CBI ने एक जिलाधिकारी (DM) के सरकारी आवास पर जब छापा मारा तो इतनी नगदी बरामद हुई कि गिनने के लिए जाँच एजेंसी को मशीन मँगानी पड़ गई। मामला बुलन्दशहर का है, जिसके DM अभय सिंह के घर से मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक सीबीआई ने भारी मात्रा में नगदी बरामद की है। हालाँकि मामला बुलन्दशहर नहीं, फतेहपुर का है जहाँ तैनाती के दौरान अभय सिंह पर अवैध खनन में भागीदारी का आरोप लगा था और जिसके सिलसिले में उपरोक्त कार्रवाई जाँच एजेंसी ने की है।
DM महोदय घर पर मौजूद
न्यूज़ स्टेट की खबर के मुताबिक सीबीआई ने पहले अभय सिंह के घर की सघन तलाशी ली। एक घंटे तक चली इस तलाशी के दौरान जिलाधिकारी खुद आवास पर मौजूद बताए जा रहे हैं। दो गाड़ियों में भरकर पहुँची सीबीआई की टीम ने जानकारी के अनुसार मुरादाबाद के प्रथमा यूपी ग्रामीण बाइक के महाप्रबंधक (जनरल मैनेजर) शैलेश रंजन के घर भी छापेमारी की।
आरोप है कि हाई कोर्ट द्वारा किसी भी नए खनन पट्टे के आवंटन पर 2013 में ही रोक लगा दिए जाने और पुराने पट्टों के नवीनीकरण पर रोक होने के बावजूद खनन जारी रहा। अभय सिंह इस दौरान लगभग 10 महीनों तक फतेहपुर के जिलाधिकारी थे। अंततः जुलाई 2016 में इलाहबाद हाई कोर्ट ने सात जिलों- कौशाम्बी, सहारनपुर, हमीरपुर, फतेहपुर, देवरिया, सिद्धार्थनगर, शामली में अवैध खनन की सीबीआई जाँच के आदेश जारी किए। वही जाँच जारी है, और अभय सिंह जाँच के घेरे में हैं।
जाँच में यह भी पता चला कि अवैध खनन की काली कमाई खाने में कई सफेदपोश नेता और अधिकारी भी शामिल हैं। अब जाँच के आधार पर लगातार सीबीआई छापेमारी कर रही है। जिसमें भारी मात्रा में नगदी पाए जाने की सूचना है।
कई नेता-अफसर शामिल
सीबीआई ने अपनी जाँच में पाया कि मामले में कई अफसरों और सफेदपोश नेताओं की भी मिलीभगत है। इसी जाँच के आधार पर सीबीआई की छापेमारी जारी है। इस मामले के हाई-प्रोफाइल संदिग्धों में चर्चित आईएएस अधिकारी बी. चन्द्रकला भी शामिल हैं, जिन पर बुलंदशहर की डीएम रहने के दौरान अवैध खनन मामले में संलिप्तता का आरोप है। एक बार पहले केंद्र सरकार के कैडर का रुख कर चुकीं चन्द्रकला आजकल शैक्षिक अवकाश (स्टडी लीव) पर हैं।