Monday, December 23, 2024
Homeदेश-समाज3 साल के रिशू को न इलाज मिला न एंबुलेंस, नेशनल हाईवे पर माँ...

3 साल के रिशू को न इलाज मिला न एंबुलेंस, नेशनल हाईवे पर माँ की गोद में तोड़ दिया दम

एंबुलेंस न मिलने पर बच्चे के माता-पिता उसको गोद में लिए पैदल ही निजी वाहन की तलाश में निकल पड़े। लेकिन अस्पताल से कुछ ही दूरी पर स्थित NH-83 पर बच्चे ने दम तोड़ दिया। इसके बाद उन्होंने घर जाने के लिए एक बार फिर किसी वाहन की व्यवस्था की गुहार की, जो दुबारा अनसुनी कर दी गई।

कोरोना संक्रमण के चलते देशव्यापी लॉकडाउन के बीच बिहार के जहानाबाद से एक झकझोर देने वाली खबर सामने आई है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार जहानाबाद जिला प्रशासन द्वारा एंबुलेंस उपलब्ध नहीं करवाने के कारण 3 साल के रिशु कुमार की शुक्रवार को मौत हो गई। रिशू को बुखार और सर्दी जुकाम था। इस दुखद घटना ने जिले के सबसे बड़े अस्पताल में से एक सदर अस्पताल की व्यवस्था पर भी प्रश्नचिन्ह खड़ा कर दिया है।

मौत के बाद भी बच्चे का शव घर ले जाने जाने को कोई साधन नहीं मिला। बच्चे के शव गोद में लिए उसके माता-पिता पैदल सड़कों पर भटकते रहे। फिर एक स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ता ने उन्हें अपनी गाड़ी से घर पहुँचाया।

मीडिया के माध्यम से सामने आई जानकारी के अनुसार अरवल जिला अंतर्गत कुर्था थाना के शाहपुर गॉंव निवासी गिरजेश कुमार के 3 साल के बच्चे रिशू कुमार को पिछले कुछ दिनों से खाँसी-बुखार था। उन्होंने बेटे को पहले स्थानीय प्राथमिक स्‍वास्‍थ्‍य केंद्र में दिखाया। सुधार नहीं होने पर उसे लॉकडाउन के बीच किसी प्रकार जहानाबाद सदर अस्पताल ले गए।

गिरजेश ने बताया कि जहानाबाद सदर अस्‍पताल में डॉक्टरों ने बच्‍चे की गंभीर हालत देखते हुए पटना मेडिकल कॉलेज एवं अस्‍पताल रेफर कर दिया। लेकिन एंबुलेंस का कोई इंतजाम नहीं किया, जबकि अस्पताल में दो-तीन एंबुलेंस खड़ी थीं। गिरजेश कहते हैं कि लॉकडाउन के कारण वे खुद भी किसी निजी गाड़ी का इंतजाम नहीं कर पाए।

मीडिया के अनुसार एंबुलेंस न मिलने पर बच्चे के माता-पिता उसको गोद में लिए पैदल ही निजी वाहन की तलाश में निकल पड़े। लेकिन अस्पताल से कुछ ही दूरी पर स्थित NH-83 पर बच्चे ने दम तोड़ दिया। इसके बाद उन्होंने घर जाने के लिए एक बार फिर किसी वाहन की व्यवस्था की गुहार की, जो दुबारा अनसुनी कर दी गई।

इस दिल दहलाने वाले मामले के सामने आने के बाद अब अधिकारी जाँच कराने की बात कर रहे हैं। सदर अस्‍पातल में रेफर करने वाले डॉक्‍टर के अनुसार बच्‍चे की हालत गंभीर थी। उसे पटना मेडिकल कॉलेज रेफर किया गया था। सिविल सर्जन डॉ. विजय कुमार सिन्‍हा ने भी जाँच करवा दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की बात कही है। यही बात जिलाधिकारी नवीन कुमार ने भी कही है कि वे जाँच करवा कर एक्शन लेंगे।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

हाई कोर्ट में नकाब से चेहरा ढककर आई मुस्लिम महिला वकील, जज ने हटाने को कहा तो बोली- ये मेरा मौलिक अधिकार: जानिए फिर...

जम्मू-कश्मीर एवं लद्दाख हाई कोर्ट ने बहस के दौरान चेहरा दिखाने से इनकार करने वाली महिला वकील सैयद ऐनैन कादरी की बात नहीं सुनी।

संभल में जहाँ मिली 3 मंजिला बावड़ी, वह कभी हिंदू बहुल इलाका था: रानी की पोती आई सामने, बताया- हमारा बचपन यहीं बीता, बदायूँ...

संभल में रानी की बावड़ी की खुदाई जारी है। इसे बिलारी के राजा के नाना ने बनवाया था। राजकुमारी शिप्रा ने बताया यहाँ की कहानी।
- विज्ञापन -