Sunday, December 22, 2024
Homeदेश-समाजभीमा कोरेगाँव मामला: अर्बन नक्सलियों को नहीं मिली राहत, बॉम्बे HC ने अग्रिम जमानत...

भीमा कोरेगाँव मामला: अर्बन नक्सलियों को नहीं मिली राहत, बॉम्बे HC ने अग्रिम जमानत देने से किया इनकार

पुणे जिले के भीमा कोरेगाँव में हिंसा होने के बाद माओवादी संपर्कों तथा कई अन्य आरोपों में नवलखा, तेलतुंबडे और कई अन्य कार्यकर्ताओं पर पुणे पुलिस ने मामला दर्ज किया था। पुणे पुलिस ने अपने आरोपों में कहा है कि...

बॉम्बे उच्च न्यायलय ने भीमा कोरेगाँव हिंसा से जुड़े एल्गार परिषद केस में शुक्रवार को कथित नागरिक अधिकार कार्यकर्ता गौतम नवलखा और आनंद तेलतुंबडे को अग्रिम जमानत देने से इनकार कर दिया। गौतम नवलखा और आनंद तेलतुंबडे पर माओवादियों से सम्पर्क रखने के आरोप हैं।

हालाँकि न्यायमूर्ति पीडी नाइक ने उनकी अग्रिम जमानत याचिकाओं को अस्वीकार कर दिया है तथापि आरोपियों को चार हफ्ते की मोहलत जरूर दी है, जिससे वे सुप्रीम कोर्ट से राहत पाने के लिए अपील कर सकें।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार एक जनवरी 2018 को पुणे जिले के भीमा कोरेगाँव में हिंसा होने के बाद माओवादी संपर्कों तथा कई अन्य आरोपों में नवलखा, तेलतुंबडे और कई अन्य कार्यकर्ताओं पर पुणे पुलिस ने मामला दर्ज किया था। पुणे पुलिस ने अपने आरोपों में कहा है कि 31 दिसंबर 2017 को पुणे में हुए एल्गार परिषद सम्मेलन में आरोपितों गौतम नवलखा आदि ने उत्तेजक भाषण और भड़काऊ बयान दिए, जिससे कारण अगले दिन कोरेगांव भीमा में जातीय हिंसा भड़की।

पुणे पुलिस ने इन पर आरोप लगाया था कि एलगार परिषद को माओवादियों का समर्थन मिला हुआ था। तेलतुंबडे और नवलखा ने पुणे की एक सत्र अदालत द्वारा उनकी याचिकाओं को खारिज किए जाने के बाद पिछले साल नवंबर में अग्रिम जमानत के लिए हाई कोर्ट का रुख किया था।

पिछले दिसंबर में बॉम्बे हाईकोर्ट ने उन्हें अग्रिम जमानत याचिकाओं के निस्तारण की सुनवाई लंबित रहने के कारण गिरफ्तारी से अंतरिम राहत दी थी।

ध्यातव्य है कि पुणे पुलिस इस मामले की जाँच कर रही थी लेकिन केंद्र सरकार ने पिछले महीने इसकी जाँच पुणे पुलिस से लेकर राष्ट्रीय जाँच एजेंसी को सौंप दी।

भीमा कोरेगाँव हिंसा मामले की जाँच में महाराष्ट्र सरकार के हस्तक्षेप से पुणे पुलिस नाख़ुश: रिपोर्ट

लड़े दलित और कथित अल्पसंख्यक, लेकिन दलित बनाम ब्राह्मण कह कर आग लगाई जाती है: भीमा कोरेगाँव का सच

भीमा कोरेगाँव: बाबासाहेब अंबेदकर ने नहीं दी थी ब्राह्मणों को गाली, झूठ बोलते हैं अर्बन नक्सली

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

जिस संभल में हिंदुओं को बना दिया अल्पसंख्यक, वहाँ की जमीन उगल रही इतिहास: मंदिर-प्राचीन कुओं के बाद मिली ‘रानी की बावड़ी’, दफन थी...

जिस मुस्लिम बहुल लक्ष्मण गंज की खुदाई चल रही है वहाँ 1857 से पहले हिन्दू बहुतायत हुआ करते थे। यहाँ सैनी समाज के लोगों की बहुलता थी।

8 दिन पीछा कर पुलिस ने चोर अब्दुल और सादिक को पकड़ा, कोर्ट ने 15 दिन बाद दे दी जमानत: बाहर आने के बाद...

सादिक और अब्दुल्ला बचपने के साथी थी और एक साथ कई घरों में चोरियों की घटना को अंजाम दे चुके थे। दोनों को मिला कर लगभग 1 दर्जन केस दर्ज हैं।
- विज्ञापन -