Monday, November 18, 2024
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ट्रोल ध्रुव राठी द्वारा 54,000 BSNL कर्मचारियों के बारे में फैलाए जा रहे झूठ का BSNL ने खंडन किया

BSNL का कहना है कि कंपनी किसी भी तरह की छँटनी नहीं कर रही है और अभी कंपनी की ओर से रिटायरमेंट की उम्र कम करने के लिए भी कोई कदम नहीं उठाया गया है, ये मात्र मीडिया द्वारा फैलाई गई अफवाह है।

अपने वायरल विडियोज़ की मदद से बड़े स्तर पर सरकार और सरकारी कार्यालयों के बारे में प्रोपेगैंडा और झूठी ख़बरों का कारोबार चलाने वाले ध्रुव राठी द्वारा फैलाई गई एक और अफवाह ने सरकारी कार्यालयों और पदाधिकारियों का समय बर्बाद किया है। इंटरनेट पर झूठी ख़बरें चलाने के लिए मशहूर ध्रुव राठी वही है, जिसकी झूठी ख़बरों के बड़े नेटवर्क को समझते हुए BBC ने हाल ही में राजनीति और लोकसभा चुनाव की ग्राउंड रिपोर्टिंग की जिम्मेदारी सौंपी है।

इस बार ध्रुव राठी ने निशाना बनाया है BSNL को। इस अफवाह को सभी न्यूज़ चैनल्स ने अपनी सुविधानुसार तत्परता से प्रकाशित करके समाज के बीच अफवाह फैलाने का काम किया है। BSNL का कहना है कि कंपनी किसी भी तरह की छँटनी नहीं कर रही है और अभी कंपनी की ओर से रिटायरमेंट की उम्र कम करने के लिए भी कोई कदम नहीं उठाया गया है, ये मात्र मीडिया द्वारा फैलाई गई अफवाह है।

विपक्ष अक्सर मोदी सरकार के दौरान झूठी खबरों को दिखाकर जॉब कटौतियों का मुद्दा बनाने का प्रयास करता आया है। विपक्ष, खासकर कॉन्ग्रेस को इस काम में ध्रुव राठी जैसे मुफ्त के इंटरनेट द्वारा चर्चा में आए लोग आसानी से मदद भी उपलब्ध कराते देखे गए हैं।

मीडिया में आजकल एक खबर फैलाई गई जिसमें भारत संचार निगम लिमिटेड (BSNL) के कर्मचारियों के नौकरी जाने और रिटारमेंट की उम्र कम होने की अफवाह फैलाई गई।

BSNL ने कहा है कि कंपनी ने किसी भी तरह से कर्मचारियों की छँटनी या रिटायरमेंट की उम्र को कम करने के लिए कोई कदम नहीं उठाया गया है। हालाँकि, जो कर्मचारी अपनी इच्छा से VRS लेकर नौकरी छोड़ना चाहते हैं, उन्हें ऐसा करने की आजादी है।

BSNL के CMD अनुपम श्रीवास्तव ने खुद ट्वीट कर यह जानकारी देते हुए कहा कि BSNL इस तरह की किसी भी खबर से इनकार करता है। CMD ने यह तब कहा जब मीडिया रिपोर्ट में दावा किया जा रहा है कि यह PSU 54,000 कर्मचारियों को हटाने और रिटायरमेंट की उम्र 60 से कम करके 58 साल करने का प्लान बना रहा है।

रोजगार के लिए अफवाह फैलाने वाले ध्रुव राठी ने इस ट्वीट में बेहद बचकाना तरीके से BSNL द्वारा 54,000 लोगों को नौकरी से निकाले जाने की बात को ट्वीट किया है, जिसे आधार बनाकर कई नामी न्यूज़ पोर्टल्स ने छापा भी है।

दूरसंचार विभाग का कहना है कि भारत संचार निगम लिमिटेड ने VRS प्लान के लिए कैबिनेट नोट का ड्रॉफ्ट तैयार करने के लिए चुनाव आयोग से मंजूरी की माँग की है, जिसके बाद टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (TRAI) के पास चर्चा के लिए प्रस्ताव भेजा गया।  

वर्तमान में BSNL के 1.76 लाख कर्मचारी हैं। ज्यादातर BSNL के निर्माण के समय से कार्य कर रहे DoT कर्मचारी हैं, जिनका वेतन कुल रेवेन्यू का 55-60% है।

मेनस्ट्रीम मीडिया की जवाबदेही इसी बात से आँकी जा सकती की वो अपने समाचारों के लिए ध्रुव राठी जैसे इंटरनेट पर अफवाह फैलाने वाले लोगों पर निर्भर है। जबकि ध्रुव राठी जैसे ट्रोलों की जवाबदेही किसी के प्रति नहीं होती है, वो बस रोजगार के लिए किसी के भी कहने पर किसी के भी खिलाफ अपनी अभिव्यक्ति की आजादी और फ्री इंटरनेट का इस्तेमाल कर के लिख सकते हैं। लेकिन जनता को ये समझना होगा कि महँगे कैमरा और ज्यादा फॉलोवर्स होना मात्र ही किसी व्यक्ति के तथ्यात्मक रूप से सही होने की गैरेंटी नहीं हो सकता है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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