वाराणसी की MP-MLA कोर्ट ने माफिया मुख़्तार अंसारी को शुक्रवार (15 दिसंबर 2023) को साढ़े 5 साल की जेल सजा और 10 हजार रुपए का जुर्माना ठोका है। यह सजा 1997 में व्यापारी और VHP पदाधिकारी नन्द किशोर रूंगटा के परिजनों को धमकाए जाने के मामले में दी गई है। सजा सुनते ही मुख़्तार रहम की भीख माँगने लगा। वहीं, भाजपा विधायक सुशील सिंह ने ऑपइंडिया से बातचीत में मुख़्तार को देशद्रोही बताया है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मुख़्तार की पेशी जेल से ही वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए करवाई गई। न्यायाधीश उज्ज्वल उपाध्याय द्वारा सजा सुनाते ही मुख़्तार ने अपना माथा पकड़ लिया और सिर झुका कर बैठ गया। वह न्यायाधीश से बोला, “जज साहब, इतना तो रहम कर दीजिए कि मेरी सभी सजाएँ एक साथ चलें।” मुख़्तार की सजा जेल में उसके द्वारा बिताए गए समय में एडजस्ट की जाएगी।
बताते चलें कि साल 1997 में VHP नेता नन्दकिशोर रूंगटा का अपहरण मुख़्तार के गुर्गों ने कर लिया था। विहिप नेता की पत्नी अपने पति को छुड़ाने के लिए पैरवी कर रही थीं। इसी पैरवी के खिलाफ मुख़्तार अंसारी ने पूरे रूंगटा परिवार को बम से उड़ा देने की धमकी दी थी। तब पीड़ित परिवार ने वाराणसी के भेलूपुर थाने में FIR दर्ज करवाई थी।
दरअसल, मुख्तार अंसारी के खिलाफ दर्ज मामलों में पिछले 15 महीनों में से सात सजाएँ मिल चुकी हैं। उसे अलग-अलग मामलों और कोर्ट में 2 साल से लेकर आजीवन कारावास तक की सजा मिल चुकी है। फिलहाल उस पर दर्ज 65 मामलों में से 21 पर कोर्ट में सुनवाई जारी है। मुख्तार इस समय बांदा जेल में बंद है और उस पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है।
अपराधी ही नहीं देशद्रोही भी है मुख़्तार अंसारी
ऑपइंडिया की टीम ने इस साल मई में पूर्वांचल के विभिन्न जिलों का दौरा किया था। वाराणसी, मऊ, गाजीपुर और चंदौली… ये वो जिले हैं, जो कभी मुख़्तार अंसारी के अपराध से बुरी तरह से प्रभावित रहे हैं। इस दौरे में टीम की मुलाकात चंदौली के सैदराजा विधानसभा से भाजपा विधायक सुशील सिंह से हुई थी।
भाजपा विधायक सुशील सिंह ने मुख़्तार अंसारी को अपराधी ही नहीं, बल्कि देशद्रोही भी बताया था। उन्होंने कहा था कि मुख़्तार अंसारी ने ना सिर्फ हर तरह के अपराध किए हैं, बल्कि सेना की LMG (लाइट मशीनगन) भी गायब करने जैसा अपराध किया है।
अपनों की मौत नहीं देखी, इसलिए दर्द का एहसास नहीं
भाजपा विधायक सुशील ने हमें आगे बताया कि मुख़्तार और उसका परिवार राजनीति के साथ अपराध में भी आगे रहा है। उन्होंने कहा कि मुख्तार अपराध इसलिए करता गया, क्योंकि उसके परिवार में किसी की अकाल मौत नहीं हुई। बकौल सुशील सिंह, अगर मुख़्तार अंसारी के घर का कोई व्यक्ति मारा गया होता तो शायद उसे अपनों को खोने का एहसास होता।
सपा सरकार ने बढ़ाया अपराधी का मनोबल
भाजपा विधायक सुशील सिंह ने कहा था कि मुख़्तार अंसारी ने अपने कम-से-कम 100 राजनैतिक विरोधियों की हत्या करवाई है। आरोप है कि ये हत्याएँ समाजवादी पार्टी की सरकार के संरक्षण में होती रहीं। बकौल सुशील सिंह मुख़्तार अंसारी के निशाने पर अधिकतर हिन्दू ही रहे हैं और हिन्दुओं को वो हिन्दू से ही क़त्ल करवाता था।
तत्कालीन उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी थाने पर करते थे फोन
भाजपा MLA सुशील सिंह ने बताया कि मुख़्तार अंसारी के अपराधों को जैसे समाजवदी पार्टी लखनऊ से बढ़ावा देती थी, वैसे ही कॉन्ग्रेस उसे दिल्ली से संरक्षण दिया करती थी। बकौल सुशील सिंह, कॉन्ग्रेस पार्टी ने मुख़्तार के ही कहने पर उनके पूरे परिवार पर मकोका लगवा दिया था।
तत्कालीन उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी का नाम लेते हुए भाजपा विधायक ने आरोप लाया कि वो थाने पर कॉल करके मुख्तार अंसारी की पैरवी करते थे। इसके साथ ही हामिद अंसारी मुख्तार के विरोध में खड़े होने वाले लोगों पर थाने में कहकर केस भी दर्ज करवाया करते थे।
मोदी और योगी का हमेशा आशीर्वाद रहा
सुशील सिंह ने आगे बताया कि मुख़्तार अंसारी सपा और कॉन्ग्रेस जैसे अपने राजनैतिक सरपरस्तों के साथ मिलकर अपने विरोधियों की न सिर्फ हत्या करवा देता था, बल्कि उन पर कई केस लगवाकर उनको मानसिक तौर पर भी तोड़ देता था। सुशील सिंह ने कहा कि इस बुरे समय में भी उन्हें नरेंद्र मोदी और योगी आदित्यनाथ का आशीर्वाद मिला, जिसके दम पर उन्होंने मुख्तार के खिलाफ अपना संघर्ष जारी रखा।
भाजपा MLA के चाचा का भी कत्ल करवा चुका है मुख़्तार
भाजपा विधायक सुशील सिंह ऑपइंडिया से बात करते हुए भावुक हो गए। उन्होंने बताया कि उनके बेगुनाह चाचा सतीश सिंह की हत्या भी मुख़्तार अंसारी ने करवा दी थी। सतीश सिंह किसान थे। यह हत्या लोगों के मन में डर बैठाने के लिए कराई गई थी। बकौल सुशील सिंह, कृष्णानंद राय की हत्या भी मुख़्तार अंसारी ने दशहत कायम करने के लिए करवाई थी।
मेरी खुद की हत्या की थी तैयारी
सुशील सिंह ने साल 2004 को याद करते हुए कहा कि जब मनोज सिन्हा गाजीपुर से लोकसभा चुनाव लड़ रहे थे, सुशील सिंह गाजीपुर में उनके चुनाव प्रचार में गए थे। उनका आरोप है कि तब उनकी हत्या करने के लिए पुलिस ने घेर लिया था। जब सुशील सिंह वहाँ से निकल गए, तब भाजपा के कई कार्यकर्ताओं को पकड़ कर थाने में बंद रखा गया और टॉर्चर किया गया। अपना खुद का जीवन बचना सुशील सिंह ने ईश्वर की कृपा बताया।
मैं मायावती की पार्टी का MLA था, फिर भी वो मुख्तार के साथ खड़ी हो गईं
सुशील सिंह ने साल 2009 के चुनाव की याद भी दिलाई। तब वाराणसी में भाजपा की तरफ से मुरली मनोहर जोशी और मुख़्तार अंसारी के बीच लोकसभा चुनाव में मुकाबला चल रहा था। सुशील सिंह तब बहुजन समाज पार्टी से विधायक हुआ करते थे।
उनका आरोप है कि मायावती ने मुख़्तार अंसारी के कहने पर रातों-रात उन पर कई केस केवल इसलिए लाद दिए, ताकी आगे चलकर सुशील सिंह की हत्या करवाई जा सके। सुशील सिंह ने यह स्वीकार किया कि तब वो हिंदूवादी सोच के चलते मुख़्तार अंसारी का विरोध और मुरली मनोहर जोशी का समर्थन कर रहे थे।
अभी भी मुख़्तार की जड़ें मौजूद
भाजपा MLA सुशील सिंह ने दावा किया था कि भले ही सरकार बदलने से माफिया मुख़्तार कमजोर हो गया है, लेकिन उसकी जड़ें अभी भी मौजूद हैं। सुशील सिंह ने माना कि कई पीड़ित अभी भी मुख़्तार के डर से मुँह खोलने से कतरा रहे हैं।