देश के कई हिस्सों में दंगों के लिए आरोपित माने जाने वाली पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) पर एक बार फिर राष्ट्रीय जाँच एजेंसी (NIA) का शिकंजा कसने लगा है। एनआईए ने बुधवार (नवंबर 18, 2020) को बेंगलुरु दंगा मामले में 43 जगहों पर छापेमारी की और यह छापेमारी पीएफआई के पॉलिटिकल फ्रंट सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (SDPI) के चार ठिकानों पर भी मारी गई। एनआईए का दावा है कि इस छापेमारी के दौरान अनेक अहम दस्तावेज बरामद हुए हैं।
NIA conducted searches at 43 locations in Bengaluru incl 4 offices of Social Democratic Party of India, political wing of Popular Front of India, relating to rioting & violent attacks on DJ Halli & KG Halli Police Stations in Bengaluru on 11th Aug: National Investigation Agency
— ANI (@ANI) November 18, 2020
एनआईए के एक अधिकारी ने बताया कि यह मामला इसी साल बेंगलुरु में दो पुलिस थानों में दंगाइयों ने भारी उत्पात मचाया था। घातक हथियारों से लैस इन दंगाइयों ने पुलिस थानों की इमारतों सार्वजनिक और निजी संपत्तियों को नष्ट किया। साथ ही सरकारी कर्मचारियों पर भी हमला बोला। दंगे से आसपास के इलाकों में दहशत फैल गई और इस दंगे का मकसद समाज में आतंक फैलाना था। एनआईए के आला अधिकारी के मुताबिक, बाद में यह मामला जाँच के लिए एनआईए को सौंप दिया गया। इस मामले में पीएफआई की पॉलिटिकल फ्रंट के एक पदाधिकारी को भी गिरफ्तार किया गया था।
So far, 124 and 169 accused have been arrested in DJ Halli PS case and 169 are arrested in KG Halli PS case respectively. During the searches, incriminating materials relating to SDPI / PFI as well as certain instruments for attacks like sword, knife, iron rods were seized: NIA https://t.co/y6jyyHeuZu
— ANI (@ANI) November 18, 2020
मामले की आरंभिक जाँच के दौरान यह पाया गया कि दंगा पूरी तरह से सुनियोजित था और इसमें सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया के लोगों का भी हाथ था। दोनों थाना क्षेत्रों में हुए दंगे के इस मामले में क्रमशः 124 और 169 आरोपित गिरफ्तार किए जा चुके हैं। आज की छापेमारी के दौरान एनआईए को तलवार, चाकू और लोहे की छड़ आदि हमले में प्रयोग की गई सामग्रियाँ बरामद हुईं। साथ ही एसडीपीआई, पीएफआई से संबंधित अहम दस्तावेज भी बरामद हुए हैं। मामले की जाँच जारी है।
गौरतलब है कि पीएफआई का नाम लगातार देश के विभिन्न भागों में हो रहे दंगों को भड़काने और दंगों के लिए पैसा पहुँचाने के आरोपों में आता रहा है। चाहे दिल्ली के दंगे हों, उत्तर प्रदेश हो, केरल में प्रोफेसर का हाथ काटने का मामला हो या फिर बेंगलुरु के दंगे हों, हर जगह पीएफआई का नाम सामने आता रहा है।
उल्लेखनीय है कि बेंगलुरु में हुई हिंसा मामले में फरार चल रहे कॉन्ग्रेस नेता व पूर्व मेयर संपत राज को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। क्राइम ब्रांच के ज्वाइंट कमिश्नर संदीप पाटील ने बताया, “कॉन्ग्रेस नेता और पूर्व बेंगलुरु मेयर संपत राज को डीजे हल्ली और केजी हल्ली में हुई हिंसा मामले में गिरफ्तार कर लिया गया है।”
उन पर हिंसक भीड़ को उकसा कर दंगे भड़काने का आरोप है। पिछले दिनों कोरोना के इलाज के दौरान संपत एक निजी अस्पताल में भर्ती होने के बाद फरार हो गए थे। इसके बाद से पुलिस लगातार इनकी तलाश कर रही थी।
इससे पहले कॉन्ग्रेस नेता संपत राज के नज़दीकी सहयोगी रियाजुद्दीन को गिरफ्तार करके न्यायिक हिरासत में भेजा गया था। रियाजुद्दीन पर आरोप था कि उसने संपत राज को छुपने और फरार होने में मदद की। वह कॉन्ग्रेसी नेता को पहले नगरहोले स्थित एक फार्म हाउस लेकर गया था और उसने कुछ दिनों तक संपत राज को वहीं छुपाया था।
बता दें कि पूरे मामले की शुरुआत एक कथित भड़काऊ सोशल मीडिया पोस्ट को माना जाता है, जिसे कॉन्ग्रेस विधायक श्रीनिवास मूर्ति के भतीजे नवीन ने पोस्ट किया था। हालाँकि, स्थिति बिगड़ने पर इस पोस्ट को डिलीट कर दिया गया था लेकिन तब तक दंगाइयों ने हिंसा फैलाना शुरू कर दिया था।