यूपीआई पेमेंट ऐप (UPI Payment App) भारतपे (BharatPe) के मैनेजिंग डायरेक्टर (MD) व सह संस्थापक अशनीर ग्रोवर मार्च अंत तक स्वैच्छिक छुट्टी (voluntary leave) पर चले गए हैं। दावा किया जा रहा है कि इस निर्णय के पीछे सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा उनका वह ऑडियो क्लिप है, जिसमें वे कथित तौर पर कोटक महिंद्रा बैंक के एक कर्मचारी को गालियाँ दे रहे हैं। ग्रोवर इस क्लिप को फर्जी बता रहे हैं। लेकिन, इसके आधार पर नेटिजन्स भारतपे के कल्चर को लेकर सवाल उठा रहे थे। छुट्टी पर जाने के फैसले को भारतपे और खुद अशनीर ने कम्पनी की बेहतरी के लिए जरूरी बताया है।नेटिज़ेंस ने इसी आधार पर भारतपे कम्पनी के कल्चर पर सवाल उठाए हैं। लेकिन इसको लेकर तमाम तरह की चर्चाएँ हैं।
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) दिल्ली और भारतीय प्रबंधन संस्थान (IIM) अहमदाबाद से पढ़े ग्रोवर साल 2013 तक कोटक इन्वेस्टमेंट बैंकिंग के वाइस प्रेसिडेंट रहे थे। उन्होंने 30 अक्टूबर 2021 को कोटक महिंद्रा बैंक को अपनी कानूनी फर्म Regstreet से नोटिस भेजा था। इस नोटिस में उन्होंने आरोप लगाया था कि कोटक वेल्थ मैनेजमेंट ने उन्हें और उनकी पत्नी को नायका आईपीओ के लिए फाइनेंस नहीं किया। नोटिस में उन्होंने बैंक से हर्जाना भी माँगा था। हालाँकि बैंक ने उनके सभी आरोपों को ख़ारिज कर दिया था।
5 जनवरी को एक अनजान व्यक्ति ने एक ऑडियो क्लिप को ट्वीट किया था। यह ऑडियो क्लिप साउंड क्लाउड प्लेटफॉर्म पर था। यह ऑडियो बैंक के स्टाफ और 2 ग्राहकों के बीच की बातचीत थी। इस बातचीत में ग्राहक की तरफ से बैंक स्टाफ को गालियों के साथ धमकी भी दी जा रही थी। बैंक का स्टाफ उन्हें शांत करने का प्रयास करता रहा। बाद में यह ट्वीट और ऑडियो सोशल मीडिया के तमाम प्लेटफॉर्म से डिलीट कर दिया गया।
ऑडियो के वायरल होने के बाद आरोप लगाया गया कि ग्राहक की आवाज अशनीर और उनकी पत्नी माधुरी की है। साथ ही बैंक का स्टाफ़ कोटक महिंद्रा का है। अशनीर ने इसे फर्जी ऑडियो बताते हुए अपने खिलाफ पैसे की उगाही की साजिश बताया था। इस मामले का खुलासा तब हुआ जब 9 जनवरी को कोटक महिंद्रा बैंक ने अपने स्टाफ से गाली-गलौज करने वाले ग्राहकों के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई की घोषणा की थी।
फिलहाल बोर्ड के सदस्य सुहैल समीर और भाविक कोलाडिया भारतपे का कामकाज देखेंगे। साल 2020 में जब सुहैल समीर ने CEO के तौर पर ज्वाइन किया था, तब ग्रोवर को कम्पनी की छवि बेहतर करने और विदेशों से निवेश जुटाने के लिए कहा गया था।