ब्रिजमंडल जलाभिषेक यात्रा के दौरान 31 जुलाई 2023 को कट्टरपंथी मुस्लिमों की भीड़ ने हिंदुओं पर चौतरफा हमला कर दिया था। सड़क से लेकर मंदिर तक में उन पर फायरिंग की गई। अस्पताल में मरीजों एवं स्वास्थ्यकर्मियों से उनका धर्म पूछकर मारा-पीटा गया है। इस हिंसा में अब तक 7 लोगों की मौत हो गई है, जबकि दर्जनों घायल हैं।
हिंसा की जाँच कर रही SIT ने भी प्रथम दृष्ट्या इसे एक सुनियोजित षडयंत्र माना है। जाहिर सी बात है कि बिना नेतृत्व के एक समुदाय के हजारों व्यक्ति सड़कों पर रणनीति के तहत उतर कर हमला नहीं कर सकते। उनके पास अत्याधुनिक हथियार थे। ये हथियार भी उन्हें आसानी ने नहीं मिले होंगे। इन सब शंकाओं के तार जुड़ते नजर आ रहे हैं। इसके पीछे एक प्रभावशाली राजनीतिक परिवार का नाम सामने आ रहा है।
इस राजनेता का नाम एक FIR में आया है। यह FIR बजरंग दल के कार्यकर्ता प्रदीप कुमार की हत्या से संबंधित है। प्रदीप कुमार नल्हड मंदिर पर हुए हमले में बच गए थे और पुलिस टीम अन्य हजारों लोगों के साथ उन्हें भी बचाकर नूहं के पुलिस लाइन तक लाई थी। हालाँकि, मंगलवार (1 अगस्त 2023) को नूहं पुलिस लाइन से जब वे अपने घर जा रहे थे, उसी दौरान दंगाई भीड़ ने घेर कर उन्हें मार डाला था।
प्रदीप कुमार के अलावा, उन्मादी भीड़ ने शक्ति सैनी और अभिषेक चौहान उर्फ अभिषेक राजपूत और होमगार्ड के दो जवानों की भी हत्या कर दी थी। इसमें अभिषेक चौहान अपने साथ आए महिलाओं और बच्चों को बचाते हुए मारे गए थे। दंगाइयों ने पहले उन्हें गोली मारी थी। उसके बाद उनका गला काटकर सिर को पत्थर से कुचल दिया था।
ऑपइंडिया के पास प्रदीप की हत्या के मामले में दर्ज एफआईआर उपलब्ध है। लगभग 200 से अधिक लोगों की हत्यारी भीड़ द्वारा उनकी हत्या के एक दिन बाद यानी, 2 अगस्त 2023 को एफआईआर दर्ज की गई थी। प्राथमिकी बजरंग दल के एक अन्य कार्यकर्ता पवन कुमार ने दर्ज कराई है। पवन मृतक प्रदीप के साथ थे।
पवन कुमार ने अपनी शिकायत में जावेद अहमद नामक व्यक्ति को मुख्य आरोपित बताया है। उन्होंने कहा कि भीड़ ने जावेद अहमद के आदेश पर प्रदीप कुमार और उनके साथ आए बजरंग दल के अन्य सदस्यों पर जानलेवा हमला किया था। गौरतलब है कि आरोपी जावेद अहमद आम आदमी पार्टी का नेता है।
शिकायतकर्ता पवन कुमार ने एफआईआर में कहा है कि 31 जुलाई की रात लगभग 10.30 बजे प्रदीप कुमार और बजरंग दल के अन्य कार्यकर्ताओं के साथ वह स्विफ्ट डिजायर कार से घर लौट रहे थे। इसी दौरान इस्लामवादियों की भीड़ ने उनकी कार पर जानलेवा हमला कर दिया। उनकी कार के पीछे बजरंग दल के अन्य कार्यकर्ताओं की दो कारें और एक पुलिस वैन साथ चल रही थी।
उन्होंने आगे कहा कि जब उनकी कार सोहना रोड पर पहुँची तो पुलिस ने बजरंग दल के सदस्यों को खुद ही आगे बढ़ने के लिए कहा। पुलिस ने उन्हें आश्वासन दिया कि सोहना क्षेत्र में तैनात पुलिस अधिकारियों ने सभी आवश्यक सुरक्षा जाँच कर ली है और रास्ता साफ है।
FIR के अनुसार, उन्होंने पुलिस की सुरक्षा के बिना कुछ ही दूरी तय की थी कि एक अपरिचित स्कॉर्पियो कार ने तेज रफ्तार से उनका पीछा करना शुरू कर दिया। उनकी कार कुंडली-मानेसर-पलवल एक्सप्रेसवे (KMP एक्सप्रेसवे) पर केवल एक या दो किलोमीटर ही चली होगी, तभी अचानक स्कॉर्पियो कार ने उन्हें रोक लिया।
पवन कुमार ने आगे कहा कि कुछ ही सेकंड में लगभग 150 इस्लामवादियों की भीड़ वहाँ आ गई और उनकी कार पर पथराव शुरू कर दिया। इसके कारण कार पर से उनका नियंत्रण हट गया और कार डिवाइडर से टकरा गई। जब कार रुकी तो उन्हें कार से बाहर निकलने के लिए मजबूर होना पड़ा। भीड़ का नेतृत्व कर रहा जावेद अहमद चिल्लाया, “उन सभी को मार डालो, जो होगा मैं संभाल लूँगा।”
पवन कुमार ने एफआईआर में कहा, “जावेद अहमद की शह पर लोहे की रॉड, पत्थर, बंदूकों और अन्य हथियारों से लैस 20-25 इस्लामवादी हमारी ओर बढ़े और हमें पीटना शुरू कर दिया। इस दौरान एक व्यक्ति ने प्रदीप के सिर पर रॉड मार दी और वह नीचे गिर गए। वहाँ पर गोलियाँ चलने लगी। तभी पुलिस की गाड़ी वहाँ आ गई।”
शिकायतकर्ता ने एफआईआर में आगे कहा कि पुलिस ने उन्हें भीड़ से बचाया और अस्पताल लेकर जाने लगी तो उन्होंने देखा कि देखा कि इस्लामवादी प्रदीप कुमार को लगातार लोहे की छड़ों और लाठियों से पीट रहे थे। बाद में पुलिस ने प्रदीप कुमार को बचाया और दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल ले गई, जहाँ उन्होंने दम तोड़ दिया।
कौन है जावेद अहमद?
एफआईआर में शिकायतकर्ता ने कई बार उल्लेख किया कि बजरंग दल कार्यकर्ता प्रदीप कुमार पर हमले और हत्या के पीछे मुख्य आरोपित जावेद अहमद नामक व्यक्ति है। चूँकि एफआईआर में केवल आरोपित के नाम का उल्लेख किया गया था, इसलिए ऑपइंडिया ने उसके बारे में कुछ और जानकारी प्राप्त करने के प्रयास में शिकायतकर्ता पवन कुमार से बात की।
पवन कुमार ने ऑपइंडिया को बताया कि जावेद अहमद कोई और नहीं, बल्कि हरियाणा के सोहना निर्वाचन क्षेत्र से आम आदमी पार्टी का नेता है। उन्होंने कहा कि जावेद ने ही भीड़ को जुटाया था और प्रदीप कुमार एवं बजरंग दल के अन्य कार्यकर्ताओं पर जानलेवा हमला करने के लिए उकसाया था।
पवन कुमार ने हमें आगे बताया, “इस्लामी भीड़ ने उसके उकसाने पर ‘अल्लाह हू अकबर’ और ‘पाकिस्तान जिंदाबाद’ के नारे लगाते हुए हम पर और वहाँ मौजूद अन्य निहत्थे हिंदुओं पर हमला कर दिया।”
जब हमने पवन कुमार से पूछा कि क्या उन्हें यकीन है कि AAP नेता इस्लामवादियों का नेतृत्व कर रहा था तो उन्होंने हाँ में जवाब दिया। उन्होंने दावा किया कि वह जावेद को अच्छी तरह पहचानते हैं, क्योंकि उन्होंने अक्सर जावेद और उसके परिवार के सदस्यों को हरियाणा के सोहना के इलाके में घूमते देखा है।
पवन कुमार से बात करने के बाद हमने आरोपित जावेद अहमद के बारे में कुछ और जानकारी जुटाने के लिए खोजबीन शुरू की। खोजबीन के दौरान ऑपइंडिया को 2 अगस्त 2022 को आम आदमी पार्टी, हरियाणा इकाई द्वारा जारी एक प्रेस नोट मिला, जिसमें जावेद अहमद को AAP के अल्पसंख्यक सेल के राज्य समन्वयक के रूप में नियुक्त करने की घोषणा की गई थी।
जावेद अहमद पहले सोहना विधानसभा से बसपा का उम्मीदवार था। हालाँकि, 14 मार्च 2022 को दिल्ली में आम आदमी पार्टी (AAP) मुख्यालय में आयोजित एक कार्यक्रम में वह AAP में शामिल हुआ था।
आम आदमी पार्टी द्वारा 2022 में पंजाब विधानसभा का चुनाव जीतने के बाद हरियाणा के कई पूर्व मंत्री, विधायक और उनके सहयोगी AAP पार्टी में शामिल हुए थे। जावेद अहमद भी इनमें से एक था। वह बहुजन समाज पार्टी छोड़कर आम आदमी पार्टी में शामिल हो गया था।
हरियाणा से कई नेता आम आदमी पार्टी में हुए शामिल।
— AAP Haryana (@AAPHaryana) March 14, 2022
समालखा से पूर्व निर्दलीय विधायक रविंद्र मछरौली आम आदमी पार्टी में हुए शामिल।
सोहना से BSP से चुनाव लड़ 40,000 वोट लेने वाले जावेद अहमद आम आदमी पार्टी में हुए शामिल। pic.twitter.com/CcRKmbJNNy
हरियाणा की निकिता तोमर हत्याकांड में भी आरोपित
साल 2020 में हरियाणा के बल्लभगढ़ में निकिता तोमर की दिन दहाड़े हत्या कर दी गई थी। निकिता की दिन-दहाड़े हत्या करने वाला तौसीफ उससे निकाह करना चाहता था। जब निकिता इसके लिए तैयार नहीं हुई तो उसने अपने साथी रेहान के साथ मिलकर निकिता की बीच सड़क पर गोली मारकर हत्या कर दी थी। तौसीफ इसी जावेद अहमद का भतीजा है।
इस हत्याकांड में जावेद अहमद से भी जाँच एजेंसियों ने पूछताछ की थी। पुलिस ने हत्याकांड के मुख्य आरोपित तौसीफ के अब्बू जाकिर हुसैन, अम्मी असमीना और चाचा जावेद अहमद के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी कराया था। हालाँकि, कोर्ट ने जावेद को अग्रिम जमानत दे दी थी।
राजनीतिक रूप से रसूखदार है जावेद का परिवार
जावेद अहमद का परिवार काफी रसूखदार है। जावेद का चाचा कबीर अहमद विधायक रह चुके हैं। वही, उसका चचेरा भतीजा आफताब अहमद मेवात जिले की नूहं सीट से कॉन्ग्रेस विधायक है। इतना ही नहीं, आफताब अहमद के अब्बू और जावेद अहमद का भाई खुर्शीद अहमद हरियाणा के पूर्व मंत्री रह चुके हैं।
जावेद अहमद ने पिछली बार सोहना विधानसभा से मायावती की बहुजन समाजवादी पार्टी की टिकट पर चुनाव लड़ा था, लेकिन हार गए गया था। हारने के बाद भी इस परिवार का रूतबा कम नहीं है और अक्सर विवादों में रहता है।
उत्तर प्रदेश के बागपत जिले के रहने वाले प्रदीप कुमार गुरुग्राम में बजरंग दल इकाई के पदाधिकारी थे। अपने परिवार का एकमात्र कमाने वाला होने के कारण वह छोटे-मोटे काम करते थे। बजरंग दल की गुरुग्राम इकाई से जुड़े लोगों ने कहा कि पुलिस शव परीक्षण और अन्य कानूनी औपचारिकताएँ पूरी होने के बाद मृतक के शव को सीधे उसके पैतृक गाँव बागपत भेजेगी।
31 जुलाई 2023 को जब हरियाणा के नूहं में हिंदु पर हमला हुआ तो ऑपइंडिया और कई अन्य प्लेटफार्मों पर खुलासा किया गया कि छतों से उन पर पथराव किया गया था। कट्टरपंथी मुस्लिम लड़के और पुरुष पहाड़ी इलाके में चले गए थे और वहीं से मंदिर हिंदुओं पर गोलीबारी कर रहे थे। इनमें 14 साल के बच्चे तक शामिल थे।
पहाड़ की चोटियों से उन पर एसिड की बोतलें फेंकी गईं और कई महिलाओं को परेशान किया गया। हिंसा के दौरान, कई महिलाओं और बच्चों (जिनकी संख्या लगभग 3000 थी) ने मंदिर में शरण ली थी और पुलिस ने उन्हें कुछ घंटों बाद ही बचा लिया था। हमले के दौरान मंदिर परिसर के आसपास मौजूद लोगों पर एके-47 से फायरिंग की गई थीं।