Saturday, June 29, 2024
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53 मर गए और ग्रामीणों को ‘ब्रह्म बाबा की कसम’ खिला रहा नीतीश कुमार का प्रशासन: थाने में रखी स्प्रिट से बिहार में जहरीली शराब बनाने का शक

जिस मसरख गाँव में जहरीली शराब पीने से सबसे ज्यादा मौत हुई है, वहाँँ के ग्रामीणों को प्रशासन ने ब्रह्म बाबा और मरे लोगों की कसम खिलाते हुए शपथ दिलाई है कि वे अब गाँव में न किसी को शराब बेचने देंगे और न कभी किसी को इसका सेवन करने देंगे।

बिहार के सारण जिले में जहरीली शराब पीने से मरने वालों की संख्या बढ़कर 53 हो गई है। शुक्रवार 16 दिसंबर 2022 की सुबह 4 और लोगों की मौत हो गई। उससे पहले गुरुवार को 19, बुधवार को 25 और मंगलवार को 5 लोगों की मौत हुई थी। इस बीच यह बात सामने आई है कि थाने में जब्त कर रखी गई स्प्रिट के कंटेनर से बड़ी मात्रा में स्प्रिट गायब है। अंदेशा है कि इसी का इस्तेमाल जहरीली शराब बनाने में हुआ था।

सारण जिले के जिस मसरख गाँव में जहरीली शराब पीने से सबसे ज्यादा मौत हुई है, वहाँँ के ग्रामीणों को प्रशासन ने कसम दिलाई है। दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के अनुसार, मसरख गाँव में जहरीली शराब पीने से अब तक सबसे ज्यादा 16 मौत हुई है। ग्रामीणों को प्रशासन ने ब्रह्म बाबा और मरे लोगों की कसम खिलाते हुए शपथ दिलाई है कि वे अब गाँव में न किसी को शराब बेचने देंगे और न कभी किसी को इसका सेवन करने देंगे।

शराब न पीने-बेचने की शपथ लेते ग्रामीण व अधिकारी (फोटो साभार: दैनिक भास्कर)

वहीं दैनिक जागरण की रिपोर्ट के मुताबिक, मसरख थाने में जब्त की गई स्प्रिट का इस्तेमाल जहरीली शराब बनाने में किए जाने की आशंका है। प्रशासन ने थाने के जिस मालखाने में स्प्रिट जब्त कर रखा था, वहाँ स्प्रिट के कंटेनर से ढक्कन गायब मिले हैं। साथ ही कंटेनर से स्प्रिट भी गायब है। इसलिए शक जताया जा रहा है कि इसी स्प्रिट का इस्तेमाल शराब बनाने के लिए किया गया होगा।

छपरा के उत्पाद अधीक्षक रजनीश कुमार ने मामले में स्प्रिट का इस्तेमाल किए जाने को लेकर अनभिज्ञता जाहिर की है। उन्होंने कहा है कि सभी थाने में जब्त कर रखी गई शराब और स्प्रिट की जाँच कर सैंपल लिया जा रहा है।

जहरीली शराब पीने से हुई मौतों को लेकर बिहार सरकार घेरे में है। विपक्षी दल भाजपा (BJP) इस मुद्दे को विधानसभा और संसद में भी उठा चुकी है। इसके बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सदन में ही तू तड़ाक पर उतर आए थे। मुख्यमंत्री की उस बयान को लेकर भी आलोचना हो रही है जिसमें उन्होंने कहा था कि जो पिएगा वो मरेगा ही।

नीतीश कुमार ने कहा था, “क्या कर सकते हैं? कुछ लोग गलती करते ही हैं। जो नकली शराब पीएगा, वो मरेगा। बिहार में तो शराबबंदी है तो कुछ गड़बड़ बेचेगा ही। पिछली बार भी जहरीली शराब पीने से मौत हुई तो लोगों ने कहा कि इनको क्षतिपूर्ति मिलनी चाहिए। मैं कहा कि वाह, जो शराब पीएगा वो तो मरेगा ही। ये तो उदाहरण ही सामने है।” मौत का दोष पीने वालों पर मढ़ने वाले मुख्यमंत्री ने अब तक यह नहीं बताया है कि शराबबंदी के बावजूद राज्य में शराब बिक कैसे रही है। शराब तस्करों और पुलिसकर्मियों की मिलीभगत पर भी कुछ नहीं कहा है।

बता दें कि बिहार में जहरीली शराब पीने से मौत का यह पहला मामला नहीं है। इससे पहले सारण में ही जहरीली शराब पीने से कई लोगों की मौत हो गई थी। इसके बाद वैशाली में भी ऐसी ही घटना सामने आई थी। बिहार में शराबबंदी भले लागू है, लेकिन शराब आसानी से उपलब्ध है। वहीं, राज्य में जहरीली शराब बनाने वालों का गैंग भी सक्रिय है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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