अयोध्या में राम मंदिर और बाबरी मस्जिद का विवाद सुलझ गया है। भव्य राम मंदिर का निर्माण भी प्रारंभ हो गया है। बाबरी ध्वंस मामले के याचिकाकर्ता इक़बाल अंसारी ने कहा है कि अब इस मामले को बिना किसी राजनीति के समापन कर देना चाहिए। बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में इक़बाल अंसारी ही मुख्य याचिकाकर्ता है और उन्होंने कहा है कि वो इस मामले में अब लम्बी सुनवाई नहीं चाहते हैं। इसे ख़त्म किया जाना चाहिए।
उन्होंने स्पेशल सीबीआई कोर्ट से कहा है कि उन्हें सुप्रीम कोर्ट की राह पर चलते हुए जल्द से जल्द फ़ैसला सुनाएँ। उन्होंने ‘बिना समय जाया किए’ इस मामले में न्याय की माँग की है। उन्होंने कहा कि मंदिर और मस्जिद विवाद को लेकर सुप्रीम कोर्ट को जो फ़ैसला देना था वो आ चुका है, इसीलिए अब इस मामले को आराम दे देना चाहिए। उन्होंने कहा कि सबने सुप्रीम कोर्ट का निर्णय माना है, इसी तरह स्पेशल सीबीआई कोर्ट को भी बाबरी ध्वंस मामले की जल्द सुनवाई करनी चाहिए।
इक़बाल अंसारी ने कहा कि अब देश में राम मंदिर और बाबरी मस्जिद विवाद पर कोई तनाव नहीं होना चाहिए और साम्प्रदायिकता के लिए कोई जगह नहीं बचनी चाहिए। उन्होंने माँग करते हुए कहा कि ऐसे किसी भी विवाद को अब आराम देने का समय आ गया है क्योंकि अब इसे आगे नहीं ले जाया जा सकता। बता दें कि 4 जून को स्पेशल सीबीआई कोर्ट उनलोगों के बयान दर्ज करेगी, जो बाबरी विध्वंस के आरोपित हैं।
#रामनगरी #अयोध्या के #बाबरी #मस्जिद के पूर्व पक्षकार इकबाल अंसारी ने बाबरी #विध्वंस केस शीघ्र समाप्त करने की मांग की है. उन्होंने कहा कि मामले में #सीबीआई #अदालत को सामाजिक सौहार्द को देखते हुए निर्णय लेना चाहिए #सुप्रीम #कोर्ट का फैसला आने के बाद #अयोध्या विवाद समाप्त हो गया है. pic.twitter.com/dOjg0j9lbi
— Manmanth Bais (@manmanthbais) May 30, 2020
बता दें कि आरोपितों की सूची में कई बड़ी हस्तियों के नाम शामिल हैं। इनमें पूर्व उप-प्रधानमंत्री लालकृष्ण अडवाणी, पूर्व भाजपा अध्यक्ष मुरली मनोहर जोशी और मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती का नाम शामिल है। इस मामले की सुनवाई स्पेशल जज एसके यादव कर रहे हैं और सीआरपीसी की धारा 303 के तहत आरोपितों का बयान दर्ज किया जाना है। हालाँकि, अभी ये साफ़ नहीं है कि सभी 32 अभियुक्त कोर्ट में पेश होंगे का वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जारी सुनवाई होगी।
अंसारी ने कहा कि देश इस समय महामारी के कारण बीमारी व आर्थिक संकटों से जूझ रहा है ऐसे में अब किसी भी प्रकार के सांप्रदायिक मामले नहीं होने चाहिए। हालाँकि, इक़बाल अंसारी ने केस वापस लिए जाने के सम्बन्ध में कुछ नहीं कहा। इससे पता चलता है कि वो राम मंदिर मामले की तरह इसमें भी पीछे नहीं हटेगा और सुनवाई जारी रहेगी लेकिन साथ ही उसकी माँग है कि इसे जल्दी पूरा कर ‘न्याय’ दिया जाए।