असम पुलिस की सराहना की। उन्होंने ट्विटर पर बताया कि असम पुलिस ने अब तक संगठन से कुल 16 आतंकवादियों को गिरफ्तार किया है।
बता दें कि ABT एक इस्लामी आतंकी संगठन है, जिसका भारतीय उपमहाद्वीप (AQIS) में अल कायदा से संबंध है। हालाँकि यह 2007 में बांग्लादेश में जमातुल मुस्लेमिन के रूप में उभरा, लेकिन समूह ने 2013 में खुद को एबीटी के रूप में पेश किया।
सीएम ने ट्वीट किया, “लंबे समय से चले आ रहे ऑपरेशन में असम पुलिस ने अंसारुल बांग्ला टीम/अल-कायदा भारतीय उपमहाद्वीप के कई मॉड्यूल पर कार्रवाई की है। यह एक बड़ी खुफिया सफलता है और असम पुलिस के साहस और समर्पण का एक सच्चा उदाहरण है। अब तक कुल 16 गिरफ्तारियाँ हुई हैं।”
18 अप्रैल को असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने विश्वास जताते हुए कहा था कि उनके राज्य में जिहादी नेटवर्क समाप्त हो जाएगा। सरमा ने कहा था, “जिहादियों के बारे में जानकारी मिली है और हम इस पर काम कर रहे हैं। हमें केंद्र से खुफिया जानकारी मिल रही है। जिहादी नेटवर्क को खत्म कर दिया जाएगा।”
उल्लेखनीय है कि 15 अप्रैल को असम के बारपेटा जिले में पुलिस ने अल कायदा से जुड़े बांग्लादेश स्थित आतंकवादी संगठन अंसारुल्लाह बांग्ला टीम (ABT) से जुड़े छह लोगों को गिरफ्तार किया। सभी छह पर गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (UAPA) के प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया गया है। ये सभी असम के बारपेटा जिले के निवासी हैं।
बारपेटा में इस तरह की यह पहली गिरफ्तारी नहीं है। मार्च में, जिले के अधिकारियों ने सैफुल इस्लाम (जिसे मोहम्मद सुमन और हारुन राशिद के नाम से भी जाना जाता है) नामक एक बांग्लादेशी नागरिक और ABT से संबंध रखने वाले चार अन्य लोगों को हिरासत में लिया था।
मार्च में गिरफ्तारी के बाद, मामला राष्ट्रीय जाँच एजेंसी (NIA) को स्थानांतरित कर दिया गया था। NIA ने कार्यभार सँभालने के बाद सैफुल इस्लाम और चार अन्य के खिलाफ धारा 120 बी, 121, 121 ए, धारा 17, 18, 18 बी, 19, 20 और पासपोर्ट अधिनियम की धाराएँ, विदेशियों के लिए भारत में अवैध प्रवेश और पासपोर्ट नहीं दिखाने के आरोप के तहत FIR दर्ज की थी।
जाँच के दौरान पता चला कि बांग्लादेशी नागरिक सैफुल इस्लाम ने अवैध रूप से भारत में प्रवेश किया था और बारपेटा में ढकलीपारा मस्जिद में अरबी भाषा के शिक्षक के रूप में काम कर रहा था। अधिकारियों के मुताबिक, इस्लाम ने बारपेटा को ‘जेहादी’ काम और अल-कायदा और उससे जुड़े संगठनों की अवैध गतिविधियों के बेस के रूप में विकसित करने का लक्ष्य दिखाकर चार अन्य लोगों को ABT मॉड्यूल में शामिल होने के लिए प्रेरित किया।
एसपी अमिताभ सिन्हा ने कहा, “वे यहाँ लोगों को बहका रहे हैं और कट्टर बना रहे हैं।” उन्होंने कहा कि उनमें से एक कुख्यात इस्लामिक संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) का हिस्सा था, जिस पर केंद्र सरकार जल्द ही किसी भी समय प्रतिबंध लगाने पर विचार कर रही है।