सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार (19 मई 2023) को वाराणसी के ज्ञानवापी परिसर में मिले शिवलिंग की कार्बन डेटिंग पर रोक लगा दी है। सुप्रीम कोर्ट ने अगली सुनवाई तक यह रोक लगाई है। इसके पहले 12 मई 2023 को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने ज्ञानवापी परिसर में मिले शिवलिंग की वैज्ञानिक जाँच की अनुमति दे दी थी। हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ अंजुमन इस्लामिया मस्जिद कमिटी (मस्जिद पक्ष) सुप्रीम कोर्ट पहुँची थी।
अंजुमन इस्लामिया मस्जिद कमिटी की याचिका पर चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जस्टिस केवी विश्वनाथन की पीठ ने सुनवाई की। इस दौरान कमिटी की तरफ से पेश हुए वकील हुजेफा अहमदी ने कहा कि हाईकोर्ट में मस्जिद कमिटी की याचिका पर दिसंबर 2022 में ही फैसला सुरक्षित रखा गया। इसके बाद 11 मई 2023 को एएसआई अदालत में रिपोर्ट सौंपती है और 12 मई को हाईकोर्ट कार्बन डेटिंग कराने के ऑर्डर दे देती है। हुजेफा का कहना है कि अदालत ने उन्हें अपना पक्ष रखने के लिए समय नहीं दिया।
उत्तर प्रदेश राज्य सरकार और केंद्र सरकार की तरफ से अदालत में पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने वैज्ञानिक जाँच के दौरान शिवलिंग को नुकसान पहुँचने को लेकर चिंता व्यक्त की। हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने अदालत के सामने कहा कि एएसआई ने अपने रिपोर्ट में कहा है कि उनकी जाँच से शिवलिंग को नुकसान नहीं पहुँचेगा। इसी आधार पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने शिवलिंग की कार्बन डेटिंग की इजाजत दी थी। उन्होंने कोर्ट से वह रिपोर्ट मँगवाने का अनुरोध भी किया।
Supreme Court says since the implications of the Allahabad High Court order that allowed carbon dating of the “Shivling” merit closer scrutiny, the implementation of the directions concerned in the order shall stand deferred till the next date.
— ANI (@ANI) May 19, 2023
एसजी तुषार मेहता ने अदालत से कहा कि सरकार को यह भी पता लगाने की आवश्यकता है कि क्या कार्बन डेटिंग के अलावा अन्य वैज्ञानिक परीक्षण किए जा सकते हैं। इस पर सीजेआई चंद्रचुड़ ने कहा कि कोर्ट ASI से रिपोर्ट मँगवाने के खिलाफ नहीं है लेकिन सरकार को अन्य विकल्पों और मुद्दों पर विचार करने के लिए समय देना चाहिए। सीजेआई ने कहा कि इन मामलों में सावधानी से चलने की जरूरत है।
मामले की सुनवाई कर रही तीन जजों की पीठ ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश पर अगली सुनवाई तक रोक लगा दिया। इसके बाद मामले की सुनवाई 7 अगस्त तक के लिए टाल दी गई। 7 अगस्त तक कार्बन डेटिंग पर रोक जारी रहेगी। बता दें कि 12 मई को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने भारतीय पुरातत्व सर्वे (ASI) को शिवलिंग को बिना किसी तरह की क्षति पहुँचाए कार्बन डेटिंग कराने का आदेश दिया था।