कोयम्बटूर में एक सरकारी सहायता प्राप्त स्कूल के एक 65 वर्षीय कैथोलिक पादरी एंटनी राज को पुलिस ने गुरुवार (21 नवंबर) को गिरफ़्तार कर लिया। पादरी की गिरफ़्तारी इसलिए हुई क्योंकि उसने कुछ छात्राओं को कथित तौर पर अपने मोबाइल फोन पर सेक्सुअल कंंटेंट (यौन सामग्री) खोलने के लिए मजबूर किया था।
कैथोलिक पादरी, जो शहर में एक सरकारी सहायता प्राप्त स्कूल के कॉरस्पॉण्डेन्ट के रूप में सेवा दे रहा था। पुलिस ने बताया कि मारिया एंटनी राज, जो शहर के गाँधीपुरम में सेंट मैरी हाई स्कूल में कॉरस्पॉण्डेन्ट के तौर पर कार्यरत था, उसने कई बार छात्राओं को अपने मोबाइल फोन पर सेक्सुअल कंटेंट खोलने के लिए मजबूर किया था। उसकी इस हरक़त से क़रीब पाँच छात्राएँ प्रभावित थी।
छात्राओं की शिक़ायत के बाद, उनके माता-पिता ने कॉरस्पॉण्डेन्ट को हटाने के लिए स्कूल प्रबंधन से कहा था। जब उसे स्कूल से नहीं निकाला गया, तो माता-पिता ने पुलिस से सम्पर्क किया। स्कूल के एक अधिकारी ने कहा कि अभिभावकों ने सोमवार (18 नवंबर) को उनसे सम्पर्क किया और कॉरस्पॉण्डेन्ट की शिकायत की। अधिकारी ने कहा, “उन्होंने बुधवार को फिर से इस मुद्दे का उठाया और हमें उसे हटाने के लिए कहा।”
इस मामले की छानबीन के लिए गुरुवार (21 नवंबर) को पुलिस ने स्कूल का दौरा किया और प्रभावित छात्रों, उनके माता-पिता और स्कूल प्रबंधन से पूछताछ की। बाद में आरोपित को ऑल वुमेन पुलिस स्टेशन, कोयम्बटूर सेंट्रल ले जाया गया। वहाँ उसके ख़िलाफ़ प्रोटेक्शन ऑफ चिल्ड्रन फ्रॉम सेक्सुअल ऑफेंस (POCSO) एक्ट, 2012 की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया।
ख़बर के अनुसार, पुलिस उपायुक्त (क़ानून-व्यवस्था) एल बालाजी सरवनन ने बताया कि आरोपित को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। पुलिस सूत्रों ने कहा कि इस बात की जाँच भी की जा रही है कि स्कूल में इस तरह की घटनाएँ हुई थी या नहीं। सूत्रों ने यह भी कहा कि वे प्रभावित बच्चों को परामर्श और चिकित्सा जाँच के लिए भेजेंगे ताकि यह पता चल सके कि कहीं, वो किसी तरह की मानसिक पीड़ा से ग्रसित तो नहीं थी।
स्कूल की हेडमिस्ट्रेस एसी अनीता ने कहा कि राज एक सेवानिवृत्त व्यक्ति थे, जो कॉरस्पान्डन्ट के रूप में सेवा दे रहे थे। इस घटना के बाद उन्हें पद से हटा दिया गया था, और आगे उनकी सेवा बहाल नहीं की जाएगी। वहीं, इस बात का भी पता चला कि राज कोयम्बटूर सूबे (लैटिन संस्कार) से जुड़ा हुआ है।