पश्चिम बंगाल में चुनाव परिणाम आने के बाद हिंसा का जो दौर शुरू हुआ, उस पर न सिर्फ विपक्ष बल्कि न्यायपालिका तक न नाराजगी जताई। ‘राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC)’ की टीम जब वहाँ जाँच के लिए गई तो उस पर भी हमला हुआ। ममता बनर्जी ने इधर ‘खेला होबे दिवस’ मनाने का ऐलान कर दिया। चुनाव के दौरान इसी नारे को भाजपा ने हिंसा का प्रतीक बताया था। भाजपा कार्यकर्ताओं की हत्या की कई तस्वीरें वायरल हुईं।
‘इंडियन एक्सप्रेस’ की खबर के अनुसार, इसी तरह की एक घटना नॉर्थ 24 परगना जिले के भाटपाड़ा में हुई, जहाँ जॉय प्रकाश यादव की एक क्रूड बम से हत्या कर दी गई। परिवार ने इसके लिए राज्य की सत्ताधारी पार्टी TMC को जिम्मेदार ठहराया। 28 वर्षीय जॉय प्रकाश यादव भाजपा समर्थक थे। उनके घर पर अब भी कमल के फूल का निशान बना हुआ है। लगभग एक महीने पहले उनकी हत्या हुई। पुलिस ने इस मामले में दो अभियुक्तों को गिरफ्तार किया है।
इनमें से एक के बारे में बताया गया है कि वो भाजपा और TMC, दोनों से जुड़ा हुआ है। परिजनों का कहना है कि इस हत्याकांड का एक मास्टरमाइंड तृणमूल नेता था, जो अब भी खुला घूम रहा है। हाल ही में पुलिस ने परिजनों से वीडियो एविडेंस लिया। एक फोन में इस घटना को रिकॉर्ड किया गया था। पुलिस वो फोन ले गई है। NHRC की टीम ने कलकत्ता हाईकोर्ट को सौंपी गई रिपोर्ट में राज्य में हुई इन घटनाओं के लिए CBI जाँच की सिफारिश की है।
जाँच समिति का कहना है कि 2 मई को चुनाव परिणाम आने के बाद ममता बनर्जी की सरकार ने हिंसा होने दी, कोई कार्रवाई नहीं की। 6 जून, 2021 को जॉय प्रकाश यादव की हत्या के बाद भाजपा नेताओं ने तस्वीरें शेयर कर के उनके लिए न्याय की माँग की थी। बंगाल भाजपा ने इसे लोकतंत्र की हत्या और आज़ादी का गला दबाने जैसा बताया था। जॉय प्रकाश यादव अपने पिता के साथ राजारहाट के एक रियल एस्टेट कंपनी में कार्यरत थे।
साथ ही भटपारा से भाजपा विधायक पवन सिंह के साथ उनके अच्छे सम्बन्ध थे। पवन सिंह, बैरकपुर से भाजपा सांसद अर्जुन सिंह के बेटे हैं। 6 जून को रविवार का दिन था। परिजनों ने बताया कि दिन में भोजन करने के बाद अचानक से उनका दरवाजा पीटा जाने लगा और कुछ लोग गालियाँ बकने लगे। जैसे ही जॉय प्रकाश बाहर निकले, उनके सिर पर बम से हमला किया गया। मौके पर ही उनकी मौत हो गई। उनके सिर के परखच्चे उड़ गए थे।
औ अपने पीछे अपने माता-पिता, पत्नी और दो बच्चों को छोड़ गए। उनकी भतीजी स्वप्ना ने इस घटना को अपने मोबाइल फोन में कैद कर लिया था। वो हमलावरों के पीछे दौड़ीं, लेकिन वो तब तक घटना को अंजाम देकर निकल गए थे। वीडियो में एक हमलावर को कहते सुना जा सकता है, “पुलिस को भूल जाओ.. तुम बहुत भाजपा-भाजपा कर रहे हो। छोड़ो…”। साथ ही उसने जॉय प्रकाश यादव पर अतिक्रमण कर के घर बनाने का भी आरोप लगाया।
पुलिस का कहना है कि इस घटना में उन्हें कोई राजनीतिक एंगल नहीं मिला है और ये जमीन विवाद का मामला लग रहा है। एक पुलिस अधिकारी का कहना है कि यादव ने रेलवे की जमीन पर घर बनाया था और कुछ अन्य घर बना कर भी किराए पर दिया था। घटना से एक रात पहले एक घर के निर्माण को लेकर आरोपित से मृतक की बहस हुई थी। हालाँकि, वीडियो में भाजपा का नाम लिए जाने पर पुलिस कहती है सभी एंगल से जाँच की जा रही है।
मृतक की माँ ने तीन लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कराया है। उनमें से एक के खिलाफ बमबारी के कई मामले पहले से ही दर्ज हैं। कई धाराओं में मामला दर्ज किया गया है। विधायक पवन सिंह का कहना है कि उनके जॉय प्रकाश से काफी अच्छे सम्बन्ध थे। TMC का कहना है कि पार्टी का इस घटना में कोई हाथ नहीं। जॉय प्रकाश यादव के पिता का कहना है कि वो एक परिवारिक आदमी थे और अवैध धंधे नहीं करते थे, किसी से पूछ लीजिए।
उन्होंने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से निष्पक्ष जाँच की अपील की है। परिजनों ने NHRC को भी लिखा है। जॉय प्रकाश यादव का घर पतली गलियों से होकर जाता है। उनके पड़ोसियों का कहना है कि घटना के दिन उन्हें कुछ सुनाई नहीं दिया। एक व्यक्ति ने बताया कि वो सो रहा था और उसे इस हत्याकांड का कोई अंदाज़ा नहीं था। विधायक पवन सिंह ने पीड़ित परिजनों को 5 लाख रुपए दिए। लेकिन, अब परिजनों को लगता है कि उन्हें अकेले छोड़ दिया गया है।