पिछले साल अक्टूबर माह में मुंगेर में दुर्गा पूजा के बाद माँ दुर्गा की प्रतिमा विसर्जन के दौरान हुई गोलीकांड मामले की सुनवाई करते हुए बुधवार (अप्रैल 7, 2021) को पटना हाईकोर्ट की तरफ से एक बड़ा आदेश दिया गया है।
हाईकोर्ट ने केस की सुनवाई के दौरान सरकार के रवैये और पुलिस की जाँच को लेकर सख्त नाराजगी जाहिर की। अदालत ने मुंगेर के कोतवाली थाना प्रभारी के अलावा इस केस से जुड़े तमाम पुलिस अफसरों को ट्रांसफर करने का आदेश दिया है। साथ ही यह भी आदेश दिया कि CID की जाँच अब हाईकोर्ट की मॉनिटरिंग में होगी। पिछले साल के अक्टूबर से लेकर इस साल के फरवरी महीने तक पुलिस की जाँच में किसी प्रकार का कोई ठोस नतीजा सामने नहीं आया।
गौरलतब है कि पिछले साल माँ दुर्गा की प्रतिमा विसर्जन के दौरान 18 साल के अनुराग पोद्दार की मौत हो गई थी। अनुराग के पिता अमरनाथ पोद्दार ने 6 जनवरी 2021 को पटना हाईकोर्ट में एक क्रिमिनल रिट दाखिल किया था। अमरनाथ पोद्दार ने पटना हाइकोर्ट में एडवोकेट मानस प्रकाश के जरिए क्रिमिनल रिट 6 जनवरी 2021 को फाइल किया था, साथ ही अर्जेंट हियरिंग के लिए मेंशन किया था लेकिन ऐसा हुआ नहीं।
इसके बाद अनुराग की माँ ने जनवरी महीने में ही एडवोकेट अलख आलोक श्रीवास्तव के माध्यम से सुप्रीम कोर्ट में एक अपील की थी। इस पर 25 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट ने 2 महीने में पिता की अपील पर सुनवाई पूरी करने का निर्देश पटना हाईकोर्ट को दिया था। तब जाकर यहाँ इस मामले में सनुवाई शुरू हुई।
पहली सुनवाई 12 फरवरी को हुई थी तब राज्य सरकार से 10 मार्च तक इस केस में जवाब माँगा था। मानस प्रकाश इस केस में अमरनाथ पोद्दार के एडवोकेट हैं। मानस प्रकाश के मुताबिक SP और इस केस से जुडे़ पुलिस वालों को मुंगेर से हटाए जाने के साथ ही दो बड़े निर्देश जस्टिस राजीव रंजन प्रसाद की बेंच की तरफ से दिए गए हैं।
मुंगेर गोलीकांड के बाद बदल दिया गया था SP
राज्य सरकार ने उस वक्त की SP लिपि सिंह को हटाकर मानवजीत सिंह ढिल्लों को मुंगेर का नया SP बनाया था। इसके बाद अमरनाथ पोद्दार पटना हाईकोर्ट पहुँचे थे। अब इस केस की जाँच CID के अधिकारी करेंगे इसके लिए 8 सदस्यों वाली एक SIT बनाई गई है। DSP प्रमोद कुमार राय के नेतृत्व में पूरे मामले की जाँच की जाएगी। CID की पूरी जाँच अब हाईकोर्ट की मॉनिटरिंग में होगी।
इनकी टीम को एक महीने में अपनी जाँच रिपोर्ट सौंपने को भी कहा गया है। मानस प्रसाद के अनुसार एडवोकेट जनरल के माध्यम से CID ने अपनी तरफ से 54 प्वाइंट कोर्ट को बताए हैं। सीआईडी इन पर अपनी जाँच करेगी। एडवोकेट के अनुसार अपनी सुनवाई के दौरान कोर्ट ने माना कि गोलीकांड में अनुराग की कोई संलिप्तता नहीं थी। इस कारण इसके पिता को 10 लाख का मुआवजा तत्काल दिया जाए। हालाँकि पिता की तरफ से 5 करोड़ का मुआवजा और पूरे मामले की जाँच CBI से कराने की माँग की गई थी।