बिहार की राजधानी पटना में एक महिला ने राजद के पूर्व विधायक गुलाब यादव और IAS अधिकारी संजीव हंस के विरुद्ध बलात्कार का मामला दर्ज कराया है। पीड़िता ने कहा कि इन दोनों से उनके बेटे को का खतरा है। कमरे में बुला कर गैंगरेप करने और साथ ही गर्भवती होने पर गर्भपात के लिए दबाव बनाने के आरोप भी है। पीड़िता ने पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव के बेटे तेज प्रताप से भी मुलाकात की। बन्दूक की नोंक पर बलात्कार के इस आरोप से बिहार की राजनीति में सनसनी मच गई है।
बिहार सरकार से न्याय की उम्मीद करते हुए महिला ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि उन्होंने 2020 में बिहार सरकार के समक्ष शिकायत की थी और इलाहाबाद में रहते हुए उन्होंने वहाँ के एसपी से भी शिकायत की थी। पीड़िता ने बताया कि फ़रवरी 2016 में राजद के तत्कालीन विधायक गुलाब यादव ने उन्हें ये कह कर अपने घर पर बुलाया था कि उन्हें राँची महिला आयोग का सदस्य बनवाया जाएगा। आरोप है कि इसके बाद कमरा बंद कर के बन्दूक की नोंक पर बलात्कार किया गया।
साथ ही महिला ने बताया कि जब वो थाने में शिकायत करने जाने लगी तो तत्कालीन विधायक ने सिन्दूर मँगा कर उन्हें लगा दिया और वादा किया कि वो औपचारिक रूप से अपनी पत्नी को तलाक देकर पीड़िता से शादी करेंगे। बकौल महिला, गुलाब यादव ने भी कहा कि आज से तुम मेरी पत्नी हो। महिला ने कहा कि उसके बाद उन्हें अलग-अलग जगह पर विभिन्न बहनों से बुलाया गया और गुलाब यादव ने कहा कि तुम अब मेरी पत्नी हो तो तुम्हें मेरे हिसाब से चलना होगा।
पीड़िता ने बताया, “इसके बाद दिल्ली के मुखर्जी नगर में पढ़ाई के लिए मेरा दाखिला करा दिया गया। गुलाब यादव ने वादा किया कि यहीं घर लेकर रहेंगे और शादी भी यहीं होगी। फिर उसने मुझे पुणे के एक होटल में बुलाया। कहा कि अब हम शादी करने वाले हैं। वहाँ 1997 बैच के IAS अधिकारी संजीव हंस से मेरी मुलाकात करवाई गई। खाने-पीने की चीजों में नशीला पदार्थ मिला कर मेरे साथ गैंगरेप किया गया। अश्लील वीडियो भी बना लिया गया। उस वीडियो के आधार पर ब्लैकमेल करते हुए दिल्ली के कई अलग-अलग होटलों में बुला कर मेरे साथ बलात्कार किया गया।”
इस दौरान पीड़िता ने कई होटलों के नाम भी गिनाए। महिला ने बताया कि प्रेग्नेंट होने के बाद उन पर बार-बार एबॉर्शन का दबाव बनाया गया, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया और दिसंबर 2018 में उनके बेटे का जन्म हुआ। पीड़िता ने बताया कि बच्चे का बर्थ सर्टिफिकेट भी नहीं बनाया गया। महिला इलाहाबाद में वकालत करती हैं। पीड़िता ने कहा कि उन्हें और उनके बेटे को जान से मार डालने की धमकियाँ दी जा रही हैं और दोनों आरोपितों से उन्हें जान का खतरा है।
पीड़िता ने इस दौरान मई 2020 को पोस्ट किया गया एक पत्र भी दिखाया, जो उन्होंने लिखा था। उनका कहना है कि इलाहाबाद के एसएसपी ने इस मामले को पटना भेजा, लेकिन वहाँ से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई। महिला ने कहा कि थक-हार कर दानापुर सिविल कोर्ट में उन्होंने मुकदमा दर्ज कराया है, लेकिन उन्हें पटना आने-जाने में भी डर लगता है। महिला ने अपने बेटे का डीएनए टेस्ट कराने की भी माँग की। साथ ही अपने साथ हुए अन्याय के बाद पहली बार बिंदेश्वरी अपार्टमेंट में उनके साथ रेप हुआ था।
वहीं दरभंगा पंचायत चुनाव में व्यस्त पूर्व विधायक गुलाब यादव ने आरोपों को ख़ारिज करते हुए कहा कि वो महिला को जानते तक नहीं हैं। उन्होंने इसे विरोधियों की साजिश बताते हुए कहा कि जब वो 2019 लोकसभा चुनाव लड़ रहे थे, तब भी इस तरह के आरोप लगाए गए थे। विधायक ने दावा किया कि 2006 में भी उनके राजनीतिक विरोधियों ने आरोप लगवा कर उन्हें फँसा दिया था, लेकिन उस मामले में वो अदालत से बरी हो चुके हैं। हालाँकि, संजीव हंस का कोई बयान नहीं आया है।
संजीव हंस बिहार के जल संसाधन विभाग में बतौर सचिव तैनात हैं। साथ ही वो ऊर्जा विभाग में भी सेक्रेटरी हैं। ‘बिहार स्टेट पॉवर होल्डिंग कंपनी लिमिटेड (BSPHCL)’ में CMD का पद भी दिया गया है। वहीं गुलाब यादव 2015 में मधुबनी के झंझारपुर विधानसभा क्षेत्र से विधायक चुने गए थे। उन्होंने 2019 में झंझारपुर से ही लोकसभा का चुनाव लड़ा, लेकिन जदयू के रामप्रीत मंडल ने उन्हें लगभग सवा 3 लाख वोटों के बड़े अंतर से हरा दिया था। दोनों चुनाव उन्होंने राजद के टिकट पर ही लड़ा था।