Thursday, November 14, 2024
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अयोध्या के भक्ति पथ-राम पथ से ₹50 लाख की लाइटें चोरी: मीडिया रिपोर्टों में दावा, डिविजनल कमिश्नर बोले- जाँच जारी, मामले को बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया जा रहा

इस मामले में प्रशासन की प्रतिक्रिया भी सामने आई है, जिसमें कहा जा रहा है कि संभवत: ये लाइटें लगाई ही नहीं गई। कॉन्टैक्टर का अभी पेमेंट नहीं हुआ है। हालाँकि प्रशासन ने एफआईआर दर्ज कर जाँच शुरू कर दी है।

अयोध्या में भक्ति पथ और राम पथ पर 50 लाख रुपये से अधिक कीमत की 3800 बैम्बू और 36 गोबो प्रोजेक्टर लाइटों के चोरी होने का मामला सामने आया है। ये लाइटें राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा के दौरान अयोध्या की साज-सज्जा के लिए लगाई गई थी। कॉन्ट्रैक्टर ने थाने में तहरीर दी है कि आधी से ज्यादा लाइटें चोरी हो गई हैं। वहीं, इस मामले में प्रशासन की प्रतिक्रिया भी सामने आई है, जिसमें कहा जा रहा है कि संभवत: ये लाइटें लगाई ही नहीं गई। कॉन्टैक्टर का अभी पेमेंट नहीं हुआ है। हालाँकि प्रशासन ने एफआईआर दर्ज कर जाँच शुरू कर दी है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, योगी सरकार की ओर से अयोध्या को स्मार्ट सिटी के रूप में विकसित करने की योजना के तहत मठ-मंदिर और प्रमुख सड़कों के किनारे आकर्षक लाइटें लगाई गई थीं। पर्यटक स्थलों की इस खूबसूरती पर चोरों ने हाथ साफ कर दिया। बताया जा रहा है कि अयोध्या विकास प्राधिकरण ने यश इंटरप्राइजेज और कृष्णा ऑटोमोबाइल को रामपथ व भक्ति पथ पर लाइटें लगाए जाने का ठेका दिया था। जिसके तहत नया घाट, हनुमान गढ़ी और टेढ़ी बाजार पर लगभग 6400 बैम्बू और 96 गोबो प्रोजेक्टर लाइट लगाई गई थी।

यश इंटरप्राइजेज प्रतिनिधि शेखर शर्मा के अनुसार, रामपथ और भक्ति पर लगाई गईं 3800 बैम्बू और 36 गोबो लाइट चोरी हो गई हैं, जिसको लेकर राम जन्मभूमि थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया है। शिकायत में कहा गया है कि 19 मार्च तक सभी लाइटें लगा दी गई थीं। बाद में मालूम चला कि काफी लाइटें गायब हैं, इसकी जब जाँच पड़ताल की गई तो 3800 बैम्बू और 36 गोबो लाइटें गायब मिलीं। इस मामले में पुलिस ने मामला दर्ज कर जाँच शुरू कर दी है।

शायद ये लाइटें कभी लगी ही नहीं: प्रशासन

राम पथ पर लगी फैंसी लाइटों की चोरी की रिपोर्ट पर जिला प्रशासन ने स्पष्टीकरण देते हुए कहा कि कड़ी सुरक्षा के कारण बड़े पैमाने पर चोरी की संभावना नहीं है। विकास प्राधिकरण ने स्थापित लाइटों की संख्या और चोरी की रिपोर्ट की गई लाइटों की संख्या में अंतर पाया। जाँच जारी है और अगर चोरी की झूठी रिपोर्ट पाई जाती है तो कार्रवाई की जाएगी।

डिविजनल कमिश्नर गौरव दयाल ने कहा, “संभावना यह है कि लाइटें कभी लगाई ही नहीं गईं।” उन्होंने कहा, “ये संभव ही नहीं है कि पेड़ों पर इतनी लाइटे लगाई गई हों। पेड़ों से लाइट चोरी होना असंभव बात है। वैसे, ये कॉन्ट्रैक्टर की जिम्मेदारी है कि वो साल भर इन लाइटों की देख-रेख करे। कॉन्ट्रैक्टर जो आरोप लगा रहा है, उसकी जाँच की जाएगी और अगर गलत शिकायत की गई है, तो उसके खिलाफ भी कार्रवाई करेंगे।”

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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