पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी के राज में भाजपा नेताओं की हत्याओं का सिलसिला थमता नहीं दिख रहा है। अब एक भाजपा विधायक की लाश संदिग्ध अवस्था में मिलने के बाद राज्य में क़ानून-व्यवस्था पर फिर से सवाल उठने शुरू हो गए हैं।
ताज़ा घटना सुदर्शनपुर के रायगंज की है, जहाँ हेमताबाद के भाजपा विधायक देबेन्द्र नाथ रॉय का मृत शरीर एक फंदे से झूलता हुआ पाया गया। भाजपा विधायक देबेन्द्र नाथ रॉय रविवार (जुलाई 12, 2020) को ही अपने पैतृक गाँव बिंडोल पहुँचे थे।
परिजनों का कहना है कि रविवार रात 1 बजे कुछ युवक उन्हें बुलाने आए थे। इसके बाद से उनकी कोई जानकारी नहीं मिल पाई। सोमवार की सुबह 7 बजे कुछ स्थानीय लोगों ने उन्हें फंदे से झूलता हुआ पाया। इसके बाद पुलिस को सूचना दी गई। पुलिस ने बताया है कि विधायक का मृत शरीर बंद चाय की एक दुकान के सामने झूलता हुआ मिला। फ़िलहाल पोस्टमॉर्टम की प्रक्रिया पूरी की जा रही है।
हालाँकि, पुलिस ने अभी तक इस बारे में कुछ नहीं कहा है कि ये हत्या है या फिर आत्महत्या। जहाँ उनकी लाश मिली, वो जगह उनके पैतृक पंचायत बलिया स्थित बिंडोल गाँव में उनके घर से डेढ़ किलोमीटर की दूरी पर ही है।
भाजपा विधायक के परिजनों का कहना है कि देबेन्द्र नाथ रॉय की हत्या हुई है। उनका कहना है कि एक साजिश के तहत उन्हें लटका दिया गया। रायगंज के सांसद और केंद्रीय राज्यमंत्री देबाश्री चौधरी ने उनकी मौत की जाँच की माँग की है।
तस्वीरें विचलित कर सकती हैं –
— Vikas Bhadauria (ABP News) (@vikasbha) July 13, 2020
पश्चिम बंगाल में #TMC छोड़ बीजेपी में आये हेमताबाद के विधायक देबेंद्र नाथ रॉय की हत्या कर दी गई, उनका शव फांसी पर लटका मिला.
ॐ शांति शांति शांति pic.twitter.com/Iuvi2nNPTF
विधायक की पत्नी और पूर्व पंचायत प्रमुख चांदीमा रॉय ने भी अपने पति की साजिशन हत्या की आशंका जताई है। वहीं देबाश्री ने कहा है कि भाजपा विधायक देबेन्द्र नाथ रॉय की मौत काफी संदेहास्पद है। उन्होंने पूछा कि अगर किसी व्यक्ति का हाथ बंधा हुआ हो तो वो आत्महत्या कैसे कर सकता है? उन्होंने पुलिस को इस घटना की अच्छी तरह जाँच कर के दोषियों को सज़ा दिलाने को कहा है।
2016 के विधानसभा चुनाव में देबेन्द्र नाथ रॉय सीपीएम के टिकट पर चुनाव जीते थे। उन्होंने नार्थ दिनाजपुर के हेमताबाद से जीत दर्ज की थी। वो ग्राम पंचायत चुनाव में भी सीपीएम के लिए हैट्रिक जीत दर्ज कर चुके थे। उन्होंने कोआपरेटिव सोसाइटी की मदद से गाँव में कई लोगों की वित्तीय रूप से मदद की थी। उन्होंने 2019 में दिल्ली में भाजपा की सदस्यता ली थी। उनकी मौत से भाजपा के कई नेता अचंभित हैं।