जंतर-मंतर पर हुए विरोध प्रदर्शन के बाद दिल्ली पुलिस ने भाजपा नेता व सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता अश्विनी उपाध्याय समेत 6 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। उस कार्यक्रम के एक वायरल वीडियो के आधार पर आरोप लगाया गया था कि विरोध प्रदर्शन के दौरान मुस्लिम विरोधी नारेबाजी की गई। AAP विधायक अमानतुल्लाह खान ने भी इस मामले में पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी। उन्होंने इस बात पर आपत्ति जताई थी कि FIR अज्ञात लोगों के खिलाफ क्यों हुई है।
दिल्ली पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए मंगलवार (10 अगस्त, 2021) को अश्विनी उपाध्याय को गिरफ्तार किया। उनके अन्य सहयोगियों विनोद शर्मा, दीपक सिंह, दीपक, विनीत क्रांति और प्रीत सिंह को भी पुलिस ने गिरफ्तार किया है। प्रीत सिंह, सेव इंडिया फाउंडेशन का निदेशक है, जिसके बैनर तले 8 अगस्त को जंतर-मंतर पर विरोध प्रदर्शन आयोजित किया गया था। दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच इस मामले को देख रही है।
इन सभी से लगभग 6 घंटे तक पूछताछ चली, जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार किया गया। सुबह के तड़के 3 बजे ही अश्विनी उपाध्याय थाने पहुँचे थे। अश्विनी उपाध्याय ने अपनी सफाई में कहा था कि वो उस आंदोलन में कई अन्य लोगों की तरह गए थे, इसीलिए आपत्तिजनक नारेबाजी करने वालों से उनका कोई सरोकार नहीं है। उन्होंने जाँच में पूरा सहयोग का आश्वासन देते हुए कहा था कि उनकी तबीयत ठीक नहीं है।
आम आदमी पार्टी के विधायक @KhanAmanatullah ने संसद मार्ग थाने में भाजपा के प्रवक्ता अश्विनी उपाध्याय के खिलाफ NSA/UAPA के कानूनों के तहत कार्यवाही करने के लिए शिकायत की। pic.twitter.com/eXvtj9o06W
— Vivek Gupta (@30guptavivek) August 9, 2021
‘भारत छोड़ों आंदोलन’ की वर्षगाँठ पर जंतर-मंतर पर ‘भारत जोड़ो आंदोलन’ का आयोजन किया गया था, जिसमें हजारों लोग पहुँचे थे। सोशल मीडिया पर कई लोगों ने इस आंदोलन के खिलाफ आवाज़ उठाने के लिए आज शाम को एक और प्रदर्शन की योजना बनाई है। दिलीप मंडल ने भी ट्विटर पर अश्विनी उपाध्याय को गिरफ्तार किए जाने की माँग की थी। उपाध्याय ने कहा था कि वीडियो में दिख रहे लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो, वो उन्हें नहीं जानते।
उन्होंने दिल्ली पुलिस को भेजे गए पत्र में लिखा था, “सोशल मीडिया में एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें एक व्यक्ति उन्मादी भाषण दे रहा है। कुछ लोग मुझे बदनाम करने के लिए मेरा नाम लेकर यह वीडियो ट्विटर फेसबुक और व्हाट्सएप्प पर शेयर कर रहे हैं जबकि वीडियो में दिख रहे लोगों को न तो मैं जानता हूँ, न तो इनमें से किसी से मिला हूँ और न तो इन्हें बुलाया गया था। कानून बहुत ही घटिया और कमजोर है इसीलिए प्रसिद्धि पाने के लिए भी कई बार लोग उन्मादी वीडियो जारी करते हैं।”