भाजपा नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री स्वामी चिन्मयानंद के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोप लगाने के बाद लापता हुई LLM की छात्रा के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को देर रात तक सुनवाई की।
जस्टिस आर बानुमति और जस्टिस ए. एस. बोपन्ना ने करीब 5 घंटे तक छात्रा का इंतजार किया। पहली सुनवाई दिन में 1.15 मिनट पर हुई, जब पीठ ने उत्तर प्रदेश सरकार से लड़की की लोकेशन माँगी और पूछा कि कितने समय में उसे सुप्रीम कोर्ट लाया जा सकता है?
दोपहर 1.35 मिनट पर उत्तर प्रदेश सरकार के अधिवक्ता AAG (Assistant Attorney General) ऐश्वर्या भाटी ने न्यायालय को सूचित किया कि कानून की यह छात्रा शुक्रवार को राजस्थान में मिली है और उसे उसके माता-पिता से मिलाने के लिए शाहजहाँपुर ले जाया जा रहा है। उन्होंने पीठ को बताया कि पुलिस की सुरक्षा में छात्रा फतेहपुर सीकरी के पास है और सुप्रीम कोर्ट आने में उसे ढाई घंटे लगेंगे। पीठ ने कहा कि वो उसका इंतजार करेंगे।
लेकिन यूपी पुलिस की टीम 2 गाड़ियों में छात्रा को शाम 6.30 बजे लेकर पहुँची। इसके बाद दोनों जजों ने अलग से अकेले में उससे बात की। ये बातचीत करीब 1 घंटे तक चली और इसके बाद शाम 7.40 बजे पीठ ने अदालत में सुनवाई शुरू की ओर फैसला सुनाया। पीठ ने साफ कर दिया कि वो इस मामले में सोमवार (सितंबर 02, 2019) को एक बार फिर ‘मिस A’ यानी छात्रा से अलग से बातचीत करेगी और फिर निर्देश जारी करेगी।
वकीलों के एक समूह ने प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई को पत्र लिख कर इस मामले का संज्ञान लेने का अनुरोध किया था, जिसके बाद शीर्ष अदालत ने इसका स्वत: संज्ञान लिया था।
छात्रा के मिलने की जानकारी देते हुए उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) ओपी सिंह ने बताया, “हमारी टीमें पिछले चार-पाँच दिनों से कई जगहों पर फैली हुई थीं। छात्रा राजस्थान में मिली है। उसे शाहजहाँपुर लाया जा रहा है।”
बता दें कि शाहजहाँपुर स्थित स्वामी शुकदेवानंद विधि महाविद्यालय से एलएलएम कर रही छात्रा ने 24 जून को सोशल मीडिया पर एक वीडियो अपलोड किया था। इस वीडियो में उसने पूर्व केंद्रीय गृह राज्यमंत्री स्वामी चिन्मयानंद पर कई लड़कियों की जिंदगी बर्बाद करने का आरोप लगाया था एवं उनसे खुद को तथा अपने परिवार को जान का खतरा बताया था।
इसके बाद चिन्मयानंद के खिलाफ अपहरण और जान से मारने की धमकी देने के आरोप में मुकदमा दर्ज किया गया था। चिन्मयानंद महाविद्यालय की प्रबंधन समिति के अध्यक्ष हैं। हालाँकि, 72 वर्षीय स्वामी चिन्मयानंद ने दावा किया है कि उनकी छवि खराब करने के लिए षड्यंत्र किया जा रहा है।