उत्तर प्रदेश के बाराबंकी में दहेज़ के कारण एक शादी मात्र 24 घंटे के भीतर टूट गई। युवक ने शादी के एक दिन के भीतर अपनी पत्नी को तीन तलाक दे दिया। घरवाले चौथे की रस्म की तैयारी में लगे थे, तभी अचानक से उन्हें नवविवाहिता को तीन तलाक दिए जाने की ख़बर मिली, जिसके बाद खलबली मच गई। वधू पक्ष ने लड़के वालों के ख़िलाफ़ थाने में शिकायत दर्ज कराई है। नाराज़ लड़की के पिता ने अपनी बेटी के साथ ससुराल वालों द्वारा इस तरह का व्यवहार किए जाने को लेकर अपनी व्यथा स्थानीय पुलिस को बताई।
फतेहपुर कोतवाली क्षेत्र के हसनपुर टांडा की रहने वाली रुखसाना बानो का निकाह जहाँगीपुर थाना क्षेत्र में आने वाले सादीपुर गाँव निवासी शाहे आलम के साथ हुआ। निकाह की रस्म 13 जुलाई को पूरी की गई। निकाह के सबकुछ ठीक-ठाक था और लड़की की विदाई भी अच्छी तरह से संपन्न हो गई। असली नाटक इसके बाद शुरू हुआ। रुखसाना के ससुराल से उसके पिता कुतुबुद्दीन को फोन आया कि उनकी बेटी की तबियत काफ़ी ख़राब है, जिसके बाद वह भागे-भागे वहाँ पहुँचे।
जब वह अपनी बेटी के ससुराल पहुँचे तो रुखसाना अपने पिता को देखते ही रोने लगी और ससुराल वालों द्वारा दहेज़ में मोटरसाइकिल के लिए प्रताड़ित किए जाने की बात कही। रुखसाना ने अपने पिता को बताया कि उसके पति व ससुराल के अन्य परिजन दहेज के लिए उसे परेशान कर रहे हैं। जब कुतुबुद्दीन ने अपना दामाद शाहे आलम को समझाना शुरू किया तो उन्हें भी जान से मारने की धमकी दी गई।
इसके बाद गुस्साए शाहे आलम ने अपनी बीवी रुखसाना को तीन तलाक दे दिया। ऐसा उसने तीन बार ज़ोर से ‘तलाक-तलाक-तलाक’ बोल किया। साथ ही शाहे आलम ने अपनी बीवी को तुरंत घर से निकल जाने को कहा। ख़बरों के अनुसार, रुखसाना का रो-रो कर बुरा हाल है और शादी के तुरंत बाद तलाक़ के सदमे से वह अभी तक नहीं उबरी हैं।
पुलिस ने इस मामले में दोषियों के ख़िलाफ़ कड़ी कार्रवाई की बात कही है। पुलिस ने बताया कि दहेज उत्पीड़न का मामला दर्ज कर आगे की जाँच की जा रही है। सीओ अरविन्द कुमार वर्मा ने आश्वासन दिया कि जाँच में जो भी दोषी पाया जाएगा, उस पर कठोरतम कार्रवाई होगी।