मुस्लिम महिलाओं की तस्वीर ‘बुल्ली बाई ऐप’ पर नीलाम किए जाने का मामला इन दिनों सोशल मीडिया पर चर्चा में है। इस मामले में रोज नए खुलासे हो रहे हैं। ऐप के हैंडलर्स 21 साल के इंजिनियरिंग स्टूडेंट विशाल झा और 18 वर्षीय श्वेता सिंह को गिरफ्तार किया जा चुका है। उत्तराखंड के डीजीपी अशोक कुमार ने बुधवार (5 जनवरी 2021) को समाचार एजेंसी एएनआई को बताया, “बुल्ली बाई ऐप मामले में उत्तराखंड के रुद्रपुर से गिरफ्तार की गई युवती गरीब परिवार से है। उसके पिता अब इस दुनिया में नहीं हैं। ऐसा लगता है कि वह पैसे के लिए इस तरह की गतिविधियों में शामिल हुई।” उन्होंने उत्तराखंड के ऊधमसिंहनगर जिले की निवासी श्वेता सिंह को इस मामले का मास्टरमाइंड बताया है।
The woman who was arrested from Uttarakhand’s Rudrapur in the ‘Bulli Bai’ app case belongs to a poor family and her father is not alive. It seems she got involved in such activities for money: Uttarakhand DGP Ashok Kumar https://t.co/9f7LgdwmXM pic.twitter.com/Lye4XjcBlF
— ANI (@ANI) January 5, 2022
#UPDATE | Mumbai Police Cyber Cell takes into custody one more accused in ‘Bulli Bai’ app case: Police https://t.co/22NChpiod8
— ANI (@ANI) January 5, 2022
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, श्वेता के पिता कि पिछले साल COVID-19 के कारण मृत्यु हो चुकी है, जबकि पहले श्वेता ने अपनी माँ को कैंसर से खो दिया था। उसकी एक बड़ी बहन भी है, जिसने कॉमर्स में ग्रेजुएशन की है। इसके अलावा उसकी एक छोटी बहन और भाई भी है, जो स्कूल में पढ़ते हैं। श्वेता खुद इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा की तैयारी कर रही थी।
मंगलवार (4 जनवरी 2021) को मुंबई पुलिस ने बताया कि युवती ‘बुल्ली बाई’ से जुड़े तीन अकॉउंट हैंडल कर रही थी, जबकि विशाल कुमार खालसा चरमपंथी के नाम से अकॉउंट चला रहा था। 31 दिसंबर को उसने अपने बाकी अकॉउंट को भी सिख नामों से मिलता-जुलता रख लिया था और फर्जी खालसा अकॉउंट होल्डर्स को दिखाया था।
बता दें कि पिछले साल हुए सुल्ली डील्स ऐप केस के बाद इस वर्ष की शुरुआत में बुल्ली बाई ऐप सामने आया है, जो गिटहब एपीआई पर बनाया गया था। गिटहब ऐप पर बुल्ली बाई (Bulli Bai app on GitHub) नाम से बनाए गए ऐप पर मुस्लिम महिलाओं की तस्वीरों को अपलोड कर उनको नीलाम किया जा रहा था। इसका खुलासा होने के बाद इसके ट्विटर हैंडल को सस्पेंड कर दिया गया है। इसके बायो में लिखा था, “बुल्ली बाई खालसा सिख फोर्स (केएसएफ) के एक समुदाय द्वारा संचालित ओपन-सोर्स ऐप है।” वहीं इसके ट्विटर लोकेशन स्टेटस से पता चला कि यह अकॉउंट यूएस से संचालित किया जा रहा था।