केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार (23 जुलाई 2024) को बजट पेश किया। इस अवसर पर उन्होंने केंद्रीय बजट 2024-25 के महत्वपूर्ण प्रस्ताव रखे। इसमें बुनियादी ढाँचे को मजबूत करने के लिए और उसके लिए दीर्घकालिक ब्याज में छूट दी जाएगी। इसके साथ ही बाढ़ प्रबंधन की बात भी कही गई है।
इस बार के बजट प्रस्ताव में कहा गया है कि अगले 5 वर्षों में बुनियादी ढाँचे के लिए मजबूत राजकोषीय समर्थन बनाए रखने का सरकार प्रयास करेगी। इसके अलावा पूँजीगत व्यय को 11,11,111 करोड़ रुपए किया जाएगा, जो भारत की सकल घरेलू उत्पाद (GDP) का 3.4 प्रतिशत का प्रावधान होगा।
केंद्रीय बजट 2024-25 के प्रस्ताव:
— Ministry of Finance (@FinMinIndia) July 23, 2024
✅ अगले 5 वर्षों में बुनियादी ढांचे के लिए मजबूत राजकोषीय समर्थन बनाए रखने का सरकार का प्रयास
✅ पूंजीगत व्यय रु. 11,11,111 करोड़ @ भारत की #GDP का 3.4%
✅ रुपये का प्रावधान। राज्य सरकारों द्वारा #बुनियादी ढांचे #निवेश का समर्थन करने के लिए… pic.twitter.com/MhSjrhDn8p
राज्य सरकारों द्वारा बुनियादी ढाँचे में निवेश में सहायता के लिए दीर्घकालिक ब्याज मुक्त ऋण के लिए 1.5 लाख करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। इतना ही नहीं, त्वरित सिंचाई लाभ कार्यक्रम कोसी-मेची अंतरराज्यीय लिंक जैसी परियोजनाओं के लिए 11,500 करोड़ रुपए सरकार उपलब्ध कराएगी।
इस बजट में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (PMGSY) के चौथे चरण के लिए 25,000 ग्रामीण बसावटों के लिए बारहमासी सड़क संपर्क मुहैया कराया जाएगा। इसके अलावा असम और हिमाचल प्रदेश में बाढ़ प्रबंधन के लिए तथा उत्तराखंड एवं सिक्किम को बादल फटने, फ्लैश फ्लड और भूस्खलन से होने वाली हानि से बचाने के लिए सहायता उपलब्ध कराई जाएगी।