Tuesday, November 19, 2024
Homeदेश-समाज'क्या डार्लिंग, चालान करने आई हो क्या?': शराबी ने महिला पुलिस अधिकारी पर किया...

‘क्या डार्लिंग, चालान करने आई हो क्या?’: शराबी ने महिला पुलिस अधिकारी पर किया कमेंट, कोर्ट बोला- यह आपत्तिजनक और यौन रूप से प्रेरित टिप्पणी

कलकत्ता हाई कोर्ट ने शुक्रवार (1 मार्च 2024) को एक मामले की सुनवाई के दौरान माना कि किसी अज्ञात महिला को 'डार्लिंग' कहना आपत्तिजनक और यौन रूप। से प्रेरित टिप्पणी है। ऐसा करने वाले को भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 354A(I) के तहत दंडित करने का प्रावधान है। पोर्ट ब्लेयर पीठ में एकल-न्यायाधीश न्यायमूर्ति जय सेनगुप्ता ने जनक राम (अपीलकर्ता/दोषी) की सजा को बरकरार रखा।

कलकत्ता हाई कोर्ट ने शुक्रवार (1 मार्च 2024) को एक मामले की सुनवाई के दौरान माना कि किसी अज्ञात महिला को ‘डार्लिंग’ कहना आपत्तिजनक और यौन रूप से प्रेरित टिप्पणी है। ऐसा करने वाले को भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 354A(I) के तहत दंडित करने का प्रावधान है। पोर्ट ब्लेयर पीठ में एकल-न्यायाधीश न्यायमूर्ति जय सेनगुप्ता ने जनक राम (अपीलकर्ता/दोषी) की सजा को बरकरार रखा।

जनक राम ने नशे की हालत में पकड़े जाने के बाद एक महिला पुलिस अधिकारी (शिकायतकर्ता) से पूछा था, “क्या डार्लिंग, चालान करने आई हो क्या”? जज ने कहा, “सड़क पर किसी अज्ञात महिला को, चाहे वह पुलिस कॉन्स्टेबल हो या नहीं, एक आदमी द्वारा, चाहे वो शराब के नशे में हो या नहीं, ‘डार्लिंग’ शब्द से संबोधित करना स्पष्ट रूप से अपमानजनक है। इस्तेमाल किया गया शब्द मूल रूप से यौन टिप्पणी है।”

अदालत ने कहा कि आरोपित का दावा था कि इस बात का कोई सबूत नहीं है कि वह नशे में था। अदालत ने तर्क के जवाब में कहा, “अगर यह शांत अवस्था में किया गया होता तो अपराध की गंभीरता शायद और भी अधिक होती।” कोर्ट ने कहा, “हमारे समाज में प्रचलित मानक ऐसे नहीं हैं कि सड़क पर किसी पुरुष को एक अनजान महिला के संबंध में ऐसी अभिव्यक्ति का उपयोग करने की अनुमति दी जा सके।”

दरअसल, पीड़ित महिला पुलिस कॉन्स्टेबल और अन्य पुलिसकर्मियों की एक पुलिस टीम दुर्गा पूजा की पूर्व संध्या पर कानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए लाल टिकरे की ओर जा रही थी। जब वे वेबी जंक्शन पहुँचे तो उन्हें सूचना मिली कि एक व्यक्ति वहाँ उपद्रव मचा रहा है। पुलिस दल वहाँ पहुँचा और बदमाश को पकड़कर थाने ले गया, जबकि पीड़िता सहित बाकी पुलिस दल जंक्शन पर ही रुक गया।

जिस जगह पर पुलिस दल खड़ा था, वहाँ अंधेरा था। इसलिए उन्होंने एक दुकान के सामने लगी स्ट्रीट लाइट के नीचे जाने का फैसला किया। जब वे स्ट्रीट लाइट के पास पहुँचे तो दुकान के सामने खड़े अपीलकर्ता जनक राम ने शिकायतकर्ता महिला अधिकारी से कामुक सवाल पूछा, “क्या डार्लिंग, चालान करने आई हो क्या?”

बार एंड बेंच की रिपोर्ट के मुताबिक, इस पर मायाबंदर पुलिस स्टेशन ने भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 354 ए (1) (iv) और 509 (शब्द, इशारा या किसी महिला की विनम्रता का अपमान करने का इरादा) के तहत पहली सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) दर्ज की।

24 अप्रैल 2023 के एक फैसले में न्यायिक मजिस्ट्रेट, प्रथम श्रेणी, उत्तरी और मध्य अंडमान, मायाबंदर ने अपीलकर्ता को आईपीसी की धारा 354A(1)(iv) और 509 के तहत अपराध के लिए दोषी ठहराया और उसे तीन महीने के साधारण कारावास की सजा सुनाई। साथ ही उसे दोनों अपराधों में से प्रत्येक के लिए ₹500 का जुर्माना भरने का भी निर्देश दिया।

इसके खिलाफ अपीलकर्ता ने अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश, उत्तरी और मध्य अंडमान के समक्ष अपील की, लेकिन 21 नवंबर 2023 को इसे खारिज कर दिया गया। इसके बाद जनक राम ने उच्च न्यायालय के समक्ष याचिका दायर की। न्यायालय ने पहले धारा 354ए और 509 की जाँच की और माना कि किसी अनजान महिला को ‘डार्लिंग’ जैसे शब्दों से संबोधित करना दोनों प्रावधानों के तहत अपराध होगा।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

बीजेपी को बदनाम करने के चक्कर में एक-दूसरे की पतलून उतार रहे कॉन्ग्रेस विधायक: एक ने कहा- कर्नाटक सरकार गिराने को ₹100 करोड़ का...

मांड्या से कॉन्ग्रेस विधायक रविकुमार गनिगा ने कहा कि बीजेपी ने सरकार गिराने के लिए कॉन्ग्रेस विधायकों को ₹100 करोड़ का ऑफर दिया।

The साबरमती Report: जरूर देखने के 7 कारण, 7 कारण इग्नोर करने के… और विवाद वाले 3 सीन

मारे गए 59 लोगों में से 41 का नाम ही अभी तक सार्वजनिक। अगर चाहते हैं कि बाकी 18 लोग अज्ञात बन कर न रह जाएँ - तो देखिए The साबरमती Report

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -