Sunday, December 22, 2024
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‘…अभी तक सुसाइड नहीं किए हो’: सास-बीवी ने कोर्ट में कहा, महिला जज हँसती रही – बेंगलुरु के IT इंजीनियर ने की आत्महत्या, 3 साल से नहीं देखने दी थी बेटे का मुँह

मृतक ने सुसाइट नोट में अपनी अंतिम इच्छा बताते हुए कहा कि जब उन्हें और उनके परिवार को प्रताड़ित करने वाले उनकी पत्नी एवं ससुराल के लोगों के साथ-साथ महिला जज को दंडित नहीं किया जाता, तब तक उनकी 'अस्थि विसर्जन' ना की जाए। अगर ये लोग दंडित नहीं होते हैं तो उनकी अस्थि को किसी कोर्ट के बाहर स्थित गटर में डाल दिया जाए। तब, उनके माँ-बाप को इच्छा-मृत्यु की अनुमति दे दी जाए।

कर्नाटक के बेंगलुरु में नौकरी करने वाले AI इंजीनियर ने 24 पन्नों की सुसाइड नोट लिखकर आत्महत्या कर ली है। मरने से पहले उस शख्स ने एक वीडियो भी जारी किया और अपनी पत्नी एवं ससुराल वालों पर प्रताड़ना का आरोप लगाया है। इतना ही नहीं उसने ने जौनपुर में पारिवारिक मामले को देखने वाली महिला जज पर पक्षपात का आरोप लगाया है। इसके साथ ही लिखा है कि उसके अस्थि को तब तक ना विसर्जित किया जाए, तब उसके ससुराल वालों को सजा नहीं मिल जाती।

पुलिस के अनुसार, अतुल सुभाष नाम का 34 वर्षीय शख्स बेंगलुरु के एक निजी फर्म में काम करता था। उसका शव शहर के मंजूनाथ लेआउट इलाके में स्थित उनके आवास पर लटका हुआ पाया गया है। आत्महत्या करने से पहले सुभाष ने 24 पन्नों के नोट लिखा, जिसमें से चार पन्ने हाथ से लिखे हुए हैं। वहीं, 20 पन्ने टाइप किए हुए। सुसाइड में लिखा है ‘मुझे न्याय मिलना चाहिए’।

मृतक सुभाष ने अपनी सुसाइड नोट में अपनी पत्नी और उसकी माँ, भाई और चाचा को प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है। उसने पत्नी के साथ अनबन के साथ कोर्ट में उसके साथ किए जा रहे कथित भेदभाव को लिखा है। सुभाष की सुसाइड नोट के अनुसार, उसकी पत्नी ने उस पर दहेज प्रताड़ना से लेकर अप्राकृतिक सेक्स करने तक का आरोप लगाया है।

बिहार के समस्तीपुर के रहने वाले मृतक अतुल सुभाष से अलग रह रही पत्नी ने उससे 80 हजार रुपए मासिक और बच्चे को पालने के लिए 2 लाख रुपए महीने की माँग की थी। उसकी बीवी निकिता सिंघानिया B.Tech, MBA है और दिल्ली की एक बड़ी आईटी फर्म में AI इंजीनियर है। वह अपने पति को इस तरह प्रताड़ित करती थी कि 4 साल के अपने बेटे को मृतक से बात भी नहीं करने देती थी।

मृतक ने ससुराल पक्ष के लोगों द्वारा अपने पिता और भाई को भी झूठे केस में फँसाने का आरोप लगाया है। उसका कहना है कि उसकी पत्नी ने उसे परेशान करने के लिए उत्तर प्रदेश के जौनपुर में केस किया था। इस केस के लिए वह बेंगलुरु से जौनपुर 120 बार जा चुका है। इसके कारण वह वित्तीय ही नहीं, बल्कि मानसिक रूप से भी परेशान हो गया है और न्याय नहीं मिलता देखकर यह स्ट्रीम कदम उठा रहा है।

सोशल मीडिया पर मृतक का 1:21 घंटा का एक वीडियो और सुसाइड नोट भी सामने आया है। इस वीडियो और नोट में उसने छोटी-से-छोटी बात को लिखा है कि किस तरह उसके ससुराल वाले उसे परेशान कर रहे थे। इसके साथ ही मृतक ने यह भी बताया कि जौनपुर की महिला जज उससे पक्षपात करती हैं और कोर्ट रूम में उस पर हँसती थी।

मरने से पहले क्या-क्या किया, डिटेल में लिखा

अतुल ने अपनी सुसाइड नोट बेहद शांत भाव से और सोच-समझकर लिखा है। पुलिस को उसकी अलमारी में एक टाइम टेबल पिन किया हुआ मिला। यह टाइम टेबल हिंदी और अंग्रेजी, दो भाषाओं में लिखी गई हैं। इस टाइमटेबल में सुभाष ने आत्महत्या वाले दिन किस समय पर क्या-क्या किया, सारा विवरण लिखा है। जैसे कि उसने सुबह उठकर प्रार्थना की, उसके बाद अपना सामान छाँटा, कोर्ट और अपनी कंपनी को इसके बारे में ईमेल भेजा।

हर तरफ से हताश होने के बाद मृतक ने ‘मरने से पहले क्या किया’ शीर्षक के अंतर्गत लिखा: “स्नान किया। खिड़कियाँ और गेट का ताला खोला। भगवान शिव का 100 बार नाम जपा। कार और बाइक की चाबियाँ फ्रिज पर रखी। सुसाइड नोट को टेबल पर रखा।” मृतक की पत्नी ने पिछले 2 सालों में उसके और परिवार के खिलाफ 8 मुकदमे कर रखे थे। इससे मृतक बेहद परेशान हो उठा था।

जज पर आरोप लगाया

अतुल सुभाष ने अपने वीडियो और सुसाइड नोट में दावा किया है कि जौनपुर में अदालत में सुनवाई के दौरान उसकी पत्नी ने जज के सामने ही उसे आत्महत्या के लिए उकसाया। इस दौरान महिला जज भी हँस पड़ी। मृतक ने अपनी सुसाइड नोट में महिला जज पर रिश्वतखोरी के गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने लिखा है कि जौनपुर में सबको पता है कि रिश्वत देकर उस महिला से मनमुताबिक फैसला लिया जा सकता है।

मृतक अतुल सुभाष ने अपनी नोट में आरोप लगाया कि महिला जज ने केस को सेटल करने के लिए उससे भी 5 लाख रुपए की रिश्वत माँगी थी। वहीं, हर पेशी में जज का पेशकार उससे पैसे लेता था। इतना ही नहीं, वह पेशकार जज के सामने ही वह कोर्ट में आने वाले हर व्यक्ति से वह 50-100 रुपए वसूल करता था।

मृतक ने आरोप लगाया, “सभी सबूतों के साथ ईमानदारी से केस लड़ते रहो, लेकिन एक भ्रष्ट जज मुझे और मेरे परिवार को परेशान करके, चीजों में हेरफेर करके और हमारे खिलाफ मामले के हर तथ्य को तोड़-मरोड़ कर फैसला देकर पत्नी का पक्ष ले रही है।” उसने कहा कि अब वह अपने माता-पिता के खिलाफ शुरू किए गए मुकदमों के लिए भरण-पोषण राशि के रूप में फंडिंग नहीं कर सकता।

मृतक ने नोट में कहा, “मेरी पत्नी मेरे बच्चे को अलग-थलग रखेगी और मुझे, मेरे बुजुर्ग माता-पिता और मेरे भाई को परेशान करने के लिए और भी केस दर्ज करवाएगी। वह भी उसी पैसे का इस्तेमाल करके, जो मैं उसे भरण-पोषण के तौर पर देता हूँ। मेरे द्वारा दिए गए पैसे का इस्तेमाल मेरे बच्चे के भरण-पोषण के लिए करने के बजाय, उसे मेरे खिलाफ हथियार बनाया जा रहा है।”

अतुल ने अपनी सुसाइड नोट में लिखा है कि एक दिन कोर्ट में उसे देखकर उसकी पत्नी ने कहा, “अरे तुम अभी सुसाइड नहीं किए?” इस पर मृतक ने कहा, “मैं मर गया तो तुम लोगों की पार्टी कैसे चलेगी?” इस पर अतुल की पत्नी बोली, तब भी चलेगी। तुम्हारा बाप देगा पैसा। पति के मरने पर सब वाइफ का होता है। तेरे मरने के बाद तेरे माँ-बाप भी जल्दी मरेंगे फिर। उसमें भी बहु का हिस्सा होता है।”

अतुल ने अपनी नोट में आगे लिखा है कि उसकी पत्नी ने उसे और उसके पूरे परिवार को धमकी देते हुए आगे कहा, “पूरी जिंदगी तेरा पूरा खानदान कोर्ट के चक्कर काटेगा।” मृतक ने कहा कि उसके उकसाने के बाद वह सुसाइड करने का निर्णय लिया है और इससे उसके दुश्मनों और भ्रष्ट न्याय व्यवस्था को मिलने वाला पैसा बंद हो जाएगा। अतुल ने लिखा कि बेटे को पिता से रुपए वसूलने के लिए इस्तेमाल नहीं किया जना चाहिए।

मेरी अस्थि को कोर्ट के बाहर गटर में डाल देना: मृतक की अंतिम इच्छा

मृतक अतुल सुभाष ने मौत के बाद अपनी कुछ इच्छाएँ भी अपनी सुसाइड नोट में डाली है। 12 प्वॉइन्ट में लिखे इस नोट में अतुल ने लिखा है कि जिस तरह से उन्हें प्रताड़ित किया गया और उनकी पत्नी के पक्ष में पक्षपात किया गया, उसको देखते हुए इस केस की सुनवाई लाइव होनी चाहिए, ताकि पूरा देश सच्चाई जान सके। उन्होंने अपनी सुसाइड नोट और वीडियो को सबूत मानने की अपील की है।

उन्होंने इस मामले की सुनवाई कर रही जौनपुर की महिला जज के इरादे पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने आशंका जाहिर की है कि जज इस केस से जुड़े सबूतों एवं दस्तावेजों में हेरफेर कर सकती हैं। उन्होंने यूपी के कोर्ट की अपेक्षा बेंगलुरु की कोर्ट को अधिक न्यायप्रिय बताते हुए इससे जुड़े सभी केस को बेंगलुरु ट्रांसफर करने की माँग की है।

मृतक ने अपने बेटे की कस्टडी अपने बुजुर्ग माँ-बाप को देने की अपील की है। इसके साथ ही उनके शव के आसपास उनकी पत्नी या ससुराल के किसी भी व्यक्ति को आने से रोकने की अपील की है। उन्होंने कहा कि जब उन्हें और उनके परिवार को प्रताड़ित करने वाले उनकी पत्नी एवं ससुराल के लोगों के साथ-साथ महिला जज को दंडित नहीं किया जाता, तब तक उनकी ‘अस्थि विसर्जन’ ना की जाए। अगर ये लोग दंडित नहीं होते हैं तो उनकी अस्थि को किसी कोर्ट के बाहर स्थित गटर में डाल दिया जाए।

अतुल ने यह भी कहा है कि उनकी मौत के बाद उनके ससुराल के लोगों के साथ किसी भी तरह का समझौता नहीं किया जाना चाहिए, बल्कि केस की सुनवाई करके दंडित किया जाना चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने इच्छा जाहिर की है कि उनकी पत्नी को उनके एवं उनके परिवार के खिलाफ किए गए केस को वापस लेने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। न्यायिक व्यवस्था से हताश मृतक ने कहा कि अगर उनके मरने के बाद भी उनके माता-पिता और भाई का उत्पीड़न जारी रहता है तो कोर्ट उन्हें इच्छा-मृत्यु की अनुमति दे।

शादी डॉट कॉम से मुलाकात

अतुल ने अपने सुसाइड नोट में लिखा है कि उसकी पत्नी निकिता से उसकी मुलाकात शादी डॉट कॉम नाम की मैट्रिमोनियल वेबसाइट पर हुई थी। इसके बाद साल 2019 में दोनों ने शादी कर ली। अतुल का आरोप है कि निकिता ने साल 2021 में बेंगलुरु स्थित उसके घर को छोड़ दिया। अपने साथ वह अपने गहने और पैसे भी लेकर चली गई।

रिश्तों में दरार की शुरुआत अतुल द्वारा अपनी सास को 15 लाख रुपए देने से शुरू हुई। उसकी सास निशा ने बिजनेस में लगाने के लिए उससे 15 लाख रुपए माँगे, लेकिन उसने लगभग एक करोड़ रुपए के मकान खरीद लिए। इस पर अतुल ने अपनी नाराजगी जाहिर की और अपने पैसे माँगे। इसके बाद उसकी सास ने 1.5 लाख रुपए दे दिए और बाकी पैसे माँगने पर प्रताड़ित करना शुरू कर दिया।

अपने पिता के लिए ऐसे 100 बेटे कुर्बान कर सकता हूँ, लेकिन अपने बेटे के लिए 1000 बार मैं कुर्बान हो सकता हूँ: अपने बेटे को प्रताड़ना का हथियार बनाए जाने से परेशान मृतक

इसके बाद उत्तर प्रदेश के जौनपुर की रहने वाली मृतक की पत्नी ने उस पर तमाम तरह के आरोप लगाते हुए पिछले 2 सालों में 8 केस दर्ज करा दिए। इनमें मारपीट, दहेज से लेकर अप्राकृतिक सेक्स करने तक के मामले शामिल हैं। इतना ही नहीं, निकिता ने आरोप लगाया कि अतुल और उसके परिवार द्वारा 10 लाख रुपए दहेज माँगने के कारण दिल के मरीज उसके पिता की मौत हो गई।

इन केसों में मृतक के परिजनों का भी नाम दिया गया था। इस तरह वे लगातार परेशान हो रहे थे। वहीं, अतुल ने अपनी सुसाइड नोट में लिखा है कि उसके पिता दिल के मरीज थे और पिछले 10 सालों से दिल्ली के AIIMS में उनका इलाज चल रहा था। शादी से पहले ही डॉक्टरों ने कहा था कि निकिता के पिता कुछ महीने जिंदा रहेंगे। इसके बाद दोनों मे मुलाकात के कुछ ही महीनों के बाद 2019 में शादी कर ली थी।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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