Friday, November 22, 2024
Homeदेश-समाजमंदिर के पास शव दफनाने के लिए खोद डाला कब्र, UP पुलिस-प्रशासन ने जमीन...

मंदिर के पास शव दफनाने के लिए खोद डाला कब्र, UP पुलिस-प्रशासन ने जमीन का रिकॉर्ड दिखा JCB चलवा दी

पुलिस ने फौरन मामले पर सख्ती दिखाई और जेसीबी बुलवा कर जमीन को पाट दिया। पुलिस अधिकारी ने बताया कि लोगों की निजी भूमि के साथ देवस्थान के पास कब्र खोद कर कुछ लोगों ने माहौल बिगाड़ने की कोशिश की थी।

उत्तर प्रदेश के बदायूं के बिल्सी शहर में मंदिर (देवस्थान) के पास कब्र खोदे जाने पर सांप्रदायिक तनाव पैदा हो गया। दैनिक जागरण की रिपोर्ट के मुताबिक इलाके में ये कब्र सकुरी नाम के व्यक्ति के बेटे समीर के शव के लिए खोदी गई थी, जिसके बाद इलाके की शांति भंग हुई।

लोगों ने जब इस कब्र को देखा तो इस पर आपत्ति जताई और दोनों समुदाय के लोगों में बहस शुरू हो गई। सूचना मिलने के बाद मौके पर पुलिस व तहसील टीम पहुँची। तहसील टीम ने रिकॉर्ड देखकर बताया कि वहाँ एक मंदिर बना है और वहीं कुछ लोगों की निजी जमीन भी है, इसलिए यहाँ कब्र नहीं खोदी जा सकती

पुलिस ने फौरन मामले पर सख्ती दिखाई और जेसीबी बुलवाकर जमीन को पाट दिया। बिल्सी के एसएचओ ने बताया कि लोगों की निजी भूमि के साथ देवस्थान के पास कब्र खोदकर कुछ लोगों ने माहौल बिगाड़ने की कोशिश की। फिलहाल कब्र को पटवा दिया गया है। सुरक्षा-व्यवस्था के लिए मौके पर पुलिस तैनात कर दी गई है। तनाव जैसी कोई स्थिति नहीं है।

बता दें कि सोमवार को ईंटों से भरी ट्रॉली पलट जाने के कारण बिल्सी में समीर की मौत हुई थी। मंगलवार को उसके परिजनों ने उसके शव को दफनाने के लिए मंदिर के पास कब्र खोद दी। जब स्थानीय लोगों ने इसका विरोध किया तो पुलिस प्रशासन भी वहाँ पहुँचा, मगर दूसरे समुदाय के लोग शव को उसी जगह पर दफनाने के लिए अड़े रहे।

मामले के तूल पकड़ने पर तहसीलदार ने जमीन का रिकॉर्ड दिखाया, जिससे पता चला कि उस जमीन पर पीपल का पेड़ है और आसपास की जमीन कुछ लोगों के नाम दर्ज है। रिकॉर्ड देखने के बाद पुलिस ने अपनी ओर से जब सख्ती दिखाई, तब दूसरे समुदाय के लोग शांत पड़े।

इस मामले के प्रकाश में आने के बाद लोग समुदाय विशेष की मंशा पर सवाल उठाने लगे हैं। शिवानी भटनागर खबर पर प्रतिक्रिया देते हुए कहती हैं कि जमीन हड़प करने का ये बहुत पुराना तरीका है। अपना अनुभव साझा करते हुए वह दावा करती हैं कि उनके पुराने घर के पास ऐसी ही जमीन थी। कुछ दिन बाद दूसरे समुदाय के कुछ लोग वहाँ नमाज पढ़ने आने लगे। फिर संख्या बढ़ी और अब जमीन उनके कब्जे में है।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

जिन कपिल मुनि के कारण गंगा धरती पर आईं, मकर संक्रांति के दिन हिंदुओं को मिलता है मोक्ष… खतरे में उनका मंदिर, सो रही...

चक्रवात 'दाना' ने मिट्टी के कटाव को तेज कर दिया है। अब समुद्र और मंदिर के बीच सिर्फ एक किलोमीटर का फासला रह गया है।

पश्चिम बंगाल का राजभवन वक्फ का, देश का सबसे बड़ा ‘कलकत्ता गोल्फ कोर्स’ भी उसी का: बवाल होने पर बंगाल वक्फ बोर्ड ने पल्ला...

बंगाल वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष साहिदुल मुंशी ने कहा कि बोर्ड के पास इस बात की कोई तथ्यात्मक जानकारी नहीं है कि बंगाल राजभवन वक्फ संपत्ति है।
- विज्ञापन -