बिहार के पूर्णिया जिले के बायसी थाना के खपड़ा पंचायत के मझुवा गाँव में मुस्लिम भीड़ ने जमकर उत्पात मचाया। यहाँ भीड़ ने न सिर्फ महादलित बस्ती के एक दर्जन से अधिक घरों को आग के हवाले कर दिया बल्कि बस्ती के चौकीदार की पीट-पीट कर हत्या कर दी। वारदात की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुँची और दमकल की मदद से आग पर काबू पाया गया।
चौकीदार भरत राय ने इस ने इस मामले पर जानकारी देते हुए बताया कि मौके पर उनके साथ एक और साथी दिनेश राय मौजूद थे। उन्होंने बताया कि दिन में थोड़ी बहुत मारपीट हुई थी, जिसके बाद प्रशासन ने आकर उनको समझा कर मामला शांत कर दिया था, लेकिन रात 11:30 बजे लगभग 150 की तादाद में कई गाँवों से भीड़ वहाँ पर पहुँची। यह भीड़ पूरब, उत्तर और दक्षिण, तीनों दिशाओं से आकर वहाँ पर इकट्ठा हुई थी।
भरत राय के मुताबिक सबके हाथ में पेट्रोल का गैलन था। वे घरों पर पेट्रोल डालते गए और आग लगाते गए। इस दौरान जब आदमी घर से निकल कर भागने लगे तो उसे खींच-खींच कर भीड़ मारने लगी। आरोपितों के हाथ में तलवार, फरसा, बलम, लाठी-डंडे, पेट्रोल और मोटरसाइकल वाला चेन भी था। मोटरसाइकिल वाले चेन से भी कई आदमियों को घायल किया गया है।
भरत राय ने बताया कि काफी निर्दयतापूर्वक लोगों को मारा गया है। इसमें एक आदमी की मृत्यु हो गई और लगभग 20-25 आदमी जख्मी हैं, जिनका अस्पताल में इलाज चल रहा है। अम्बेदकर सेवा समिति के कार्यकारी अध्यक्ष सह अधिवक्ता इन्द्रदेव पासवान ने दलित युवक की हत्या के मामले के आरोपितों की जल्द गिरफ्तारी की माँग की है।
चौकीदार ने बताया कि उनके एक साथी दिनेश राय ने भागने की कोशिश की, लेकिन भीड़ ने उन्हें खींच लिया और फरसा से वार कर उनका सिर फाड़ दिया। सिर फटने के बाद जब वह बेहोश होकर नीचे गिर पड़े, तो आरोपितों ने लाठी-डंडे से उनके पूरे शरीर पर वार किया। भीड़ ने दिनेश राय की मोटरसाइकल भी जला दी। भरत राय का कहना है कि भीड़ ने उन पर भी हमला किया लेकिन वो वहाँ से किसी भी तरह से भागने में सफल रहे। भीड़ ने न महिला देखा, न बच्चा और न बूढ़ा… सबकी निर्ममता से पिटाई की।
उनका कहना है कि महादलितों के पीडब्ल्यूडी में बसने के आक्रोश में भीड़ ने ऐसा किया है। महादलित यहाँ पर लगभग 30 सालों से रह रहे हैं। उन्होंने बताया कि भीड़ को भड़का कर लाया गया था। इसके बाद एक मीटिंग की गई और हमले को अंजाम दिया गया। मामले में दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है और बाकी की तलाश जारी है।
भरत राय ने बताया कि जो लोग आए थे, वो मुस्लिम समुदाय के थे। उन्होंने बताया कि रिजवी, शाकिद और इलियास का यह व्यक्तिगत मामला था। बाकी लोग उसके समर्थन में बस इसलिए आए थे, क्योंकि वह मुस्लिम है। पूरी भीड़ मुस्लिम समुदाय की मदद करने के लिए आई थी। यही तीन लोग बाकी लोग को भड़का कर लाए थे। उन्होंने बताया कि प्रशासन दलितों के समर्थन में है। उन्हें मुआवजा दिया गया है और फिर से दिया जाएगा।
पीड़ितों ने बताया कि उनके साथ छुआछूत किया जाता है। उन्हें वहाँ से हट जाने के लिए कहा जाता है। 2015 में भी इस तरह की घटना घटी थी। उसमें भी कई घर जला दिए गए थे। कई लोगों को घायल कर दिया गया था। पिछले 24 अप्रैल को भी लोगों के बीच मारपीट और आगजनी हुई थी।
उन्होंने बताया कि यहाँ पर लगभग 60-70 महादलितों का घर है, जिसमें से 14-15 घरों को जला दिया गया है। पुलिस के गाड़ी की आवाज सुनकर भीड़ वहाँ से भागी। घटना में 3 साल का एक बच्चा भी लापता बताया जा रहा है। जिस दिन घटना हुई, वो बच्चा उसी दिन से गायब है। बताया गया कि 60 नामित और बाकी अज्ञात पर मामला दर्ज हुआ है।
एसपी दयाशंकर ने बताया कि इस मामले में दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है। फिलहाल पीड़ित पक्ष का बयान लिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जमीन विवाद को लेकर यह घटना हुई है। आरोपितों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है। जल्द आरोपित पुलिस की गिरफ्त में होंगे।
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